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टोल फ्री नंबर 18008893277 अभिभावकों के लिए

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         उत्तर प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को मिलने वाली यूनिफोर्म, जूता, बैंक के लिए डीबीटी के माध्यम से 1200 रुपये खाते में भेजे जाते हैं। अभी हाल ही में लखनऊ में हुए मेधावियों के सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के खातों में धनराशि स्थांतरित की।       कार्यक्रम में उन्होंने टोल फ्री नंबर 18008893277 भी जारी किया। टोल फ्री नंबर  18008893277  पर अभिभावक निम्न मामलों में शिकायत दर्ज करा सकते हैं -  ➡️ विद्यालयों में बच्चों को समय पर किताब न मिलने, ➡️ मध्याह्न भोजन न मिलने,  ➡️ शिक्षण कार्य में अनियमितता  ➡️ बच्चों के बैठने की सही व्यवस्था न होना  ➡️ बच्चों के साथ शिक्षक, शिक्षिका का व्यवहार सही न होना        आदि सहित अन्य शिकायत दर्ज करा सकेंगे। अभिभावक के शिकायत करने पर समस्या का तुरंत समाधान बेसिक शिक्षा विभाग व शासन द्वारा कराया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा टोल फ्री नंबर  18008893277 को परिषदीय विद्यालयों को स्कूल की दीवारो...

साइबर क्राइम नई ऊंचाइयों पर

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  व्हाट्सएप जैसे ऐप का इस्तेमाल करने वाले अब सावधान हो जाएं क्यूंकि अब जो साइबर ठगी करने का नया तरीका साइबर ठगों द्वारा अपनाया जा रहा है उसके लिए ऐसे ही ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा है जिनसे फोटो को डाउनलोड किया जा सकता है। साथ ही, इसके शिकार ऐसे लोगों को भी बनाया जा सकता है जो नेट बैंकिंग का प्रयोग करते ही नहीं है.  साइबर ठगों ने इस नये तरीके को अपनाकर एक व्यापारी  से 2.10 लाख रुपये उड़ा लिए . ठगों द्वारा व्हाट्सएप पर एक अज्ञात व्यक्ति की फोटो भेजकर व्यापारी के मोबाइल को हैक कर लिया गया और उसके खाते से पैसे उड़ा लिए गए . व्यापारी ने बताया कि उसके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से फोन आया. फोन करने वाले ने कहा कि उसने मेरे व्हाट्सएप पर एक फोटो भेजा और उन्हें पहचानने के लिए कहा. जब व्यापारी द्वारा फोटो डाउनलोड किया गया तो वह एक बुजुर्ग शख्स की तस्वीर थी, जिसे वे पहचान नहीं सके.इसके बाद व्यापारी द्वारा आने वाली अगली कई कॉल को नजरअंदाज कर दिया गया लेकिन जब लगातार फोन आता रहा तो व्यापारी ने एक बार फिर रिसीव कर लिया और बुजुर्ग को न पहचानने की बात कहकर फोन रख दिया. जिसके एकदम बाद उ...

अब सी एम योगी का एक्शन ई रिक्शा और ऑटों पर

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      शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन के मुख्य साधन के रूप में अपनाए जा रहे ई रिक्शा और ऑटों जाम के मुख्य घटक बन चुके हैं जिसके कारण सड़कों की व्यवस्था बिगड़ चुकी है, इसलिए अब उत्तर प्रदेश सरकार अब इनके खिलाफ एक्शन मोड में आ गई है. मुख्यमंत्री योगी के आदेश पर अब अप्रैल माह में इनके द्वारा फैलाई गई अव्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए अभियान चलाया गया है , जिसमें चार हजार से ज्यादा ई रिक्शा और ऑटों पर पहले ही दिन एक्शन लिया जा चुका है.       परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार यह विशेष अभियान शुरू हो गया है. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में सड़कों को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाना है. अनधिकृत रूप से संचालित होने वाले ई-रिक्शा और ऑटो न केवल यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाए गए अभियान के तहत सार्वजनिक स्थलों, बाजारों, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन क्षेत्रों में विशेष चेकिंग अभियान चलाया गया.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्दे...

उत्तर प्रदेश में मांस बैन

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                  योगी ने यू पी में किया मांस बैन       चैत्र नवरात्रि आरंभ हो गई हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा सनातन धर्म की मर्यादा के अनुरूप फैसला लिया गया है. उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने चैत्र नवरात्रि  में बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 9 दिनों तक प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों के पास मांस की ब्रिकी पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। धार्मिक स्थलों के 500 मीटर के दायरे में मांस नहीं बेचा जाएगा। इस दायरे के बाहर भी लाइसेंस की शर्तों के मुताबिक ही दुकानें चलेंगी। खुले में मांस बेचने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है । वहीं रामनवमीं पर मांस-मछली की सभी दुकानें पूर्ण रूप से बंद रहेंगी। साथ ही, श्री राम नवमी का पर्व 6 अप्रैल में है, उसे देखते हुए यूपी में 6 अप्रैल 2025 को रामनवमीं पर सभी मांस की दुकानें पूर्णतया बंद रहेंगी। इस दिन पशु वध और मांस की बिक्री पूरी तरह बंद रहेगी। उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 और खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 और 2011 के प्रावधानों के तहत...

ई-प्रिज़न ऐप का मुख्य उत्पाद है कियोस्क सूचना

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    हमारी पिछली पोस्ट में आपने जाना NSTEP और E-PRISON के बारे में, यदि आपने पोस्ट को ध्यान से पढ़ा होगा तो आप E-PRISON को विस्तार से जान गए होगे, यदि फिर भी कुछ कमी रह गई है तो एक बार फिर E-PRISON की कुछ मुख्य विशेषताओं पर ध्यान दीजिये, जिससे आपके लिए आसान होगा हमारी आज की पोस्ट कियोस्क सूचना के बारे में जानना, तो पहले कल की पोस्ट के कुछ अंश आपकी सुविधा के लिए प्रस्तुत किए जा रहे हैं -  ➡️  ई-प्रिजन एप्लीकेशन सूट- 🌑 ई-प्रिजन एप्लीकेशन सूट जेल और कैदी प्रबंधन से संबंधित सभी गतिविधियों को एकीकृत करता है। यह जेलों में बंद कैदियों के बारे में वास्तविक समय में अदालतों, जेल अधिकारियों और आपराधिक न्याय प्रणाली में शामिल अन्य संस्थाओं को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। यह ऑनलाइन मुलाकात अनुरोध और शिकायत निवारण की सुविधा प्रदान करता है। ➡️ ई-प्रिज़न ऐप के मुख्य उत्पाद:  🌑 कैदी सूचना प्रबंधन प्रणाली (पीआईएमएस) 🌑 आगंतुक प्रबंधन प्रणाली (ई विजिटर) 🌑 अस्पताल प्रबंधन प्रणाली (ई अस्पताल) 🌑 कानूनी सहायता प्रबंधन प्रणाली 🌑 सूची प्रबंधन प्रणाली 🌑 जेल प्रबंधन प्रणाली (पी...

NSTEP और E-PRISON - विस्तार से जानिए

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   कानूनी प्रक्रिया की नवीनतम तकनीक के रूप में न्यायालयों की गतिविधियों में दो नए वेब ऐप्लिकेशन और मोबाइल ऐप शामिल किए गए हैं. आज हम आपको उन्हीं दोनों ऐप के सम्बन्ध में सम्पूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं ताकि ये कानून के क्षेत्र में ईमानदारी से कार्य करने वाले अधिवक्ताओं, कर्मचारियों और सभी कानूनविदों के काम आ सकें. एन-स्टेप (N-STEP) एक प्रक्रिया सेवा है और ई-प्रिज़न, जेलों के प्रबंधन से जुड़ी एक प्रबंधन सूचना प्रणाली है.  🌑 पहली वेब ऐप्लिकेशन और मोबाइल ऐप का नाम है  ➡️ एन-स्टेप (N-STEP) 🌑 यह सिविल कोर्ट की तामिलों की इलेक्ट्रॉनिक सर्विस के लिए है.  🌑 यह एक केन्द्रीकृत प्रक्रिया सेवा है.  🌑 इसमें वेब ऐप्लिकेशन और मोबाइल ऐप शामिल है.  🌑 यह प्रोसेस सर्वर और लिटिगेंट अंग्रेज़ी न जानने की समस्या को दूर करता है क्योंकि इसमें आप भाषा चयन करते हुए अपनी भाषा के रूप में हिंदी भाषा का चयन कर सकते हैं.  🌑 यह तामील प्रक्रिया में तेज़ी लाता है और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाता है.  🌑 यह समन की तामील का रीयल टाइम स्टेटस अपडेट देता है.  🌑 दूसरी वेब ...

इलाहाबाद हाई कोर्ट - शादी करके पत्नी का संरक्षक बनें-मालिक नहीं

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  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक युवक द्वारा अपनी पत्नी के अंतरंग वीडियो सोशल मीडिया वेबसाइट पर वायरल करने के आरोपी युवक को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा,  शादी करके उसके संरक्षक बने हो. मालिक नहीं। उसके समर्पण और भरोसे का सम्मान करो। यदि वैवाहिक पवित्रता कायम नहीं रख सकते तो राहत के हकदार नहीं हो।  यह कहते हुए जस्टिस विनोद दिवाकर की कोर्ट ने मिर्जापुर निवासी युवक की जिला अदालत में लंबित आपराधिक कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।   उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के पडरी थाना क्षेत्र में धनही निवासी युवक की शादी चुनार के पिरल्ली गांव में हुई थी। आठ मई 2022 को पत्नी ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया कि दहेज उत्पीड़न को लेकर दर्ज मुकदमे की सुलह के लिए 13 सितंबर 2021 को वह ससुराल गई थी। उसी रंजिश में पति ने उसकी मर्जी के खिलाफ अंतरंग वीडियो बनाए। उसके बाद उसे रिश्तेदारों के मोबाइल व सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इससे उसकी प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा है।विवेचना के बाद पुलिस ने पति के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में आईटी एक्ट की धाराओं में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। कोर्ट ने ...