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अच्छी कमाई वाली महिला गुजारा भत्ते की हकदार नहीं-इलाहाबाद हाईकोर्ट

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  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि  "अगर कोई पत्नी अच्छी नौकरी करती है और अपना गुज़ारा करने के लिए काफ़ी सैलरी कमाती है तो वह CrPC की धारा 125 के तहत गुज़ारा भत्ता पाने की हकदार नहीं है।" इस तरह जस्टिस मदन पाल सिंह की बेंच ने फ़ैमिली कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें एक पति को अपनी पत्नी को सिर्फ़ "इनकम को बैलेंस" करने और दोनों पक्षों के बीच बराबरी लाने के लिए 5K रुपये गुज़ारा भत्ता देने का निर्देश दिया गया, जबकि पत्नी हर महीने 36K रुपये कमाती थी। कोर्ट ने इस बात पर भी एतराज़ जताया कि पत्नी "साफ़-सुथरे हाथों" से कोर्ट नहीं आई। कोर्ट ने कहा कि उसने शुरू में बेरोज़गार और अनपढ़ होने का दावा किया, जबकि असल रिकॉर्ड से पता चलता है कि वह पोस्टग्रेजुएट है और सीनियर सेल्स कोऑर्डिनेटर के तौर पर काम कर रही है। संक्षेप में मामला कोर्ट पति (रिविज़निस्ट) द्वारा दायर क्रिमिनल रिविज़न पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें गौतम बुद्ध नगर के फ़ैमिली कोर्ट के प्रिंसिपल जज के फ़ैसले और आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें उसे पत्नी को गुज़ारा भत्ता देने का निर्देश दिया गया। उनके व...

बार कौंसिल ऑफ़ उत्तर प्रदेश द्वारा मनमाना शुल्क वसूलने से सुप्रीम कोर्ट चिंतित

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  सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश बार काउंसिल द्वारा नामांकन प्रक्रिया में मौखिक साक्षात्कार (oral interview) के लिए अभ्यर्थियों से ₹2500 शुल्क वसूलने के आरोपों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। अदालत ने इसे अपने 2024 के फैसले की अवहेलना बताते हुए उप्र बार काउंसिल को नोटिस जारी किया है और निर्देश दिया है कि वह इस प्रथा को स्पष्ट करने के लिए हलफनामा दाखिल करे। जस्टिस जेबी पारडिवाला और जस्टिस पीबी वराले की बेंच ने कहा कि यह शुल्क सुप्रीम कोर्ट के Gaurav Kumar v. Union of India (2024) निर्णय को दरकिनार करने का तरीका प्रतीत होता है, जिसमें नामांकन शुल्क की सीमा स्पष्ट रूप से तय की गई थी।  सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने टिप्पणी की:  “यह अत्यंत चौंकाने वाली बात है कि इंटरव्यू में बैठने के लिए ₹2500 वसूले जा रहे हैं। अगले दिन की सुनवाई पर यूपी बार काउंसिल को इस संबंध में हलफनामा देना होगा।”       अदालत ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) को भी मामले की जांच कर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए। सुप्रीम कोर्ट का 2024 का निर्णय 2024 के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि—  नामा...

उत्तर प्रदेश-रामपुर- SIR फॉर्म गलत भरने पर पहली FIR-नूरजहां आमिर और दानिश पर -

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  स्रोत -जागरण न्यूज 6 दिसंबर 2025 6 दिसंबर 2025 की जागरण न्यूज के अनुसार रामपुर जिले में एसआईआर फॉर्म में तथ्यों को छुपाकर गलत जानकारी भरने का एक मामला सामने आया है, रामपुर जिले में एक महिला ने विदेश ( दुबई व कुवैत) में पिछले कई वर्षों से रहने वाले अपने दो बेटों के बारे में गलत जानकारी एसआईआर फॉर्म में भर दी। इतना ही नहीं उन्होंने फॉर्म में फर्जी साइन भी किये हैं। बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के फॉर्म का डिजिटाइजेशन करने पर यह फर्जीवाड़ा सामने आया। इस पर जिलाधिकारी रामपुर अजय कुमार द्विवेदी ने तीनों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई है। भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश में विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) का कार्य गंभीरता एवं पूर्ण पारदर्शिता के साथ संचालित किया जा रहा है। जिलाधिकारी रामपुर अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि  "जनपद की सभी विधानसभा क्षेत्रों में विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण का कार्य गंभीरता एवं पूर्ण पारदर्शिता के साथ संचालित किया जा रहा है। इसी क्रम में विधानसभा क्षेत्र–37, रामपुर के भाग संख्या–248 में बीएलओ ने मतदाताओं से गण...

रेक्टिफिकेशन डीड (शुद्धि पत्र)

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 गिफ्ट डीड (दान विलेख) में नाम की गलती को रेक्टिफिकेशन डीड (शुद्धि पत्र) के माध्यम से सुधारा जा सकता है। यह एक कानूनी प्रक्रिया है जिसमें मूल दस्तावेज़ में हुई अनजाने में हुई टाइपिंग या तथ्यात्मक त्रुटियों को ठीक किया जाता है।  ➡️ कानूनी प्रक्रिया (Procedure) नाम की गलती को सुधारने के लिए नीचे दी गई चरण-दर-चरण प्रक्रिया का पालन करें: 1️⃣ त्रुटियों की पहचान करें: मूल गिफ्ट डीड की सावधानीपूर्वक समीक्षा करें और उन विशिष्ट गलतियों या अशुद्धियों की पहचान करें जिन्हें सुधारने की आवश्यकता है। 2️⃣ सहमति प्राप्त करें: सुधार के लिए मूल गिफ्ट डीड में शामिल सभी पक्षों (दानकर्ता और दानग्राही) की आपसी सहमति आवश्यक है। यदि कोई एक पक्ष सहमत नहीं होता है, तो मामले को अदालत में ले जाना पड़ सकता है। 3️⃣ शपथ पत्र (Affidavit) तैयार करें: एक शपथ पत्र तैयार करें जिसमें सही और गलत नाम, सुधार का कारण, और यह घोषणा हो कि दोनों नाम एक ही व्यक्ति के हैं। इस शपथ पत्र को नोटरी द्वारा सत्यापित (notarized) किया जाना चाहिए और उचित मूल्य के गैर-न्यायिक स्टाम्प पेपर पर होना चाहिए। 4️⃣ रेक्टिफिकेशन डीड (शुद्धि प...

BCI राज्य बार कौंसिल में 30%महिला आरक्षण सुनिश्चित करे-सुप्रीम कोर्ट

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  सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार 4 दिसंबर 2025 को संकेत दिया कि वह उम्मीद करता है कि  बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) आगामी राज्य बार काउंसिल चुनावों में महिलाओं के लिए 30% आरक्षण सुनिश्चित करेगी।  कोर्ट यह टिप्पणियाँ उन याचिकाओं की सुनवाई के दौरान कर रहा था, जिनमें राज्य बार काउंसिलों में महिलाओं की अनिवार्य प्रतिनिधित्व की मांग की गई है। यह मामला याचिकाकर्ता योगमाया की ओर से सिनियर एडवोकेट शोभा गुप्ता द्वारा किए गए मेंशन पर सूचीबद्ध हुआ. सुनवाई के दौरान BCI की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट कुमार ने कहा कि ऐसे आरक्षण को लागू करने के लिए एडवोकेट्स एक्ट में संशोधन की आवश्यकता होगी और कई राज्य बार काउंसिलों में चुनाव प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है, इसलिए तत्काल बदलाव करना कठिन होगा। हालांकि, चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने यह स्पष्ट किया कि  BCI को अपने नियमों की ऐसी व्याख्या करनी होगी जिससे राज्य बार काउंसिलों में कम से कम 30% महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके, और यह व्यवस्था कुछ पदाधिकारियों के पदों तक भी विस्तारित हो। CJI ने कहा—  “हम...

SIR 2026 -SIR FORM ONLINE STATUS CHECK

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स्रोत-नवभारत टाइम्स 1 दिसंबर 2025  क्या आपने SIR प्रक्रिया से जुड़ा अपना एन्यूमरेशन फॉर्म मतलब गणना प्रपत्र भर दिया है? लेकिन क्या बीएलओ ने आपका फॉर्म ऑनलाइन सबमिट किया है ? इसके बारे में पता करने के लिए आप नीचे दिए स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं। 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही SIR की प्रक्रिया के तहत क्या आपने अपना एन्यूमरेशन फॉर्म भर दिया है? ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बीएलओ ने आपका फॉर्म सबमिट किया है? दरअसल अगर आप चाहें, तो घर बैठे अपने फोन से आसानी से चेक कर सकते हैं कि आपका एन्यूमरेशन फॉर्म सबमिट हुआ है या नहीं। इसके लिए आपको कुछ आसान से स्टेप्स को फॉलो करना होगा और चंद सेकेंड्स में आपको पता चल जाएगा कि आपका एन्यूमरेशन फॉर्म सबमिट हो गया है या नहीं। चलिए इसके बारे में डिटेल में पता करते हैं। ➡️ एन्यूमरेशन फॉर्म क्या है? यह एक ऐसा डॉक्यूमेंट है जिसका इस्तेमाल मतदाताओं की लिस्ट बनाने के लिए किया जा रहा है। इसे मतदाताओं के घर-घर जाकर भरवाया जा रहा है। इस फॉर्म के जरिए भारत का चुनाव आयोग सुनिश्चित करता है कि वोटर लिस्ट से कोई भी योग्य वोटर बाहर ना रहे और कोई अयोग्...

बिना नॉमिनी के मृत्यु के बाद बैंक से पैसे का दावा कैसे करें?

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बिना नॉमिनी के बैंक से पैसे का दावा करने के लिए, आपको मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र, अपना पहचान पत्र, बैंक खाते का विवरण और मृतक से अपना रिश्ता साबित करने वाले दस्तावेज़ बैंक में जमा करने होंगे। प्रक्रिया के तहत, कानूनी उत्तराधिकारी को बैंक में आवश्यक कागजी कार्रवाई करनी होगी और कुछ दस्तावेज़ जमा करने होंगे, जैसे कि एक डिक्लेरेशन लेटर और एक क्षतिपूर्ति पत्र। बैंक इन दस्तावेज़ों की जांच के बाद पैसे कानूनी उत्तराधिकारी को हस्तांतरित कर देगा।  ➡️ आवश्यक दस्तावेज़ 1️⃣ मृत्यु प्रमाण पत्र: मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र।  2️⃣ पहचान पत्र और पता प्रमाण: कानूनी उत्तराधिकारी का पहचान पत्र और पते का प्रमाण (KYC दस्तावेज़)।  3️⃣ अकाउंट डिटेल्स: बैंक खाते का विवरण और अन्य प्रासंगिक दस्तावेज़।  4️⃣ नातेदारी साबित करने वाले दस्तावेज़: मृतक से उत्तराधिकारी के रिश्ते को साबित करने के लिए दस्तावेज़, जैसे वसीयत, उत्तराधिकार प्रमाण पत्र, या वंशावली।  5️⃣ बैंक द्वारा मांगे गए फ़ॉर्म: बैंक द्वारा दिए गए डिक्लेरेशन लेटर (एनेक्सचर-ए) और इन्डेम्निटी लेटर (एनेक्सचर-सी) जैसे फ़ॉर्म।  ➡️ प...