तू ------बस सोचकर बोलना
   जातिगत टिप्पणी और वह भी फोन पर ,आप यकीन नहीं करेंगे कि यह भी कोई अपराध हो सकता है ,पर आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि यह अपराध है अगर जातिगत टिप्पणी सार्वजानिक स्थल पर की गयी है ,ऐसा सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक हालिया जजमेंट में कहा है -              अनुसूचित जाति व् जनजाति समुदाय के व्यक्ति के खिलाफ सार्वजानिक जगह पर फोन पर की गयी जातिगत टिप्पणी अपराध है ,इसमें पांच साल की सजा हो सकती है,व्यक्ति पर एक दलित समुदाय की महिला पर जातिगत टिप्पणी का आरोप था और उसने याचिका दायर कर महिला की प्राथमिकी रद्द करने की मांग की थी ,सुप्रीम कोर्ट ने यह साबित करने का भर भी उसी पर डाला कि वह यह साबित करे कि उसने सार्वजानिक स्थल पर बात नहीं की,         तो अब संभल जाइये और अपनी बातचीत को कानूनी दायरे में ही रखकर कीजिये ,अन्यथा फंस सकते हैं और फंसने पर सबूत भी खुद देना होगा कि आपने ऐसी बातचीत की ही नहीं /   शालिनी कौशिक       [कानूनी ज्ञान ]