उत्तर प्रदेश में शुरू होने जा रहा है SIR, इन लोगों को दिखाने होंगे दस्तावेज



जागरण न्यूज 30 सितंबर 2025 के अनुसार उत्तर प्रदेश में 22 साल बाद मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण अभियान शुरू होगा। 70% मतदाताओं को कोई दस्तावेज नहीं देना होगा केवल हस्ताक्षरित फॉर्म जमा करना होगा जो बीएलओ द्वारा घर पर दिया जाएगा। केवल 30% मतदाताओं को पहचान के लिए दस्तावेज़ देने होंगे। चुनाव आयोग 2003 की मतदाता सूची से वर्तमान सूची का मिलान कर रहा है ताकि मतदाता सूची को सटीक बनाया जा सके।

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा कराये गए निरीक्षण मे यह तथ्य प्रकाश मे आया है कि केवल 30 प्रतिशत मतदाता ही ऐसे हैं जिन्हें पहचान के लिए 12 मान्य दस्तावेजों में से एक अनिवार्य रूप से देना पड़ेगा। भारत निर्वाचन आयोग का यह अभियान अक्टूबर में शुरू होने की उम्मीद है। अभियान से पहले चुनाव आयोग ने इसकी तैयारियां तेज करते हुए घर घर फॉर्म उपलब्ध कराने का काम बीएलओ को सौंपा है। अब तक हुई मैपिंग में करीब 60-70 प्रतिशत मतदाताओं के नाम दोनों मतदाता सूचियाें में दर्ज मिले हैं। ऐसे में इन 60-70 प्रतिशत मतदाताओं को अभियान के दौरान कोई भी पहचान का प्रपत्र नहीं देना पड़ेगा।

        चुनाव आयोग का मानना है कि अच्छी मैपिंग होने पर जनता को सहूलियत रहेगी और बी एल ओ को भी आम जनता से कम दस्तावेज ही एकत्र करने पड़ेंगे। अभियान के दौरान बीएलओ को घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करना होगा। इसके साथ ही उन्हें मोबाइल एप के जरिए डाटा रीयल-टाइम में अपलोड करना होगा। विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान का लक्ष्य मतदाता सूची को पूरी तरह से सटीक व पारदर्शी बनाना है, ताकि आगामी चुनाव निष्पक्ष और निर्विवाद रूप से संपन्न हो सके।

➡️ SIR क्या है और क्या होगा इसमें-

✒️ SIR' का मतलब विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) है, जो भारत निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा चलाया जाने वाला एक अभियान है। इसका मुख्य उद्देश्य मतदाता सूचियों को अपडेट और सही करना है। 

✒️ इस प्रक्रिया के तहत, बूथ स्तर के अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करते हैं। इस सत्यापन से यह सुनिश्चित किया जाता है कि मतदाता सूची में कोई भी गलती न हो और वह सटीक हो। 

➡️ 'SIR' के प्रमुख लक्ष्य--

1️⃣ मृत मतदाताओं को हटाना

उन लोगों के नाम हटाना जिनकी मृत्यु हो चुकी है।

2️⃣ स्थानांतरित मतदाताओं को हटाना: 

उन लोगों के नाम हटाना जो अब उस पते पर नहीं रहते।

3️⃣ नए मतदाताओं को जोड़ना: 

उन पात्र लोगों का नाम सूची में जोड़ना जो अभी तक पंजीकृत नहीं हैं।

4️⃣ गलतियों को सुधारना: 

मतदाता सूची में किसी भी तरह की गलती को ठीक करना।

5️⃣ डुप्लीकेट एंट्री हटाना: 

एक ही व्यक्ति के नाम को एक से ज़्यादा जगह पर होने से रोकना।

6️⃣ वोटर लिस्ट को अपडेट और शुद्ध करना-

एसआईआर का उद्देश्य वोटर लिस्ट को अपडेट और शुद्ध करना होता है ताकि कोई भी पात्र नागरिक छूट न जाए और कोई अयोग्य व्यक्ति शामिल न हो.

    बिहार में विधानसभा चुनावों से पहले यह अमल मे लाते वक़्त ही चुनाव आयोग ने यह भी संकेत दिया था कि भविष्य में इसे पूरे देश में लागू किया जा सकता है।

➡️ SIR उत्तर प्रदेश में-- 

✒️ उत्तर प्रदेश में एसआईआर (Special Intensive Revision) के दौरान दिखाने के लिए दस्तावेज़ इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप वोटर लिस्ट में नया नाम जुड़वा रहे हैं या किसी संशोधन के लिए आवेदन कर रहे हैं। 

✒️ मुख्य रूप से आवश्यक दस्तावेज़-

1️⃣ पहचान का प्रमाण

आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, या वोटर आईडी कार्ड।

2️⃣ पते का प्रमाण:

 बिजली का बिल, पानी का बिल, राशन कार्ड, रेंट एग्रीमेंट (किराये का समझौता), या बैंक/किसान/डाकघर की पासबुक।

3️⃣ उम्र का प्रमाण: 

जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल का प्रमाणपत्र (10वीं की मार्कशीट), या पासपोर्ट।

4️⃣ पासपोर्ट साइज़ फोटो: 

पहचान के लिए हाल ही का एक फोटो।

5️⃣ घोषणा पत्र: 

एक स्व-घोषणा पत्र, जिसमें आपकी जानकारी सही होने की पुष्टि होती है। 

6️⃣ विशेष परिस्थितियों में अतिरिक्त दस्तावेज़:-

✒️ सरकारी कर्मचारियों के लिए: सरकारी नौकरी का पहचान पत्र।

✒️ सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए: पेंशनर पहचान पत्र।

✒️ जमीन या मकान के दस्तावेज़: मालिकाना हक साबित करने के लिए।

✒️ ग्राम पंचायत या नगर पालिका के परिवार रजिस्टर में नाम दर्ज होने का प्रमाण: अगर लागू हो तो।

✒️ अनुसूचित जनजाति या वनवासी होने पर: वन अधिकार प्रमाण पत्र। 

✒️ अतिरिक्त या अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज-

उपरोक्त सभी दस्तावेज़ों की सूची में समय-समय पर बदलाव हो सकता है, इसलिए सबसे सटीक जानकारी के लिए आप अपने क्षेत्र के बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) से संपर्क कर सकते हैं।

➡️ इन लोगों को दिखाने होंगे SIR में अपने दस्तावेज़ --

1️⃣ नए मतदाता: जो पहली बार मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करवाना चाहते हैं, उन्हें पहचान और निवास का प्रमाण देना होगा।

2️⃣ पुराने मतदाता (कुछ मामलों में): अगर आपका नाम पिछली मतदाता सूची में था, लेकिन 2003 के बाद शामिल हुआ है, तो आपसे अपने जन्मतिथि और/या जन्मस्थान को प्रमाणित करने के लिए दस्तावेज़ मांगे जा सकते हैं।

3️⃣ मतदाता सूची से बाहर किए गए लोग: अगर आपका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है, तो आपको फिर से शामिल होने के लिए दस्तावेज़ जमा करने होंगे।

4️⃣ डुप्लिकेट प्रविष्टियों वाले लोग: अगर मतदाता सूची में आपके नाम की एक से ज़्यादा प्रविष्टियाँ हैं, तो आपको पहचान साबित करनी होगी।

       इस प्रकार SIR द्वारा अब उत्तर प्रदेश में भी आने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैँ, जिन्हें लेकर तहसील स्तर पर अधिकारियों और कर्मचारियों की मीटिंग आरम्भ हो चुकी हैँ,साथ ही, सरकारी कर्मचारियों को बी एल ओ स्तर के कार्य सौंप दिए गए हैँ. किसी भी रोज बी एल ओ आपके घर का दरवाजा खटखटा सकते हैँ, तो तैयार रहिये जवाब देने के लिए अपने मतदान अधिकार को लेकर और सहेज कर रखिये वे दस्तावेज ( जो हमने आपको बताये हैँ ) जिनसे आपका मतदाता अधिकार बना रहे.

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धन्यवाद 🙏🙏

द्वारा

शालिनी कौशिक

एडवोकेट

कैराना (शामली)



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