अब नहीं होगी बच्चों की ताड़ना यू पी के स्कूलों में
उत्तर प्रदेश के निजी व सरकारी विद्यालयों के शिक्षक अब बच्चों की ताड़ना नहीं कर सकेंगे.बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में शिक्षकों के लिए कड़े निर्देश जारी किये गए हैं.
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से राष्ट्रीय बालक अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से जारी इन दिशा निर्देशों का हवाला देते हुए कहा गया है कि विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों को किसी प्रकार की शारीरिक व मानसिक दंड न दिए जाएँ. साथ ही सभी निजी व सरकारी विद्यालयों को कहा गया है कि इन दिशा निर्देशों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये, साथ ही, बच्चों को भी बताया जाये कि वे इसके विरोध में अपनी बात कह सकते हैं।
➡️ स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा का आदेश-
स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा की ओर से सभी बीएसए को निर्देश दिया गया है कि
"हर स्कूल जिसमें छात्रावास हैं, जेजे होम्स, बाल संरक्ष्ज्ञण गृह भी शामिल हैं, में एक ऐसी व्यवस्था की जाए, जहां बच्चे अपनी बात रख सकें। ऐसे संस्थानों में किसी एनजीओ की सहायता ली जा सकती है। हर स्कूल में एक शिकायत पेटिका भी होनी चाहिए, जहां छात्र अपनी शिकायत दे सकें। अभिभावक शिक्षक समिति शिकायतों की समीक्षा करें। शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही की जाए।"
साथ ही उन्होंने कहा है कि
"शिक्षा विभाग ब्लॉक, जिला व राज्य स्तर पर ऐसी व्यवस्था करें कि बच्चों की शिकायत व कार्यवाही की समीक्षा की जा सके। आरटीई के नियमों का अनुपालन कराते हुए किसी बच्चे को शारीरिक दंड नहीं दिया जाएगा। उसका मानसिक उत्पीड़न नहीं किया जाएगा। इसका उल्लंघन करने वालों पर अनुशासनिक कार्यवाही की जाएगी। किसी बच्चे के साथ जाति, धर्म, लिंग आधारित दुर्व्यवहार या भेदभाव भी नहीं किया जाएगा। इन आदेशों का सभी स्कूल सख्ती से पालन कराएंगे।"
➡️ अब स्कूलों में प्रतिबंधित है-
✒️ बच्चों को झाड़ना,
✒️ परिसर में दौड़ाना,
✒️ चपत जमाना,
✒️ घुटनों के बल बैठाना,
✒️ यौन शोषण,
✒️ प्रताड़ना,
✒️ कक्षा में अकेले बंद कर देना,
✒️ बिजली का झटका देना,
✒️ अपमानित करके नीचा दिखाने जैसे शारीरिक व मानसिक रूप से आघात पहुंचाना।
➡️ शिकायत के लिए बच्चों व अभिभावकों को टोल फ्री नम्बर-
विद्यालयों द्वारा इन दिशा निर्देशों के पालन न किये जाने और पढ़ाई आदि की समुचित व्यवस्था न होने पर बच्चों व अभिभावकों की शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए नि:शुल्क टोल फ्री नंबर 1800-889-3277 शुरू किया गया है। महानिदेशक द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि
" सभी विद्यालय के नोटिस बोर्ड व मुख्य प्रवेश द्वार पर इस नंबर को लिखा जाए। बच्चे व अभिभावक इस पर शिकायत कर सकते हैं। इस पर आने वाली शिकायतों का निस्तारण व सुझावों की मॉनीटरिंग कर कार्यवाही की जाए।"
उत्तर प्रदेश में आये दिन स्कूलों में बच्चों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को देखते हुए महानिदेशक कंचन वर्मा द्वारा जारी ये दिशा निर्देश सराहनीय हैं किन्तु विद्यालयों द्वारा इनका कितना पालन किया जायेगा? जाति, धर्म, लिंग आधारित दुर्व्यवहार इन दिशा निर्देशों से कितना रुक पायेगा? ये अभी भविष्य के गर्भ में है. कदम की सराहना की जानी चाहिए और कम से कम अभिभावकों को अपने बच्चों की सही शिकायत पर गौर करते हुए आवाज उठाने का अवसर प्रदान किया गया है.
द्वारा
शालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली )
सही कदम उठाए गए हैं
जवाब देंहटाएंसहमत, टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद 🙏🙏
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