अब साइलेंट हो गया साइबर फ़्रॉड
साइबर अपराधी रोज पैसे ठगने का नया तरीका निकाल रहे हैँ. अब स्कैम करने का नया तरीका सामने आया है. अब इसके लिए उन्हें ओटीपी या मैसेज और न ही कोई लिंक की भी जरूरत रह गई है। अब आप भी ये सोचकर हैरान होंगे कि क्या ऐसा भी संभव है?
क़ानून की प्रमुख राजधानी, वकीलों की सर्वोच्च संस्था नगरी प्रयागराज में 7 दिन मे 11 ऐसे ही स्कैम की जानकारी सामने आई है जिनमें पीड़ितों के मोबाइल पर घंटों बाद रुपये निकाले जाने का संदेश आया। हैरानी की बात यह है कि न तो उन्होंने किसी अनजान लिंक पर क्लिक किया, न ही किसी से बैंक डिटेल साझा की और न ही उनके मोबाइल पर कोई ओटीपी आया। साइबर थानों की पुलिस इन मामलों को लेकर हैरत में है, क्योंकि अब तक की ठगी की तकनीकों में ओटीपी, कॉल या मैसेज के जरिए जानकारी हासिल की जाती थी, लेकिन इन 11 मामलों में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और इसी कारण इन्हें साइलेंट फ़्रॉड की संज्ञा दी जा रही है.
➡️ जनता के लिए अलर्ट है साइलेंट फ्रॉड:-
इलाहाबाद के साइलेंट फ्रॉड के मामले आम जनता के लिए चेतावनी है कि अब सिर्फ फोन, ओटीपी और लिंक से बचाव ही काफी नहीं, आपको अपने मोबाइल डिवाइस को पूरी तरह सुरक्षित रखना होगा। तकनीकी रूप से अपडेट और जागरूक रहना होगा। क्योंकि साइलेंट फ्राड के लिए ठग फिशिंग या मैलवेयर का प्रयोग कर सकते हैं। कभी-कभी पुराने या कम सुरक्षित एंड्राइड फोन में थर्ड पार्टी एप व एक्सेस की गई साइट्स से जालसाजों को मौका मिल जाता है।
➡️ इनके साथ हुआ हैँ साइलेंट फ्रॉड:-
1️⃣ पहला मामला- कर्नलगंज निवासी अरुण कुमार के बैंक खाते से दो बार में ढाई लाख रुपये निकाल लिए गए। उनके पास रुपये कटने का कोई मैसेज भी नहीं आया। इसका पता उन्हें तब चला, जब उन्होंने अपना बैंक बैलेंस की जांच की। आश्चर्य की बात यह रही कि कोई ओटीपी उनके पास नहीं आई और न ही उन्होंने किसी लिंक पर क्लिक किया था।
2️⃣ दूसरा मामला- कालिंदीपुरम निवासी अशोक कुमार सिंह के साथ 2.43 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। साइबर अपराधियों ने उनके खाते से कई बार में यह रकम निकाली। उनके पास भी किसी प्रकार की ओटीपी नहीं भेजी गई। बैंक से रुपये निकाले जाने का कोई मैसेज भी उन्हें नहीं मिला। जब उन्हें इसकी जानकारी हुई तो वह एक से दूसरे थाने की दौड़ लगाने लगे।
➡️ साइलेंट फ्रॉड से डर गई है जनता:-
शहर में हुए सिर्फ सात दिनों में दर्ज हुए 11 मामलों से शहर के लोगों में खौफ और भ्रम हैं। खासकर वरिष्ठ नागरिक और महिलाएं, अब लोगों में बैंक से पैसे निकालने व मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल करने में डर दिखाई दे रहा है। इसके साथ ही स्थानीय बैंकों में भी शिकायतों की लाइन लगी है।
ऐसे हुए कई मामलों से बैंकों पर भी सवाल उठे हैं कि आखिर सुरक्षा व्यवस्था इतनी कमजोर कैसे है कि ग्राहक के खाते से रुपये निकले और अलर्ट घंटों बाद आया। कई पीड़ितों का कहना है कि जब उन्होंने बैंक में संपर्क किया, तो उन्हें नेटवर्क समस्या या सिस्टम अपडेट का हवाला देकर वापस भेज दिया गया।
इसी बीच एक खबर सामने आ रही है जिसने बैकों की व्यवस्था को लेकर लोगों के मन मे और अधिक भय उत्पन्न कर दिया है.राजस्थान के कोटा शहर से एक खबर सामने आई, जिसमें आरोप है कि बैंक की रिलेशनशिप मैनेजर साक्षी गुप्ता ने 43 ग्राहकों के 110 खातों से लगभग 4 करोड़ 58 लाख रुपए निकाल लिए. उन्होंने बैंक में मौजूद अलग-अलग खातों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बदल दिए, जिसके बाद वह रकम निकाल ली और उन्हें शेयर मार्केट में लगा दिया. इसके बाद वह रकम डूब गई. आरोप है कि इस घटना में रिलेशनशिप मैनेजर साक्षी गुप्ता ने 43 ग्राहकों के 110 खातों से लगभग 4 करोड़ 58 लाख रुपए निकाल लिए. उन्होंने बैंक में मौजूद अलग-अलग खातों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बदल दिए, जिसके बाद वह रकम निकाल ली.
➡️ साइबर ठगी के कुछ प्रमुख कारण-
1️⃣ गूगल प्ले स्टोर पर कई फर्जी ऐप, असली ऐप की तरह दिखते हैं।
2️⃣ साइलेंट मैलवेयर जो फोन में बिना जानकारी के डाउनलोड हो जाते हैं और बैंक ऐप के डेटा को रीड कर लेते हैं।
3️⃣ ठग लोगों का सिम क्लोन कर उसका नेटवर्क और ओटीपी प्राप्त कर लेते हैं।
4️⃣ सार्वजनिक स्थानों पर लगे फर्जी वाईफाई नेटवर्क से फोन हैक कर लिया जाता है।
➡️ इनसे बचने के लिए जरुरी है-
1️⃣ फोन में सिर्फ जरूरत के ही ऐप रखें।
2️⃣ बैंकिंग के लिए सिर्फ ऑफिशियल ऐप का ही इस्तेमाल करें।
3️⃣ कभी भी अपना ओटीपी, यूपीआई पिन या पासवर्ड साझा न करें।
4️⃣ अनजान स्थानों पर लगे वाईफाई नेटवर्क से बचें।
➡️ इलाहाबाद साइबर सेल की चेतावनी-
इलाहाबाद के साइबर सेल प्रभारी विनोद ने बताया कि साइबर अपराध के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने की हर संभव कोशिश की जा रही है। कई तरीके से लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। लोगों को भी हमेशा सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि साइबर अपराधी नए-नए तरीके से लोगों को ठगने का प्रयास करते हैं। ऐसे में अगर कोई साइबर अपराध का शिकार होता है तो तत्काल आनलाइन रिपोर्ट दर्ज कराना जरूरी होता है। 1930 पर भी फोन कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
➡️ अन्य महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय-
साइबर ठगी, सिम स्वैपिंग और कोटा शहर के जैसी घटनाओं की वजह से कई भोले-भाले लोगों के बैंक खाते खाली हो जाते हैं. इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए कुछ अन्य महत्वपूर्ण उपाय अपनाये जा सकते हैं-
🌑 बैंक खाते में मौजूद रकम का स्टेटस जानने के लिए सिर्फ बैंक से आने वाले मैसेज अलर्ट पर निर्भर ना रहें. कई बार नंबर बदलने की वजह से या सिम स्वैपिंग की वजह से बैंक से आने वाले मैसेज अलर्ट आप तक नहीं पहुंचते हैं. इसलिए इन 5 तरीकों को जानिए, जिन्हें फॉलो करने के बाद आप खुद अपना बैंक बैलेंस चेक कर सकते हैं-
1️⃣ बैंकिंग ऐप्स को इंस्टॉल करें-
बैंक खाते में मौजूद रकम को रेगलुर चेक करते रहें और हर एक ट्रांजैक्शन के बारे में भी देख सकते हैं कि वह रकम कहां गई है. इसके लिए आप बैंक के मोबाइल ऐप को इंस्टॉल कर लें. लगभग सभी बैंकों के ऑफिशियल ऐप हैं, जिन्हें मोबाइल में इंस्टॉल करके बैंक बैलेंस और उसकी स्टेटमेंट को चेक कर सकते हैं.
2️⃣ FD और RD पर भी रखें नजर-
बैंक में मौजूद RD और FD पर भी अपनी नजर बनाए रखें. इसके लिए आप बैंक के ऑफिशियल ऐप का सहारा ले सकते हैं. बैंक के ऐप के अंदर FD और RD की स्टेटमेंट और बैलेंस का स्टेटस होता है. अगर उस रकम को कोई निकालता या ट्रांसफर करता है, तो उसकी तुरंत जानकारी आपको मिल जाएगी.
3️⃣ मिस्ड कॉल बैंकिंग-
बैंक खाते का बैंलेंस चेक करने के लिए मिस्ड कॉल सर्विस का यूज कर सकते हैं. दरअसल, भारत में मौजूद लगभग हर एक बैंक मिस्ड कॉल बैंकिंग की सुविधा देता है, जिसकी मदद से आप रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से मिस्ड करेंगे तो उसके बाद मैसेज के रूप में आपके पास बैंक बैलेंस और मिनी स्टेटमेंट आ जाएगी.
4️⃣ इंटरनेट बैंकिंग -
अपने बैंक खाते पर नजर रखने के लिए इंटरनेट बैंकिंग का सहारा ले सकते हैं. भारत में मौजूद हर एक बैंक ऑनलाइन बैंकिंग की सुविधा देता है, इसके लिए आपको एक स्ट्रांग पासवर्ड बनाना होगा. यहां आप ऑनलाइन बैंकिंग की मदद से बैलेंस चेक कर सकते हैं, स्टेटमेंट देख सकते हैं और RD व FD को स्टेटस जान सकते हैं.
5️⃣ ATM की मदद ले सकते हैं-
मोबाइल बैंकिंग या इंटरनेट बैंकिंग का यूज नहीं करना चाहते हैं और अपने बैंक खाते पर नजर रखना चाहते हैं. तो इसके लिए आप ATM की मदद ले सकते हैं.
➡️ UPI Apps भी हैं यूजफुल-
बैंक खाता का बैंलेंस देखने के लिए आप UPI Apps का भी सहारा ले सकते हैं. दरअसल, भारत में ढेरों UPI Apps मौजूद हैं, जिनकी मदद से अपने बैंक खाते का बैलेंस चेक कर सकते हैं. अगर चोरी-छिपे कोई रुपये निकालता है तो उसकी जानकारी आपको मिल जाएगी.
उपाय बहुत हैं किन्तु साइबर ठग क़ानून से बहुत आगे जा रहे हैं जिसके लिए सतर्कता और जागरूकता आपकी जरुरी हैं. ध्यान रखिए, कभी भी कोई ठग या अपराधी अलग से नहीं आता है, वह आपके बीच का ही होता है जिसे आप अनजाने मे या अपनी ज्यादा शान-ओ-शौकत दिखाने मे अपने अकाउंट डिटेल्स खुद दे देते हैँ. आपको अपनी इस आदत को नियंत्रित करना होगा, तभी आप साइबर ठगों के चंगुल से बच पाएंगे क्योंकि सतर्कता और जागरूकता ही आपकी सच्ची सुरक्षा हैं.
द्वारा
शालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली )
उपयोगी जानकारी प्रदान करने के लिए धन्यवाद 🙏🙏
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