AIBE XX सिविल क़ानून की तैयारी

 


आज हम आपको अखिल भारतीय बार परीक्षा xx के तीसरे पेपर सिविल क़ानून की तैयारी कराने जा रहे हैँ, अब बारी बारी से आप इसके महत्वपूर्ण पॉइंट्स पर ध्यान दीजिये-

➡️ सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC)

      सिविल प्रक्रिया संहिता जिसे आप और हम सी पी सी के रूप में सम्बोधित करते हैँ, से अखिल भारतीय बार परीक्षा AIBE में 10 नंबर के प्रश्न पूछे जाते हैँ.

➡️ सी पी सी का क़ानून में महत्व-

  आपराधिक मामलों पर महत्वपूर्ण कानून हैँ- दंड प्रक्रिया संहिता जो कि अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता हो गया है और भारतीय दंड संहिता जो कि अब भारतीय नागरिक संहिता हो गया है,उसी तरह सी पी सी का महत्व है, यह सिविल मुकदमों की रीढ़ है किन्तु इसकी खास विशेषता यह है कि इसमें कानूनी धाराएं और प्रक्रिया एक साथ ही हैँ. AIBE में इससे संबंधित प्रश्न प्रक्रियात्मक होते हैं और अक्सर विभिन्न अवधारणाओं के बीच अंतर पूछा जाता है.

➡️ मुख्यतः ध्यान दें

1️⃣ न्यायालयों का अधिकार क्षेत्र (धारा 9)।

2️⃣ रेस सब-ज्यूडिस और रेस ज्यूडिकाटा (धारा 10, 11)।

3️⃣ अभिवचन (आदेश 6), वादपत्र (आदेश 7), और लिखित कथन (आदेश 8)।

4️⃣ समन (आदेश 5)।

5️⃣ अस्थायी निषेधाज्ञा (आदेश 39)।

6️⃣ अपील, संदर्भ, समीक्षा और पुनरीक्षण (धारा 96-115)।

 ➡️ तैयारी चरणबद्ध तरीके से करें -

✒️ आदेश (orders) महत्वपूर्ण हैं इसलिए धाराओं से अधिक आदेशों (Orders) पर ध्यान केंद्रित करें, क्योंकि व्यावहारिक प्रश्न, जैसे कि-आपको केस दायर करने के लिए, केस में विभिन्न पडावों पर अपनाने वाली प्रक्रियाओं से संबंधित प्रश्न अक्सर वहीं से आते हैं। 

✒️ वादपत्र, लिखित कथन और निषेधाज्ञा जैसे महत्वपूर्ण आदेशों को चिह्नित करने के लिए अलग-अलग रंग के फ्लैग का उपयोग करें। जिसके लिए आप स्टिकी नोट्स का इस्तेमाल कर सकते हैँ.



✒️ विभिन्न सिविल मामलों में न्यायालयों द्वारा दिए गए निर्णयों के महत्वपूर्ण वाक्यों को बोल्ड या अंडरलाइन कर चिन्हित करें.

✒️ बेयर एक्ट्स में धाराओं के नीचे दिए गए उदाहरणों पर खास ध्यान केंद्रित करें, इससे धाराओं को याद रखना आसान हो जाता है.

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धन्यवाद 🙏🙏

द्वारा 

शालिनी कौशिक 

एडवोकेट 

कैराना (शामली )

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