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अब पत्नियों की आयी मौज

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    योगी सरकार उत्तर प्रदेश में जब से आयी है बहुत से क्रांतिकारी बदलाव लेकर आयी है और अब उन्हीं बदलावों में एक और वृद्धि करने जा रही है यहां की पीड़ित महिलाओं या यूं कहें कि पीड़ित पत्नियों के लिए, तो ज्यादा उचित रहेगा, एक सुकून भरे जीवन की शुरुआत और वह यह है - मतलब यह है कि प्रदेश में तीन तलाक पीड़ित व परित्यक्ता पत्नी की मदद का मसौदा तैयार कर लिया गया है और चालू वित्त वर्ष में यह लागू कर दिया जाएगा जिसमें 5000 तीन तलाक पीड़िताओं को और 5000 परित्यक्ताओं को साल में 6000 रुपये दिए जाया करेंगे और इसके लिए उन्हें केवल यह सबूत देना होगा कि उन्होंने पति के खिलाफ एफ आई आर कराई है या पति पर भरण पोषण के लिए मुकदमा किया है.  तो अब दीजिए योगी सरकार को धन्यवाद और अपनी चिंताओं को करिए किनारे क्योंकि कम से कम किसी सरकार को तो उनकी सुध आई.  शालिनी कौशिक एडवोकेट  (कानूनी ज्ञान) 

पति बेचारा....................... नहीं

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ये तो सभी जानते हैं कि यदि पति या पिता अपनी पत्नी या सन्तान का भरण पोषण नहीं करते तो वे गुजारा भत्ता मांग सकते हैं किन्तु ये कुछ ही लोग जानते होंगे कि पति भी गुजारा भत्ता मांग सकता है और हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 25 ऐसी ही व्यवस्था करती है.   बरेली का एक मामला ऐसी ही जानकारी हमें दे रहा है. बेरोजगार पति ने सरकारी सेवारत अपनी पत्नी से गुजारा भत्ता हासिल करने के लिए अदालत में अर्जी दी है। इस अर्जी में उसने कहा है कि वह खुद भी पढ़ा लिखा बेरोजगार है, फिर भी उसने अपनी पत्नी की सरकारी नौकरी लगवाने के लिए पांच लाख रुपये खर्च किए थे। मगर नौकरी लगने के बाद जब अच्छी-खासी तन्ख्वाह उसकी पत्नी के हाथ आने लगी तो उसके तेवर बदल गए। कुछ ही समय बाद सारा जेवर लेकर उसने उसका घर छोड़ दिया। उसने अदालत से फरियाद की है कि उसकी बेरोजगारी का ख्याल रखते हुए उसे उसकी पत्नी से गुजारा भत्ता दिलाया जाए।      बिशारतगंज के गांव बलेई भगवंतपुर में रहने वाले 25 वर्षीय योगेश कुमार ने अपने वकील के जरिये सोमवार को अदालत में अर्जी दाखिल की। इसमें योगेश ने कहा है कि उसकी शादी तीन जून, 2015 को से हुई थी। शादी के बाद