गुजारा भत्ता -अहम फैसला



रजनीश बनाम नेहा (Rajnish vs Neha) का मामला 2021 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाया गया एक महत्वपूर्ण फैसला है, जो भरण-पोषण (maintenance) के मामलों से संबंधित है। इस फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने भरण-पोषण के मामलों में दिशा-निर्देश जारी किए, जिससे अदालतों को यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सके कि भरण-पोषण के मामलों का तेजी से और कुशलता से निपटारा हो। 

रजनीश बनाम नेहा मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने माना कि भरण-पोषण के मामलों में, अदालतों को कुछ बातों पर विचार करना चाहिए, जैसे:

🌑 पति और पत्नी दोनों की वित्तीय स्थिति (financial position)। 

🌑 भरण-पोषण की राशि तय करते समय, पति की आय और देनदारियों (liabilities) पर विचार किया जाना चाहिए। 

🌑 भरण-पोषण का आदेश देते समय, अदालतों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आदेश उचित और न्यायसंगत हो।

🌑 भरण-पोषण के मामलों का निपटारा यथासंभव शीघ्रता से किया जाना चाहिए।

यह फैसला भरण-पोषण के मामलों में अदालतों को एकरूपता लाने और यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि पीड़ितों को उचित और समय पर न्याय मिले। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया कि भरण-पोषण के मामलों में, अदालतों को साक्ष्य और कानूनी मानकों का पालन करना चाहिए। 

संक्षेप में, रजनीश बनाम नेहा का फैसला भरण-पोषण के मामलों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो यह सुनिश्चित करता है कि भरण-पोषण के मामलों का निपटारा उचित और समय पर हो।

➡️ इस प्रकार गुजारा भत्ता तय करने के रजनीश बनाम नेहा के मामले में 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने तय किए 8 अहम पैमाने

1️⃣ पति-पत्नी की आर्थिक स्थितिः दोनों कितना कमाते हैं, उनके पास कितनी सपति है?

2️⃣ पत्नी और बच्चों की जरूरतें: पत्नी-बच्चों को रोजमर्रा की जिंदगी में किन चीजों की जरूरत है?

3️⃣ दोनों की पढ़ाई और नौकरीः दोनों ने कितनी पढ़ाई की है और क्या काम करते है?

4️⃣ पत्नी की कमाई: पत्नी खुद कितना कमाती है या उसके पास कितनी संपत्ति है?

5️⃣ रहन-सहन का स्तरः शादी के समय पति-पत्नी का जीवन स्तर कैसा था?

6️⃣ परिवार के लिए त्यागः क्या पति या पत्नी ने परिवार के लिए नौकरी या करियर में कोई समझौता किया?

7️⃣ कानूनी खर्चः अगर पत्नी नौकरी नहीं करती है तो केस लड़ने के लिए उसे कितने पैसे चाहिए?

8️⃣ पति की आर्थिक स्थितिः पति कितना कमाता है, उसके पास कितनी संपत्ति है और कितना कर्ज है?

प्रस्तुति 

शालिनी कौशिक 

एडवोकेट 

कैराना (शामली )

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