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पश्चिमी उत्तर प्रदेश केंद्रीय संघर्ष समिति की कमजोरी उजागर

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गुरुवार को कानून और न्याय मंत्रालय ने राज्यसभा को सूचित किया कि भारत में किसी भी उच्च न्यायालय की कोई नई पीठ स्थापित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।   डॉ समसित पत्र (सांसद) ने निम्नलिखित प्रश्न पूछे: क्या कानून और न्याय मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि: (क) पिछले पांच वर्षों के दौरान भारत में न्यायालयों के लिए स्थापित नई न्यायपीठों का विवरण; (बी) वर्तमान में सरकार के पास लंबित नई पीठों की स्थापना के प्रस्ताव: और (ग) भारत में एक न्यायालय के लिए एक नई पीठ स्थापित करने की प्रक्रिया? श्री किरेन रिजिजू का उत्तर: (ए) से (सी): पिछले पांच वर्षों के दौरान, जलपाईगुड़ी में कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक सर्किट बेंच की स्थापना 07.02.2019 से की गई थी। उच्च न्यायालय की खंडपीठों की स्थापना जसवंत सिंह आयोग द्वारा की गई सिफारिशों और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुनाए गए निर्णय के अनुसार की जाती है। जिसमें एक पूर्ण प्रस्ताव पर विचार करने के बाद आवश्यक व्यय और आधारभूत सुविधाएं प्रदान करना है और संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को दिन–प्रतिदिन प्रशासन की देखभाल करने की आवश्यकता है। इसके बाद प्रस्ताव पर सं

योगी जी कैराना में स्थापित करें जनपद न्यायालय शामली

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       2011 में 28 सितंबर को शामली जिले का सृजन किया गया. तब उसमें केवल शामली और कैराना तहसील शामिल थी. इससे पहले शामली और कैराना तहसील मुजफ्फरनगर जनपद के अंतर्गत आती थी. कुछ समय बाद शामली जिले में ऊन तहसील बनने के बाद अब शामली जिले के अंतर्गत तीन तहसील कार्यरत हैं. 2018 के अगस्त तक शामली जिले का कानूनी कार्य मुजफ्फरनगर जिले के अंतर्गत ही कार्यान्वित रहा किन्तु अगस्त 2018 में शामली जिले की कोर्ट शामली जिले में जगह का चयन न हो पाने के कारण कैराना में आ गई और इसे नाम दिया गया -" जिला एवं सत्र न्यायालय शामली स्थित कैराना. "         2018 से अब तक मतलब जुलाई 2022 तक शामली जिले के मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर जिला जज की कोर्ट के लिए जगह का चयन हो जाने के बाद शासन द्वारा 51 एकड़ भूमि जिला न्यायालय कार्यालय और आवासीय भवनों के लिए आवंटित की गयी थी, जिसमें चाहरदीवारी के निर्माण के लिए 4 करोड़ की धन राशि अवमुक्त की गई थी जिससे अब तक केवल बाउंड्रीवाल का ही निर्माण हो पाया है. उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा जिला न्यायालय कार्यालय और आवासीय भवनों के निर्माण के लिए 295 करोड़ रुपये का एस्