दो वोटर आई डी कार्ड -कैसे हैँ अपराध?
आज तेजस्वी यादव चर्चाओं मे बने हुए हैँ, इस बार चर्चाओं में रहने का कारण कोई राजनीतिक बयानबाजी नहीं है बल्कि एक ऐसा कार्य है जिसे देश की निष्पक्ष लोकतान्त्रिक प्रक्रिया को धक्का पहुंचाने के कारण गंभीर अपराध की श्रेणी मे रखा गया है.
बिहार में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैँ और इधर बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी में से एक राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव के पास 2 वोटर आईडी कार्ड होने के मामले ने वहां की राजनीति को गर्मा दिया है। चुनाव आयोग ने इस मामले की जांच बैठाने का फैसला किया है.
➡️ वोटर आई डी कार्ड का महत्व-
वोटर आईडी कार्ड सिर्फ एक पहचान पत्र नहीं बल्कि एक अहम अधिकार है। चुनाव में वोट डालने के लिए इस दस्तावेज का आपके पास होना बहुत जरूरी है। वोटर आईडी कार्ड निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किया जाता है।
➡️ एक मतदाता के दो वोटर आई डी कार्ड होना-
अगर एक मतदाता जानबूझकर या अनजाने में दो वोटर आईडी कार्ड अपने पास रखता है तो यह गंभीर अपराध है. यह निष्पक्ष लोकतांत्रिक प्रक्रिया को लेकर कई सवाल खड़े करता है। अगर कोई मतदाता जानबूझकर दो वोटर आईडी कार्ड बनवाता है तो इसकी गिनती चुनावी धोखाधड़ी में की जाती है।
➡️ दो वोटर आई डी कार्ड रखने पर आपराधिक प्रावधान?
मतदान के समय वोटर आईडी कार्ड एक जरूरी दस्तावेज है। लोकसभा चुनावों से लेकर विधानसभा चुनावों में इसकी मान्यता होती है। नियमों में स्पष्ट रूप से इस बात का उल्लेख है कि एक व्यक्ति सिर्फ एक ही वोटर आईडी कार्ड अपने पास रख सकता है.
अगर किसी मतदाता के पास स्वयं के 1 से ज्यादा वोटर आईडी कार्ड पाए जाते हैँ तो पकड़े जाने पर उसे कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
🌑 भारत में दो अलग-अलग पतों पर वोटर आईडी कार्ड रखना अपराध है।
🌑 क्या कहता है जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950-
✒️ धारा 17 (Section 17) – कोई व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान नहीं कर सकता है।
✒️ धारा 18 (Section 18) – एक निर्वाचन क्षेत्र में केवल एक ही बार नामांकन हो सकता है।
✒️ धारा 31 (Section 31) – यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर झूठा घोषणा-पत्र देता है या जानबूझकर मतदाता सूची में गलत जानकारी दर्ज कराता है, तो यह अपराध है। यदि किसी व्यक्ति ने गलत घोषणा या धोखा देकर मतदाता सूची में दो बार नाम दर्ज कराया, जिससे दो अलग EPIC कार्ड बन गए तो इससे कानून की धारा 31 का उल्लंघन होता है। ये असंज्ञेय अपराध है यानि पुलिस बिना मजिस्ट्रेट के आदेश के FIR नहीं दर्ज कर सकती है, और ये दंडनीय अपराध है।
➡️ दो वोटर आईडी कार्ड रखने वालों को क्या सजा-
✒️ एक साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों।
✒️ अगर आप दोनों वोटर कार्ड का इस्तेमाल, या दोनों पहचान पत्रों का इस्तेमाल पहचान के तौर पर करते हैं तो यह चुनावी धोखाधड़ी है।
✒️ निर्वाचन आयोग नोटिस भेज सकता है।
✒️ आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है।
✒️ आप पर मुकदमा चलाया जा सकता है।
✒️ भविष्य में चुनाव लड़ने या सरकारी योजना का लाभ लेने में बाधा आ सकती है।
✒️ आपका नाम मतदाता सूची से हटाया जा सकता है।
➡️ क्या करें दो वोटर आई डी कार्ड होने पर -
✒️आपके पास भी हैं दो वोटर आईडी कार्ड तो तुरंत एक कार्ड को फॉर्म 7 भरकर जमा कर दें।
✒️ स्थानीय बूथ लेवल अफसर यानि BLO से संपर्क करें।
✒️ ये अगर गलती से हुआ है तो उसको सुधार लें, ऐसा करने पर कोई गंभीर कार्रवाई नहीं की जाती।
✒️ डुप्लीकेट या पुराने वोटर कार्ड को कैंसिल करें।
✒️ पुराने कार्ड का विवरण (जैसे EPIC नंबर) चुनाव कार्यालय में सौंपें।
✒️ अपनी स्थिति स्पष्ट करें, बीएलओ आपको आगे का रास्ता बताएंगे।
✒️ अगर आपके पास गलती से दो वोटर आईडी कार्ड हैं तो एक को तुरंत कैंसिल करा लें।
✒️ चुनाव आयोग की वेबसाइट पर विजिट करके अपने वोटर आईडी कार्ड को कैंसिल करा सकते हैं।
✒️ चुनाव आयोग की वेबसाइट पर विजिट करने के बाद आपको पुराना वोटर आईडी कार्ड को रद्द कराने का विकल्प मिल जाएगा।
अब देखते हैँ कि तेजस्वी यादव क्या करते हैँ? और चुनाव आयोग उनके खिलाफ क्या कदम उठाता है? कानूनी ज्ञान प्राप्त करने के लिए जुड़े रहिये हमारे ब्लॉग से, धन्यवाद 🙏🙏
प्रस्तुति
शालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली )
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