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तलाक-ए-अहसन प्रतिबन्धित नहीं - बॉम्बे हाई कोर्ट

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 (Shalini Kaushik Law Classes) ( तलाक-ए-अहसन प्रतिबन्धित नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट)   बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार (23 अप्रैल) को कहा कि मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 केवल तत्काल और अपरिवर्तनीय "तीन तलाक" को प्रतिबंधित करता है। इसे "तलाक-ए-बिद्दत" भी कहा जाता है, लेकिन इस्लाम के तहत तलाक के पारंपरिक तरीके को प्रतिबंधित नहीं करता है, जिसे "तलाक-ए-अहसन" कहा जाता है। केस टाइटल: तनवीर अहमद पटेल बनाम महाराष्ट्र राज्य (आपराधिक आवेदन 2559/2024) साभार -  प्रस्तुति  शालिनी कौशिक  एडवोकेट  कैराना (शामली) 

वाद मित्र - 3 ( परिवार न्यायालय में एडवोकेट ड्रेस कोड)

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 परिवार न्यायालय में एडवोकेट के लिए एक विशिष्ट यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य नहीं है। हालांकि, यह सलाह दी जाती है कि वकील पेशेवर रूप से कपड़े पहनें जो अदालत की गरिमा को दर्शाता है। आमतौर पर, पुरुष वकील एक काले कोट या सूट के साथ सफेद शर्ट पहनते हैं, जबकि महिला वकील एक काले सूट या जैकेट के साथ एक सफेद ब्लाउज पहन सकती हैं, कुछ न्यायालयों में, वकीलों को सफेद कॉलर वाली सफेद शर्ट या ब्लाउज के साथ एक काला कोट या गाउन पहनना अनिवार्य हो सकता है,  ➡️ प्रोफेशनल ड्रेस कोड:- परिवार न्यायालय में उपस्थित होने वाले वकीलों को पेशेवर रूप से कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है, जो अदालत की गरिमा को दर्शाता है। यह आमतौर पर एक सूट या फॉर्मल ड्रेस कोड का पालन करने का सुझाव देता है, according to a post on The Valley Law Group.  ➡️ अदालत का ड्रेस कोड:- कुछ न्यायालयों में वकीलों के लिए एक विशिष्ट ड्रेस कोड हो सकता है, जिसमें काले कोट, सफेद शर्ट और सफेद बैंड शामिल हो सकते हैं.  ➡️ पुरुष और महिला वकीलों के लिए कपड़े:- पुरुष वकीलों को आमतौर पर सफेद शर्ट, काली पतलून या सूट और काला कोट पहनना चाहिए। महिला...

परिवार में तानों पर 498A का मामला खारिज-सुप्रीम कोर्ट

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साभार   ⬇️ Shalini kaushik law classes ⬇️ परिवार में तानों पर 498A का मामला खारिज   ससुर और सास के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498ए के तहत दर्ज मामला खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा कि हाईकोर्ट को CrPC की धारा 482 के तहत पति के रिश्तेदारों की प्रार्थनाओं पर विचार करते समय शिकायत के पीछे दुर्भावना की संभावना की जांच करनी चाहिए। जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस मनमोहन की खंडपीठ ने कहा, "वैवाहिक विवादों से उत्पन्न मामलों में विशेष रूप से जहां आरोप शादी के कई वर्षों के बाद लगाए जाते हैं और वह भी तब जब एक पक्ष दूसरे के खिलाफ तलाक की कार्यवाही शुरू करता है, न्यायालय को आरोपों को उनके वास्तविक रूप में लेने में सावधानी बरतनी चाहिए। इसके बजाय, जहां दुर्भावना के आरोप हैं, वहां यह जांच करनी चाहिए कि क्या वे आरोप किसी अप्रत्यक्ष उद्देश्य से लगाए गए हैं। पति के रिश्तेदारों की प्रार्थना पर विचार करते समय और भी अधिक।" संक्षेप में मामला न्यायालय ऐसे मामले पर विचार कर रहा था, जिसमें शिकायतकर्ता-पत्नी के पति, ससुर और सास ने उनके खिलाफ IPC की धारा 498ए/411 के तहत दर्ज FIR र...

परिवार न्यायालय में वाद मित्र (वकालत में) भाग - 2

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 परिवार न्यायालय में वाद मित्र (वकालत में) आमतौर पर उन स्थितियों में नियुक्त किया जाता है जहाँ किसी पक्षकार को अपनी कार्यवाही में प्रतिनिधित्व करने में सक्षम नहीं माना जाता है। यह व्यक्ति न्यायालय द्वारा नियुक्त किया जाता है और उसका काम यह सुनिश्चित करना होता है कि मामले में न्यायोचित रूप से विचार किया जाए, खासकर जब पक्षकार नाबालिग, मानसिक रूप से अस्वस्थ, या अन्य तरह से कार्यवाही में प्रभावी ढंग से भाग लेने में सक्षम न हो.  विस्तार से: ➡️ वाद मित्र की आवश्यकता:- वाद मित्र की नियुक्ति तब की जाती है जब कोई पक्षकार (जैसे नाबालिग, मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति) अदालत में अपनी बात रखने में सक्षम नहीं होता है.  ➡️ वाद मित्र का कार्य:- वाद मित्र का काम यह सुनिश्चित करना है कि मामले को न्यायोचित रूप से विचार किया जाए और पक्षकार के हितों की रक्षा की जाए.  ➡️ वाद मित्र की नियुक्ति:- वाद मित्र को न्यायालय द्वारा नियुक्त किया जाता है, और यह आमतौर पर एक वकील या कोई अन्य कानूनी पेशेवर होता है, लेकिन कभी-कभी परिवार का सदस्य या अन्य उपयुक्त व्यक्ति भी इस भूमिका को निभा सकता है....

परिवार न्यायालय में वाद मित्र - भाग 1

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परिवार न्यायालय में वाद मित्र (Next Friend or Guardian Ad Litem) एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसे न्यायालय द्वारा या उसकी अनुमति से वाद के पक्ष में काम करने के लिए नियुक्त किया जाता है, खासकर तब जब वाद दायर करने वाला नाबालिग हो या उसकी कानूनी क्षमता के अभाव के कारण वह वाद का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम न हो.  ➡️ वाद मित्र की आवश्यकता- जब कोई व्यक्ति नाबालिग हो, कानूनी रूप से अयोग्य हो, या अन्य कारणों से वाद का प्रतिनिधित्व करने में असमर्थ हो, तब वाद मित्र की आवश्यकता होती है. ➡️ वाद मित्र की नियुक्ति- न्यायालय वाद मित्र की नियुक्ति करता है, जो वाद के पक्ष में वाद की कार्यवाही में भाग लेता है. ➡️ वाद मित्र के कार्य- वाद मित्र का कार्य वादी के सर्वोत्तम हित में वाद का प्रतिनिधित्व करना है, और यह सुनिश्चित करना है कि वाद की कार्यवाही ठीक से और निष्पक्ष रूप से आगे बढ़े. ➡️ नाबालिग के मामले में- यदि वाद मित्र नाबालिग के लिए नियुक्त किया गया है, तो उसका मुख्य कार्य नाबालिग के हितों की रक्षा करना है और वाद में उसका प्रतिनिधित्व करना है, जैसे कि एक संरक्षक या अभिभावक. ➡️ सक्षम पक्षकार के मामल...

घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत सास भी दर्ज करा सकती है मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट

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Shalini kaushik law classes link ⬇️ घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत सास भी दर्ज करा सकती है मामला   इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले में फ़ैसले सुनाया कि सास भी घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 के तहत केस दर्ज करा सकती है। सास ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि बहू अपने पति पर उसके मायके में जाकर रहने के लिए दबाव बना रही है। उन्होंने अपनी शिकायत में इसके अलावा ये भी कहा कि बहू उनके और अन्य परिवार के सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार कर रही है और झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रही है। अदालत ने गरिमा और 5 अन्य बनाम यूपी राज्य मामले का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया था, "सास को बहू या परिवार के किसी दूसरे सदस्य द्वारा परेशान किया जाता है, शारीरिक या मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है तो निश्चित रूप से वो पीड़ित व्यक्ति के दायरे में आएगी।" कोर्ट ने आगे कहा, "ऐसे में उन्हें घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 12 के तहत शिकायत दर्ज कराने का अधिकार होगा।" (साभार -  Case link⬇️ https://hindi.livelaw.in/allahabad-highcourt/mother-in-law-can-also-file-a-case...

भाषा धर्म नहीं होती-सुप्रीम कोर्ट

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        Shalini kaushik law classes link                                     ⬇️       ( भाषा का कोई मजहब नहीं - सुप्रीम कोर्ट )   अपने नवीनतम निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के एक नगर परिषद के साइनबोर्ड पर उर्दू के इस्तेमाल को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा कि भाषा को मज़हब से जोड़ना गलत है. इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी साफ किया कि उर्दू को मुसलमानों की भाषा मानना असलियत और विविधता में एकता से दूर जाने जैसा है. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के एक नगर परिषद के साइनबोर्ड पर उर्दू के इस्तेमाल को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा कि भाषा को मज़हब से जोड़ना गलत है. इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी साफ किया कि उर्दू को मुसलमानों की भाषा मानना असलियत और विविधता में एकता से दूर जाने जैसा है. जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ ने यह टिप्पणी महाराष्ट्र के अकोला जिले के पातुर की पूर्व पार्षद वर्षाताई संजय बागड़े की ...

अब सभी के लिए अनिवार्य - विवाह पंजीकरण

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  Shalini kaushik law classes - link ⬇️  विवाह पंजीकरण अब सभी के लिए अनिवार्य        हमारा देश परम्परा वादी है, यहां हर धार्मिक अनुष्ठान पारंपरिक रीति-रिवाजों से ही होते आए हैं, और इन्हीं परंपराओं और धार्मिक रीति रिवाज से बंधा हुआ है भारत में विवाह अनुष्ठान, जो परिवार और समाज के लोगों के मध्य अनुष्ठापित किया जाता है जिस कारण यहां शादी का पंजीकरण कराना जरूरी नहीं समझा जाता. आम धारणा यह है कि विदेश में जाने वाले जोड़ों और सिर्फ स्पेशल मैरिज एक्ट यानी विशेष विवाह अधिनियम के तहत की गई शादियों का ही पंजीकरण अनिवार्य होता है।   इसीलिए अब यह जानना सभी के लिए जरूरी है कि शादी का पंजीकरण करवाना हर विवाहित जोड़े के लिए अब आवश्यक है। हमारे देश में शादी को हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 या विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के अंतर्गत पंजीकृत किया जाता है और मैरिज सर्टिफिकेट इस बात का वैध कानूनी सबूत होता है कि दंपति विवाहित हैं। हिंदू विवाह अधिनियम के अंतर्गत वर के लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष और वधु के लिए 18 वर्ष है। वहीं, विशेष विवाह अधिनियम के तहत दोनों लिए न्यूनतम आयु सी...

112 क्या है

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  शहरी ग्रामीण क्षेत्रों में अपराध की स्थिति में, अग्नि दुर्घटना की स्थिति में और चिकित्सा सहायता की स्थिति में आज यदि कोई नंबर सर्वाधिक सहयोग जनता का कर रहा है, आम आदमी की परेशानी को दूर कर रहा है तो वह नंबर है - 112       बच्चा बच्चा भी आज 112 नंबर को और 112 नंबर पर कॉल करने पर आने वाले पुलिस वालों को पहचानता है. आज आप भी जानिए 112 नंबर की विशेषताएं -  ➡️ 112 एक आपातकालीन नंबर -        112 एक आपातकालीन परिस्थिति में इस्तेमाल किया जाने वाला नंबर है जिस पर आप किसी संकट की स्थिति में कॉल कर सकते हैं. यह नंबर भारत के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 24 घंटे उपलब्ध रहता है. आप इस नंबर पर स्थिर (लैंडलाइन) या मोबाइल फ़ोन से 112 पर कॉल कर सकते हैं. यह सेवा मुफ़्त है.  ➡️ 112 से जुड़ी विशेष जानकारी- 🌒 112 को आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) भी कहा जाता है. यह भारत सरकार की एक पहल है.  🌒 112 पर कॉल करने से आप अग्नि शमन ब्रिगेड, मेडिकल टीम, या पुलिस से तुरंत मदद पा सकते हैं.  🌒 112 पर गलती से कॉल करने पर भी इसे द...

साइबर क्राइम का मुकाबला करें - 1930 डायल करें

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Click ➡️ Shalini kaushik law classes ⬇️  (साइबर क्राइम से लड़ें - 1930 डायल करें)  आज साइबर क्राइम का ज़माना है. प्रतिदिन लगभग 6000 साइबर क्राइम केसेस की रिपोर्टिंग की जा रही हैं, शिकायतें दर्ज की जा रही हैं. बैंक खाते खाली हो रहे हैं, लोग आत्महत्या तक विवश हो रहे हैं. साइबर क्राइम के इस बदहवास दौर में साइबर क्राइम पोर्टल की व्यवस्था की गई है, जिस पर पीड़ित अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.       साइबर क्राइम पोर्टल पर दी गई जानकारी के अनुसार, वित्तीय धोखाधड़ी का कोई भी पीड़ित हेल्पलाइन नंबर 1930 या साइबर क्राइम डॉट जीओवी डॉट इन पर शिकायत कर सकता है। हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करने के लिए शिकायत करने वाले का मोबाइल नंबर दर्ज किया जाना जरूरी है । शिकायत/घटना की रिपोर्ट करने के बाद शिकायतकर्ता को एसएमएस/ईमेल के माध्यम से सिस्टम द्वारा जेनरेटेड लॉग-इन आईडी/एकनॉलेजमेंट नंबर मिलेगा। लॉग-इन आईडी/एकनॉलेजमेंट नंबर का उपयोग करके शिकायतकर्ता को 24 घंटे के भीतर साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत को रजिस्टर करना होगा। ➡️ AI से गूगल पर दी गई जानकारी के अनुसार- ...

घिबली - थोड़ा अलर्ट हो जाएं

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         आज साइबर क्राइम का दौर है. साइबर क्राइम के दौर में एक नया ट्रेंड शुरू हो गया है जिसका नाम है - Ghibli  राजनीति हो , शिक्षा हो , व्यापार हो, युवा हों , वृद्ध हों, लड़के हों, लड़कियाँ हों सब दीवाने हुए जा रहे हैं, नहीं देख रहे हैं कि ये अच्छे दिन आने वाले हैं का समय नहीं है बल्कि यह समय है - डिजिटल अरेस्ट का, ऑनलाइन फ्रॉड का. लोकप्रिय आर्टिफिशियल (AI) टूल चैटजीपीटी पर तस्वीरों को जापानी एनिमेशन शैली घिबली पर अपलोड कर एनिमेटेड सुविधा शुरू होने के साथ ही पूरी दुनिया में यह बहुत जल्द लोकप्रिय हो गया है. साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों को इस मनोरंजक ट्रेंड से प्राइवेसी के लिए गंभीर खतरे पैदा होने की आशंका है . विशेषज्ञों का कहना है कि एआई टूल की सेवा शर्तें अक्सर अस्पष्ट होती हैं, जिन्हें पढ़ने के लिए न तो कोई यूजर्स उत्सुक रहते हैं और न ही इतनी लम्बी प्रक्रिया को पढ़ने का किसी के पास समय होता है. इस तरह यह अनिश्चित ही रहता है कि फोटोज प्रोसेस होने के बाद यूजर्स की तस्वीरों का क्या किया जाएगा.  घिबली का फैशन ट्रेंड जोरों पर है आजकल, जो घिबली पर फोटो अपलोड ...

#Ghibli_style_pic नया साइबर क्राइम

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साइबर क्राइम के दौर में एक नया ट्रेंड शुरू हो गया है जिसका नाम है - Ghibli   राजनीति, शिक्षा, व्यापार, युवा, वृद्ध सब दीवाने हुए जा रहे हैं, नहीं देख रहे हैं कि ये अच्छे दिन आने वाले हैं का समय नहीं है बल्कि यह समय है - डिजिटल अरेस्ट का, ऑनलाइन फ्रॉड का.   #Ghibli style pic फैशन बन गया है जबकि इस से हो सकते हैं आप साइबर अटैक के शिकार, Ghibli ट्रेंड हो सकता है सभी के लिए खतरनाक ➡️ डेटा तक फोटो के साथ चोरी हो सकता है- आप Ghibli ट्रेंड के लिए जब भी कोई फोटो एआई टूल पर अपलोड करते हैं, तब आप सिर्फ अपने चेहरे की डिटेल शेयर नहीं करते, बल्कि कई तरह का और डेटा भी शेयर करते हैं. इसमें स्थान, समय और आपके डिवाइस का मेटाडेटा शामिल होता है. जिससे आपकी प्राइवेसी को खतरा पहुंच सकता है.    एआई ऐप पर व्यक्तिगत फ़ोटो शेयर करते समय सावधानी बरतने की जरूरत होती है. जिसमें मजबूत पासवर्ड का उपयोग करना, प्रमाणीकरण सक्षम करना और अपलोड करने से पहले मेटाडेटा को हटाना शामिल है किन्तु ये सब नहीं सोच रहे हैं आज के #Ghibli के पीछे के पागल.  ज्यादा जानकारी के लिए जुड़े रहिए  ब्लॉग - ...

नाबालिग की संपत्ति और कानून की दृष्टि

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          आज तक आपने यह जाना है कि दादा लाई संपत्ति में बच्चे का जन्म से ही अधिकार पैदा हो जाता है. आज आप जान सकते हैं वह अधिकार जो बच्चे की संपत्ति की सुरक्षा के लिए जरूरी है. ये जानना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि जन्म लेते ही बच्चा अपनी संपत्ति की देखभाल नहीं कर सकता. बच्चे के जन्म लेने के बाद उसकी, उसकी संपत्ति की सुरक्षा उसके माता पिता करते हैं, दादा दादी करते हैं और बहुत सी स्थितियों में उसके अभिभावक या कानूनी संरक्षक करते हैं. ➡️ नाबालिग की संपत्ति बेचने का अधिकार -      दादा की ज़मीन पर नाबालिग बच्चों की संपत्ति हो जाती है. जिसे नाबालिग के बालिग होने तक उसके माता पिता, दादा दादी, अभिभावक या कानूनी संरक्षक की सुरक्षा में रखा जाता है,किन्तु बहुत सी विपरीत परिस्थितियों में उस सम्पति को बेचने की आवश्यकता आन पड़ती है तब कानूनन रूप से कोर्ट की अनुमति लेनी होती है. बिना कोर्ट की अनुमति बेची गई संपत्ति का सौदा अमान्य हो सकता है.  ➡️ नाबालिग की संपत्ति पर लागू कानून:  🌑 कोई माता पिता, दादा दादी, अभिभावक या कानूनी संरक्षक न्यायालय की पू...

टोल फ्री नंबर 18008893277 अभिभावकों के लिए

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         उत्तर प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को मिलने वाली यूनिफोर्म, जूता, बैंक के लिए डीबीटी के माध्यम से 1200 रुपये खाते में भेजे जाते हैं। अभी हाल ही में लखनऊ में हुए मेधावियों के सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के खातों में धनराशि स्थांतरित की।       कार्यक्रम में उन्होंने टोल फ्री नंबर 18008893277 भी जारी किया। टोल फ्री नंबर  18008893277  पर अभिभावक निम्न मामलों में शिकायत दर्ज करा सकते हैं -  ➡️ विद्यालयों में बच्चों को समय पर किताब न मिलने, ➡️ मध्याह्न भोजन न मिलने,  ➡️ शिक्षण कार्य में अनियमितता  ➡️ बच्चों के बैठने की सही व्यवस्था न होना  ➡️ बच्चों के साथ शिक्षक, शिक्षिका का व्यवहार सही न होना        आदि सहित अन्य शिकायत दर्ज करा सकेंगे। अभिभावक के शिकायत करने पर समस्या का तुरंत समाधान बेसिक शिक्षा विभाग व शासन द्वारा कराया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा टोल फ्री नंबर  18008893277 को परिषदीय विद्यालयों को स्कूल की दीवारो...

साइबर क्राइम नई ऊंचाइयों पर

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  व्हाट्सएप जैसे ऐप का इस्तेमाल करने वाले अब सावधान हो जाएं क्यूंकि अब जो साइबर ठगी करने का नया तरीका साइबर ठगों द्वारा अपनाया जा रहा है उसके लिए ऐसे ही ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा है जिनसे फोटो को डाउनलोड किया जा सकता है। साथ ही, इसके शिकार ऐसे लोगों को भी बनाया जा सकता है जो नेट बैंकिंग का प्रयोग करते ही नहीं है.  साइबर ठगों ने इस नये तरीके को अपनाकर एक व्यापारी  से 2.10 लाख रुपये उड़ा लिए . ठगों द्वारा व्हाट्सएप पर एक अज्ञात व्यक्ति की फोटो भेजकर व्यापारी के मोबाइल को हैक कर लिया गया और उसके खाते से पैसे उड़ा लिए गए . व्यापारी ने बताया कि उसके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से फोन आया. फोन करने वाले ने कहा कि उसने मेरे व्हाट्सएप पर एक फोटो भेजा और उन्हें पहचानने के लिए कहा. जब व्यापारी द्वारा फोटो डाउनलोड किया गया तो वह एक बुजुर्ग शख्स की तस्वीर थी, जिसे वे पहचान नहीं सके.इसके बाद व्यापारी द्वारा आने वाली अगली कई कॉल को नजरअंदाज कर दिया गया लेकिन जब लगातार फोन आता रहा तो व्यापारी ने एक बार फिर रिसीव कर लिया और बुजुर्ग को न पहचानने की बात कहकर फोन रख दिया. जिसके एकदम बाद उ...

अब सी एम योगी का एक्शन ई रिक्शा और ऑटों पर

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      शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन के मुख्य साधन के रूप में अपनाए जा रहे ई रिक्शा और ऑटों जाम के मुख्य घटक बन चुके हैं जिसके कारण सड़कों की व्यवस्था बिगड़ चुकी है, इसलिए अब उत्तर प्रदेश सरकार अब इनके खिलाफ एक्शन मोड में आ गई है. मुख्यमंत्री योगी के आदेश पर अब अप्रैल माह में इनके द्वारा फैलाई गई अव्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए अभियान चलाया गया है , जिसमें चार हजार से ज्यादा ई रिक्शा और ऑटों पर पहले ही दिन एक्शन लिया जा चुका है.       परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार यह विशेष अभियान शुरू हो गया है. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में सड़कों को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाना है. अनधिकृत रूप से संचालित होने वाले ई-रिक्शा और ऑटो न केवल यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाए गए अभियान के तहत सार्वजनिक स्थलों, बाजारों, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन क्षेत्रों में विशेष चेकिंग अभियान चलाया गया.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्दे...

उत्तर प्रदेश में मांस बैन

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                  योगी ने यू पी में किया मांस बैन       चैत्र नवरात्रि आरंभ हो गई हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा सनातन धर्म की मर्यादा के अनुरूप फैसला लिया गया है. उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने चैत्र नवरात्रि  में बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 9 दिनों तक प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों के पास मांस की ब्रिकी पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। धार्मिक स्थलों के 500 मीटर के दायरे में मांस नहीं बेचा जाएगा। इस दायरे के बाहर भी लाइसेंस की शर्तों के मुताबिक ही दुकानें चलेंगी। खुले में मांस बेचने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है । वहीं रामनवमीं पर मांस-मछली की सभी दुकानें पूर्ण रूप से बंद रहेंगी। साथ ही, श्री राम नवमी का पर्व 6 अप्रैल में है, उसे देखते हुए यूपी में 6 अप्रैल 2025 को रामनवमीं पर सभी मांस की दुकानें पूर्णतया बंद रहेंगी। इस दिन पशु वध और मांस की बिक्री पूरी तरह बंद रहेगी। उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 और खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 और 2011 के प्रावधानों के तहत...

ई-प्रिज़न ऐप का मुख्य उत्पाद है कियोस्क सूचना

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    हमारी पिछली पोस्ट में आपने जाना NSTEP और E-PRISON के बारे में, यदि आपने पोस्ट को ध्यान से पढ़ा होगा तो आप E-PRISON को विस्तार से जान गए होगे, यदि फिर भी कुछ कमी रह गई है तो एक बार फिर E-PRISON की कुछ मुख्य विशेषताओं पर ध्यान दीजिये, जिससे आपके लिए आसान होगा हमारी आज की पोस्ट कियोस्क सूचना के बारे में जानना, तो पहले कल की पोस्ट के कुछ अंश आपकी सुविधा के लिए प्रस्तुत किए जा रहे हैं -  ➡️  ई-प्रिजन एप्लीकेशन सूट- 🌑 ई-प्रिजन एप्लीकेशन सूट जेल और कैदी प्रबंधन से संबंधित सभी गतिविधियों को एकीकृत करता है। यह जेलों में बंद कैदियों के बारे में वास्तविक समय में अदालतों, जेल अधिकारियों और आपराधिक न्याय प्रणाली में शामिल अन्य संस्थाओं को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। यह ऑनलाइन मुलाकात अनुरोध और शिकायत निवारण की सुविधा प्रदान करता है। ➡️ ई-प्रिज़न ऐप के मुख्य उत्पाद:  🌑 कैदी सूचना प्रबंधन प्रणाली (पीआईएमएस) 🌑 आगंतुक प्रबंधन प्रणाली (ई विजिटर) 🌑 अस्पताल प्रबंधन प्रणाली (ई अस्पताल) 🌑 कानूनी सहायता प्रबंधन प्रणाली 🌑 सूची प्रबंधन प्रणाली 🌑 जेल प्रबंधन प्रणाली (पी...

NSTEP और E-PRISON - विस्तार से जानिए

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   कानूनी प्रक्रिया की नवीनतम तकनीक के रूप में न्यायालयों की गतिविधियों में दो नए वेब ऐप्लिकेशन और मोबाइल ऐप शामिल किए गए हैं. आज हम आपको उन्हीं दोनों ऐप के सम्बन्ध में सम्पूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं ताकि ये कानून के क्षेत्र में ईमानदारी से कार्य करने वाले अधिवक्ताओं, कर्मचारियों और सभी कानूनविदों के काम आ सकें. एन-स्टेप (N-STEP) एक प्रक्रिया सेवा है और ई-प्रिज़न, जेलों के प्रबंधन से जुड़ी एक प्रबंधन सूचना प्रणाली है.  🌑 पहली वेब ऐप्लिकेशन और मोबाइल ऐप का नाम है  ➡️ एन-स्टेप (N-STEP) 🌑 यह सिविल कोर्ट की तामिलों की इलेक्ट्रॉनिक सर्विस के लिए है.  🌑 यह एक केन्द्रीकृत प्रक्रिया सेवा है.  🌑 इसमें वेब ऐप्लिकेशन और मोबाइल ऐप शामिल है.  🌑 यह प्रोसेस सर्वर और लिटिगेंट अंग्रेज़ी न जानने की समस्या को दूर करता है क्योंकि इसमें आप भाषा चयन करते हुए अपनी भाषा के रूप में हिंदी भाषा का चयन कर सकते हैं.  🌑 यह तामील प्रक्रिया में तेज़ी लाता है और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाता है.  🌑 यह समन की तामील का रीयल टाइम स्टेटस अपडेट देता है.  🌑 दूसरी वेब ...

इलाहाबाद हाई कोर्ट - शादी करके पत्नी का संरक्षक बनें-मालिक नहीं

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  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक युवक द्वारा अपनी पत्नी के अंतरंग वीडियो सोशल मीडिया वेबसाइट पर वायरल करने के आरोपी युवक को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा,  शादी करके उसके संरक्षक बने हो. मालिक नहीं। उसके समर्पण और भरोसे का सम्मान करो। यदि वैवाहिक पवित्रता कायम नहीं रख सकते तो राहत के हकदार नहीं हो।  यह कहते हुए जस्टिस विनोद दिवाकर की कोर्ट ने मिर्जापुर निवासी युवक की जिला अदालत में लंबित आपराधिक कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।   उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के पडरी थाना क्षेत्र में धनही निवासी युवक की शादी चुनार के पिरल्ली गांव में हुई थी। आठ मई 2022 को पत्नी ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया कि दहेज उत्पीड़न को लेकर दर्ज मुकदमे की सुलह के लिए 13 सितंबर 2021 को वह ससुराल गई थी। उसी रंजिश में पति ने उसकी मर्जी के खिलाफ अंतरंग वीडियो बनाए। उसके बाद उसे रिश्तेदारों के मोबाइल व सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इससे उसकी प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा है।विवेचना के बाद पुलिस ने पति के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में आईटी एक्ट की धाराओं में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। कोर्ट ने ...

यह सभी महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न है.

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       भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 75 लैंगिक उत्पीड़न को दण्डनीय अपराध घोषित करती है. इसमे कहा गया है कि  ➡️धारा 75. लैंगिक उत्पीड़न .-  (1) ऐसा कोई निम्नलिखित कार्य, अर्थात् :- (i) शारीरिक संस्पर्श और अग्रक्रियाएं करने, जिनमें अवांछनीय और लैंगिक संबंध बनाने संबंधी स्पष्ट प्रस्ताव अन्तर्वलित हों; या (ii) लैंगिक स्वीकृति के लिए कोई मांग या अनुरोध करने; या (iii) किसी महिला की इच्छा के विरुद्ध अश्लील साहित्य दिखाने; या (iv) लैंगिक आभासी टिप्पणियां करने, वाला पुरुष लैंगिक उत्पीड़न के अपराध का दोषी होगा। (2) ऐसा कोई पुरुष, जो उपधारा (1) के खण्ड (i) या खण्ड (ii) या खण्ड (iii) में विनिर्दिष्ट अपराध करेगा, वह कठिन कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा। (3) ऐसा कोई पुरुष, जो उपधारा (1) के खण्ड (iv) में विनिर्दिष्ट अपराध करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।             दो दिन पूर्व ह...

हेल्पलाइन श्रृंखला -7-साइबर स्टॉकिंग - एक अपराध

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                    See vlog also          ( shalini kaushik law classes)        हमारी एक पिछली पोस्ट में आपने जाना कि आप हेल्पलाइन नंबर 1090 पर अन्य केसेस के साथ साथ निम्न केसेस को लेकर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं - "*शिकायत दर्ज करने के लिए, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक संदेश मिलने, साइबर स्टॉकिंग, साइबर बुलिंग, मोबाइल पर अश्लील कॉल या मैसेज आने, या फिर घर और बाहर कहीं भी छेड़खानी, हिंसा, और यौन उत्पीड़न की शिकायत की जा सकती है."         साइबर बुलिंग के बारे में हम आपको पहले ही बता चुके हैं, एक बार और जानने के लिए आप देखिए हमारे ब्लॉग की पोस्ट साइबर बुलिंग के बारे में, आज हम आपको बताने जा रहे हैं साइबर स्टॉकिंग के बारे में , साथ ही सम्पूर्ण जानकारी के लिए "गूगल" का हार्दिक धन्यवाद 🙏 ➡️साइबर स्टॉकिंग का मतलब  -      किसी व्यक्ति को इंटरनेट या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से परेशान करना या पीछा करना. इसमें धमकी, बदनामी, मानहानि, झूठे आरोप, निगरानी, ...