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बेटी अब खेती की भी मालिक होगी

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बेटियों के अधिकारों लिए आरम्भ से लेकर आज तक बहुत से संघर्ष किये गए और बहुत से फैसले लिए गए. उन सभी को देखते हुए 2005 में हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम में जो बदलाव का निर्णय देश के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया उसे मील का पत्थर, यदि कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी.      माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा 2005 में हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया। जिसके अंतर्गत बेटियों को पिता की पैतृक संपत्ति में बराबर का हिस्सा देने का प्रावधान किया गया। इससे पहले बेटियों को शादी के बाद पिता की सम्पत्ति में अधिकार प्राप्त नहीं होता था. किन्तु अब बेटी को विवाह के बाद भी बेटे जितना हक सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदान कर दिया गया है. ➡️ अब खेती पर भी बेटियों का अधिकार-  खेती की जमीन पर बेटियों का कोई अधिकार नहीं होता था. भारत के कई राज्यों में खेती की जमीन में बेटियों को अधिकार नहीं दिया जाता था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 2020 और फिर 2024 में बेटियों को खेती की जमीन में भी बेटों के बराबर हिस्सा प्राप्त करने का अधिकार दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को भी...

शिवभक्तों के काँवड व्रत की रक्षा के लिए सनातन धर्म है तैयार --हर हर महादेव 🚩

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( अब प्रपत्र देगा दुकान और दुकानदार की पूरी जानकारी-shalini kaushik law classes ) 11 जुलाई से श्रावण मास आरम्भ हो रहा है, हर साल की तरह शिव भक्त कांवड में गंगाजल भरकर लाने के लिए हरिद्वार पहुँचने आरम्भ हो गए हैं, हरियाणा, राजस्थान के कांवडिये और खुद उत्तर प्रदेश के निवासी लाखों की संख्या में हर साल काँवड लेकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से गुजरते हैं जिनमें मुजफ्फरनगर, शामली प्रमुख हैँ. कांवड लाने वाले शिवभक्तों की सेवा और स्वागत के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशों पर प्रशासन ने सड़कों पर सफाई कार्य और राहत शिविरों की व्यवस्था करनी आरम्भ कर दी है.कुछ अराजक तत्वों के द्वारा कांवड यात्रा में विघ्न उपस्थित करने के प्रयासों को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा वर्ष 2024 में भी काँवड मार्ग की दुकानों पर दुकानदारों का नाम लिखना अनिवार्य किया था और यही निर्देश इस वर्ष भी सरकार द्वारा जारी किये गए हैँ.  किन्तु अभी प्राप्त नई जानकारी के अनुसार खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों पर नाम ल...

सीता-सूर्पनखा और रावण-राम का भेद समझना होगा न्यायालयों को

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  एक आईटी फर्म में काम करने वाले और अपनी पत्नी से तलाक के मुकदमे से गुजर रहे अतुल सुभाष ने दिसंबर में  आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर उत्पीड़न और कथित तौर पर झूठे मामलों में फंसाने का आरोप लगाया। यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में रहा। अतुल सुभाष द्वारा अपने 24 पेज के सुसाइड नोट और 81 मिनट के वीडियो में आरोप लगाया कि पत्नी निकिता सिंघानिया को 40 हजार रुपये महीना गुजारा भत्ता के तौर पर देने के बावजूद, पत्नी और उसके परिवार वाले सभी केस खत्म करने के लिए 3 करोड़ रुपये की रकम मांग रहे थे. साथ ही, बच्चे से मिलने के लिए 30 लाख रुपये की डिमांड की जा रही थी.    अतुल सुभाष के बाद और भी कुछ मामलों में पति पत्नी और उसके परिजनों द्वारा क़ानून के भेदभाव पूर्ण रवैयै और लगभग पत्नी के ही पक्ष को महत्व देने के कारण आत्महत्या के लिए विवश हो रहे हैं, ऐसे में, ये प्रश्न तो उठना स्वाभाविक ही है कि  🌑 महत्वपूर्ण प्रश्न:-     "क्या पति से तलाक ले लेने, पति के प्रति किसी भी दाम्पत्य कर्तव्य का निर्वहन न करने के बावजूद पत्नी क़ानून के इस उदार ...

ये नहीं किया तो मकान मालिक पर ₹5000 का जुर्माना तय

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1 जुलाई 2025 से भारत में मकान मालिकों के लिए अपनी सम्पत्ति किराये पर देने के संबंध में नया नियम लागू होने जा रहा है, जिसके तहत यदि मकान मालिक बिना ई-स्टाम्प रेंट एग्रीमेंट के मकान किराए पर देता है तो उस पर ₹5,000 का जुर्माना लगाया जाएगा। इस नियम का उद्देश्य किराएदारों के हितों की रक्षा करना और रेंट एग्रीमेंट की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है। ➡️ ई-स्टाम्प रेंट एग्रीमेंट के फायदे- ई-स्टाम्प रेंट एग्रीमेंट का उपयोग किराएदार और मकान मालिक दोनों के लिए फायदेमंद है। कानूनी सुरक्षा प्रदान करने के साथ साथ यह विवादों को भी कम करता है।ई- स्टाम्प का महत्व यह भी है कि यह सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज होता है, जिससे किसी भी विवाद की स्थिति में इसे सबूत के रूप में पेश किया जा सकता है। ✒️ ई स्टाम्प से कानूनी सुरक्षा मिलती है. ✒️ ई स्टाम्प से विवादों का समाधान आसानी से हो जाता है. ✒️ ई स्टाम्प सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज होता है. ✒️ ई स्टाम्प किराएदार के अधिकारों की रक्षाकरता है. ✒️ ई स्टाम्प मकान मालिक की जिम्मेदारियों का निर्धारण भी करता है. ➡️ बिना ई-स्टाम्प रेंट एग्रीमेंट जुर्माने का प्रावधान- बिना ई-स्टा...

एडवोकेट समझें वर्चुअल कोर्ट की अवधारणा

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 विधि और न्याय मंत्रालय की अवधारणा के अनुसार छोटे यातायात अपराध के मामलों से निपटने के लिए ई-कोर्ट परियोजना के तहत आभासी अदालतों की एक नई व्यवस्था की गई है । जिसमें कोर्ट रूम की आवश्यकता नहीं होती है । इसका लक्ष्य, अदालत में उल्लंघनकर्ता या अधिवक्ता की भौतिक उपस्थिति को समाप्त करके अदालतों में होने वाली भीड़ को कम करना है । वर्चुअल कोर्ट का प्रबंधन, वर्चुअल जज द्वारा किया जा सकता है, जिसके क्षेत्राधिकार में पूरा राज्य आता है और जिसमें पूरे सप्ताह चौबीसों घंटे (24X7) कार्य किया जा सकता है । इसमें न तो वादी को न्यायालय आने की आवश्यकता होगी और न ही न्यायाधीश को न्यायालय की भौतिक रूप से अध्यक्षता करने की आवश्यकता होगी । इस प्रकार, कीमती न्यायिक समय और जनशक्ति की बचत होगी । ➡️ भारत में कहाँ-कहाँ कितनी वर्चुअल कोर्ट- ✒️ 31.01.2025 की स्थिति के अनुसार, 21 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों अर्थात दिल्ली (2), हरियाणा, चंडीगढ़, गुजरात (2), तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल (2), महाराष्ट्र (2), असम, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर (2), उत्तर प्रदेश, ओडिशा, मेघालय, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड (2), मध्य प्रदेश, त्रिपु...

सरकार के नये सख्त ट्रेफिक रूल्स 1 मार्च 2025 से प्रभावी

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  भारत सरकार द्वारा 1 मार्च, 2025 से नये यातायात नियम लागू किए हैं, जो पहले के यातायात नियमों से कहीं अधिक प्रभावी और सख्त हैं जिसमें सड़क सुरक्षा बढ़ाने और लापरवाह ड्राइविंग को रोकने के लिए भारी जुर्माने और दंड की व्यवस्था की गई है। सड़क दुर्घटनाओं में भारी वृद्धि को देखते हुए, ये संशोधन उल्लंघनों को हतोत्साहित करने और ज़िम्मेदार ड्राइविंग को प्रोत्साहित करने के लिए तुरंत अमल में लाये गए हैं. टू व्हीलर आज लगभग हर घर में नजर आ रहे हैं और दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण भी आज ये टू व्हीलर और इनके चालक हैं, जिन्हें कहीं भी भीड़ में आगे निकल जाने की जल्दी है. ऐसे में सरकार ने टू-व्हीलर वालों के लिए कुछ बड़े बदलाव लागू किए हैं, जो बेहद जरूरी है। इसके साथ ही, अभी पिछले दिनों वेस्ट यू पी में पेट्रोल पंपो पर ये सख़्ती भी विभिन्न जिलाधिकारी द्वारा की गई कि हेलमेट नहीं तो पेट्रोल नहीं -हालांकि यह सख़्ती अधिक चल नहीं पाई किन्तु ऐसा नहीं है कि आगे भी नहीं चलेगी, इसलिए अगर आपने अब भी हेलमेट पहनना शुरू नहीं किया है या लाइसेंस बनवाना टाल रखा है तो अब नये ट्रेफिक रूल्स पढ़ें और नियमों का पालन करें, अन्य...

मोदी सरकार ने 1 जुलाई से बदले रजिस्ट्री नियम

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  मोदी सरकार ने बदले रजिस्ट्री नियम-1 जुलाई से लागू Shalini kaushik law classes केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जमीन और फ्लैट की रजिस्ट्री प्रक्रिया में 1 जुलाई 2025 से बड़े बदलाव किये गए हैं ताकि रजिस्ट्री प्रक्रिया में धोखाधड़ी को रोका जा सके, इसके साथ ही भूमि और फ्लैट का रजिस्ट्रेशन पारदर्शी, तेज़ और डिजिटल स्वरुप में सफलता पूर्वक हो सके. 1 जुलाई 2025 से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में किये गए ये महत्वपूर्ण 4 बदलाव लागू होने जा रहे हैं जिनसे क्रेता और विक्रेता दोनों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने वाला है। इस तरह के बदलावों का सर्वप्रथम उद्देश्य धोखाधड़ी पर लगाम कसना है,इसके साथ ही पहले से चली आ रही लम्बी दस्तावेजी प्रक्रिया और उसके कारण आम जनता का इसमें लगने वाला लम्बा समय, इन दोनों में ही कटौती होने जा रही है. ➡️ रजिस्ट्रेशन के 4 बदलाव-  1️⃣ रजिस्ट्री के लिए सत्यापित आधार अनिवार्य-  जमीन या फ्लैट की रजिस्ट्री कराने के लिए अब हर व्यक्ति के आधार कार्ड का बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। 🌑 बदलाव से ये सम्भव होगा- 1️⃣ फर्जी पहचान के ज़रिए रजिस्ट्री होना सम्भव नहीं. 2️⃣ म...

कांवड मार्ग की शुचिता के लिए योगी आदित्यनाथ का निर्णय अति उत्तम

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     कांवड़ यात्रा 2025 को सुविधाजनक और सद्भावना पूर्ण बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा एक अति महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी कांवड़ यात्रा को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों और मंडलायुक्तों को संबोधित करते हुए स्पष्ट कहा कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर खुले में मांस की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी. हर दुकान पर दुकानदार का नाम स्पष्ट रूप से लिखा जाना अनिवार्य होगा. सीएम योगी ने कहा कि कांवड़ यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित होते हैं. ऐसे में किसी अराजक तत्व द्वारा वेष बदलकर माहौल बिगाड़ने की आशंका सेइनकार नहीं किया जा सकता. श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान सर्वोपरि है, लेकिन किसी को शरारत करने का अवसर नहीं मिलना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि पिछले वर्षों की भांति हर दुकान पर संचालक का नाम स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और अफवाहों से बचाव हो सके.सीएम योगी ने अफसरों को चेताया कि सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों पर तत्काल ए...

उत्तर प्रदेश सामूहिक विवाह योजना में बदलाव

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 सामूहिक विवाह योजना में लगातार हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए यू पी सरकार ने वर और वधू के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस आवश्यक कर दी है.  उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गरीब और कमजोर वर्ग के बेटियों के हाथ पीले करने की राह और आसान कर दी है. अब मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ उन परिवारों को भी मिलेगा, जिनकी सालाना आमदनी तीन लाख रुपये तक है. पहले यह सीमा दो लाख तक थी, जिससे कई लोग योजना से बाहर रह जाते थे.इसके साथ हीआर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों के विवाह के लिए सामूहिक विवाह योजना की निगरानी सख्त करने के निर्देश दिए हैं। अब कन्या के आधार सत्यापन में लापरवाही पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसके साथ ही विवाह स्थल पर वर-वधू दोनों की बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है, ताकि फर्जीवाड़ा रोका जा सके। विवाह में दी जाने वाली उपहार सामग्री, जलपान और भोजन आदि के मानक तैयार कर उनका कड़ाई से पालन करवाये जाने के निर्देश जारी किये गए हैँ. एक ही स्थान पर 100 या उससे अधिक जोड़ों की शादियों की स्थिति में संबंधित जिलाधिकारी स्वयं मौजूद रहेंगे। समाज कल्याण रा...

क्या सोनम रघुवंशी का होगा नार्को टेस्ट....

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  2010 के सेल्वी बनाम कर्नाटक राज्य  एवं अन्य मामले में सर्वोच्च न्यायालय  ने फैसला दिया था कि अभियुक्तों,  संदिग्धों और गवाहों पर उनकी सहमति  के बिना नार्को विश्लेषण, ब्रेन मैपिंग  और पॉलीग्राफ परीक्षण करना,  आत्म-दोषी ठहराए जाने के उनके  अधिकार का उल्लंघन है और  यह असंवैधानिक है। प्रस्तुति  शालिनी कौशिक  एडवोकेट  कैराना (शामली )

अब प्रेमानन्द जी को AI ने घेरा

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  AI, या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटर सिस्टम को मानव जैसी बुद्धि और क्षमताओं को अनुकरण करने में सक्षम बनाने की तकनीक है। इसमें सीखने, तर्क करने, समस्या-समाधान करने, और निर्णय लेने जैसी क्षमताएं शामिल हैं, जो आमतौर पर मनुष्यों द्वारा की जाती हैं.  कुल मिलाकर अगर हम देखते हैं तो AI का मतलब है कि हम मशीनों को इस तरह से प्रोग्राम कर सकते हैं कि वे मानव की तरह सोच सकें और काम कर सकें और इसके परिणाम भी सामने आ रहे हैं, दिखाई दे रहे हैं AI सिस्टम निर्णय लेने में सक्षम हो सकते हैं, चाहे वह किसी वस्तु को पहचानना हो, या किसी स्थिति के लिए सबसे अच्छा कोर्स-ऑफ-एक्शन चुनना हो. AI एक तेजी से विकसित हो रहा क्षेत्र है, और यह हमारे जीवन और काम करने के तरीके में क्रांति लाने की क्षमता रखता है.      जैसा कि हम सभी जानते हैं कि क्रांति हमेशा सुखद परिणाम ही नहीं लाती, कभी कभी क्रांति से कुछ अवांछनीय परिणाम भी प्राप्त होते हैं और इसका एक दुःखद परिणाम हाल ही में नजर आ रहा है.  राधा कृष्ण के परम भक्त संत प्रेमानंद महाराज जी की एक AI इमेज ने संत समाज को आक्रोश से भर दिया है। फे...

व्हाट्सएप्प चैट सबूत क़े रूप में मान्य -मध्य प्रदेश हाई कोर्ट

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(व्हाट्सएप्प चैट सबूत के रूप में मान्य-मध्य प्रदेश हाई कोर्ट) व्हाट्सएप्प चैट को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा एक महत्वपूर्ण निर्णय में पति को अपनी पत्नी क़े व्यभिचार को साबित करने क़े लिए परिवार न्यायालय के समक्ष मान्य सबूत क़े रूप में प्रस्तुत करने की इज़ाज़त दी गई. जबकि फैमिली कोर्ट ने पति को सबूत के तौर पर पत्नी के व्हाट्सएप चैट को पेश करने पर रोक लगा दी थी।    मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस आशीष श्रोती की एकल पीठ ने कहा- " कि यदि यह माना जाता है कि फैमिली कोर्ट के सामने पेश किए जाने वाले सबूत को गोपनीयता के अधिकार के उल्लंघन की आपत्ति के आधार पर बाहर रखा जाना चाहिए, तो धारा 14 के प्रावधान निरर्थक हो जाएंगे।कोर्ट ने कहा कि यह ध्यान में रखना चाहिए कि फैमिली कोर्ट की स्थापना ऐसे मामलों से निपटने के लिए की गई है जो अनिवार्य रूप से संवेदनशील हैं। जैसे- विवाह विच्छेद, वैवाहिक अधिकारों की बहाली, बच्चों की वैधता, संरक्षकता, हिरासत और नाबालिगों तक पहुंच से संबंधित व्यक्तिगत विवाद।इसलिए यह आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है कि फैमिली कोर्ट के समक्ष आने वाले अधिकांश मामलों में जिस सबूत को ...

सुप्रीम कोर्ट ने मृतक कमिश्नर क़े बेटे को अनुकम्पा नियुक्ति देने से किया इंकार

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       Shalini Kaushik Law Classes  माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा राजस्थान हाई कोर्ट और सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल क़े फैसले को बरकरार रखते हुए मृतक सेन्ट्रल एक्साइस कमिश्नर क़े बेरोजगार बेटे को अनुकम्पा नियुक्ति देने से इंकार कर दिया.   ➡️ टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट         टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट  के अनुसार, अदालत ने याचिकाकर्ता रवि कुमार जेफ के पिता, जो सेंट्रल एक्साइज में प्रधान आयुक्त थे। उनका अगस्त 2015 में निधन हो गया था। पिता की मृत्यु क़े उपरांत रवि ने CGST और सेंट्रल एक्साइज (जयपुर जोन) राजस्थान में मुख्य आयुक्त के कार्यालय में अनुकंपा नियुक्ति की मांग की । जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस मनमोहन ने याचिका खारिज कर दी है। ➡️ याचिकाकर्ता रवि की पारिवारिक स्थिति -     याचिकाकर्ता रवि के पिता दो घर, 33 एकड़ जमीन और 85 हजार रुपये पारिवारिक मासिक पेंशन छोड़ गए हैं। राजस्थान हाईकोर्ट और सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्युनल की तरफ से पुत्र रवि की अनुकंपा नियुक्ति की याचिका को डिपार्टमेंट के इस दावे को बरकरार रखते ...

आपके पास भी आ सकती है -🇫‌🇷‌🇦‌🇺‌🇩‌ 🇨‌🇦‌🇱‌🇱‌

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 आपके पास फोन है, होगा ही, क्योंकि आजकल फोन रोटी कपड़ा और मकान की तरह एक अनिवार्य आवश्यकता बन चुकी है, तो फिर सावधान हो जाइये क्योंकि फ़्रॉड कॉल या फिर ये कहें कि साइबर ठगों की धोखाधड़ी की कॉल आपके पास भी आ सकती है. ➡️ फ्रॉड कॉल की पहचान के लिए, अनजान नंबरों से कॉल को सावधानी से उठाएं और किसी भी संवेदनशील जानकारी को साझा करने से बचें। कॉल में आपको तत्काल कार्रवाई करने या धमकी देने की बात कही जा सकती है, यह फ्रॉड हो सकता है। कॉलर से सवाल पूछें और उनकी बातों में गलतियां देखें।  ➡️ फ्रॉड कॉल की पहचान के लिए महत्वपूर्ण बातें: 🌑 अनजान नंबरों से कॉल: अनजान नंबर से कॉल आने पर सावधान रहें।  🌑 संदिग्ध संदेश: यदि कॉल में आपको कोई लिंक या संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए कहा जाए, तो सावधान रहें।  🌑 धमकी या जल्दबाजी: यदि कॉल में आपको कोई धमकी दी जाए या जल्द कार्रवाई करने के लिए कहा जाए, तो सावधान रहें।  🌑 कंपनी की जानकारी: कॉल में कंपनी या सरकारी एजेंसी की जानकारी के बारे में संदेह होने पर उनकी आधिकारिक वेबसाइट से संपर्क करें।  🌑 सवाल पूछें: कॉलर से सवाल पूछें और उ...

व्हाट्सएप चैटिंग व गूगल मैप ने दी ममता - की गवाही, कोर्ट बोला- मां जैसा कोई नहीं

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( shalini kaushik law classes ) आईआरएस पति के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची प्रवक्ता पत्नी ने मांगी बेटी की हिरासत क्या है मामला : दिल्ली के एक महाविद्यालय में प्रवक्ता के पद पर तैनात याची की शादी गोरखपुर निवासी भारतीय रेल सेवा (आईआरएस) के अधिकारी से 18 जनवरी 2012 को प्रयागराज में हुई थी। इसके बाद वह पति संग उनके तैनाती स्थल कटवा (पश्चिम बंगाल), महेंद्रू घाट (पटना),दानापुर व लखनऊ में रहीं। तीन नवंबर 2012 को दिल्ली में उन्होंने बेटी को जन्म दिया। इसके बाद दोनों में मनमुटाव हो गया। पति की ओर से बात तलाक तक पहुंच गई। दंपती के बीच लखनऊ व प्रयागराज की पारिवारिक अदालत में शुरू हुई कानूनी लड़ाई के बीच पत्नी ने घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया. दादा-दादी व पिता संग रह रही बेटी की हिरासत की मांग करते हुए अर्जी दाखिल की। हालांकि, बेटी मौजूदा वक्त लखनऊ में पढ़ाई कर रही है। जिला अदालत ने बेटी के बयान पर पत्नी की अर्जी को यह कहते हुए खारिज कर दी कि वह पिता संग रहना चाहती है। इसके अलावा यह तर्क भी दिया कि बेटी की हिरासत के लिए घरेलू हिंसा कानून के बजाय हिंदू अवयस्कता और संरक्षकता अधिनियम के तहत अर्जी दाखिल ...

व्हाट्सएप्प वीडियो कॉल ही क्यूँ करते हैं साइबर अपराधी

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  अभी 13 मार्च 2025 के अमर उजाला में एक समाचार पढ़ती हूँ  " डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर ठगी की कोशिश" संवाद न्यूज एजेंसी द्वारा प्रकाशित समाचार में पूरा समाचार यह था- "शामली। शामली के माजरा रोड निवासी महिला को साइबर ठग ने उसके पति को दिल्ली एयरपोर्ट पर मोटी रकम के साथ पकड़े जाने की धमकी देते हुए 30 हजार रुपये की मांग की। महिला के झांसे में न आने से ठगी होने से बच गई। महिला ने बताया कि दो दिन पहले उसके पास अनजान नंबर से व्हाट्सएप कॉल आई। व्हाट्सएप की डीपी पर पुलिस की वर्दी पहले व्यक्ति की फोटो लगी थी। कॉल करने वाले ने कहा कि उनके पति दिल्ली में एयरपोर्ट पर मोटी रकम के साथ पकड़े गए हैं।महिला ने कहा कि उनके पति तो दिल्ली गए ही नहीं। कॉल करने वाले ने कहा कि हो सकता है.कि उन्हें उनके दिल्ली जाने के बारे में बताया हो। साइबर ठग ने महिला को उसके पति को दिल्ली में पकड़े जाना बताया। उसने महिला से कहा कि अगर पति को छुड़ाना चाहती हैं तो उनके बताए गए बैंक खाते में 30 हजार रुपये भेज दो।महिला ने कहा कि उनके पति से कुछ देर पहले ही बात हुई है, वह ठीक हैं। इसके बाद महिला ने फोन काट दिया। मह...