उत्तर प्रदेश सामूहिक विवाह योजना में बदलाव
सामूहिक विवाह योजना में लगातार हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए यू पी सरकार ने वर और वधू के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस आवश्यक कर दी है.
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गरीब और कमजोर वर्ग के बेटियों के हाथ पीले करने की राह और आसान कर दी है. अब मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ उन परिवारों को भी मिलेगा, जिनकी सालाना आमदनी तीन लाख रुपये तक है. पहले यह सीमा दो लाख तक थी, जिससे कई लोग योजना से बाहर रह जाते थे.इसके साथ हीआर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों के विवाह के लिए सामूहिक विवाह योजना की निगरानी सख्त करने के निर्देश दिए हैं। अब कन्या के आधार सत्यापन में लापरवाही पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसके साथ ही विवाह स्थल पर वर-वधू दोनों की बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है, ताकि फर्जीवाड़ा रोका जा सके। विवाह में दी जाने वाली उपहार सामग्री, जलपान और भोजन आदि के मानक तैयार कर उनका कड़ाई से पालन करवाये जाने के निर्देश जारी किये गए हैँ.
एक ही स्थान पर 100 या उससे अधिक जोड़ों की शादियों की स्थिति में संबंधित जिलाधिकारी स्वयं मौजूद रहेंगे। समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि सरकार का उद्देश्य है कि योजना का लाभ पात्र परिवार आसानी से ले सकें। इसके लिए कई स्तर पर बदलाव किए जा रहे हैं। योजना में लाभार्थियों को दिए जाने वाले उपहारों की गुणवत्ता और आपूर्ति में पारदर्शिता के लिए अब फर्मों के चयन की प्रक्रिया निदेशालय स्तर से की जाएगी, ताकि जिला स्तर पर किसी तरह की अनियमितता न हो।
🌑उत्तर प्रदेश सामूहिक विवाह योजना में बदलाव-
उत्तर प्रदेश में सामूहिक विवाह योजना के तहत, सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों की शादी के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती रही है जिसमें अब तक योजना के तहत, प्रति जोड़ा 51,000 रुपये दिए जाते थे, जिसमें से 35,000 रुपये कन्या के बैंक खाते में, 10,000 रुपये उपहारों पर और 6,000 रुपये समारोह के आयोजन पर खर्च किए जाते थे अब सामूहिक विवाह योजना में किये गए बदलाव के बाद हर लाभार्थी पर सरकार 51 की जगह एक लाख रुपये खर्च करेगी। नई व्यवस्था में विवाहिता को 60 हजार रुपये बैंक खाते में दिए जाएंगे। विवाह में 25 हजार का उपहार दिया जाएगा। विवाह के आयोजन पर 15 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे।
➡️ योजना के मुख्य नियम -
🌑 पात्रता:
आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए।
🌑 आयु:
लड़की की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक और लड़के की आयु 21 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
🌑 आय:
परिवार की वार्षिक आय 3 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
🌑 अन्य:
यह योजना सभी जातियों और धर्मों के लिए खुली है।
🌑 न्यूनतम जोड़े:
एक सामूहिक विवाह समारोह में कम से कम 10 जोड़े शामिल होने चाहिए।
🌑 ऑनलाइन आवेदन-
योजना का लाभ उठाने के लिए, इच्छुक जोड़ों को उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट पर या कल्याण साथी जैसी वेबसाइटों पर ऑनलाइन आवेदन करना होग.
🌑 उद्देश्य-
सामूहिक विवाह योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों पर शादी का बोझ कम करना और समाज में समरसता को बढ़ावा देना है।
🌑 समारोह के अनिवार्य मानदंड-
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा समारोह में मंडलीय उपनिदेशकों और जिला समाज कल्याण अधिकारियों की अनिवार्य उपस्थिति के निर्देश जारी किये गए हैँ। एक जिले के अधिकारी दूसरे जिले में आब्जर्वर के रूप में नामित कर भेजे जाएंगे। समारोह में किसी भी अनियमितता की स्थिति में ये अधिकारी सीधे निदेशालय या मंडलीय उपनिदेशक को रिपोर्ट करेंगे। सामूहिक विवाह योजना के प्रभारी उप निदेशक, समाज कल्याण आरपी सिंह ने बताया कि इस वर्ष लगभग एक लाख जोड़ों का विवाह करवाए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
( ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया जानने के लिए जुड़े रहें कानूनी ज्ञान ब्लॉग से, साथ ही अपनी समस्या या प्रतिक्रिया कमेंट सेक्शन में शेयर करना न भूलें -धन्यवाद 🙏🙏)
प्रस्तुति
शालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली )
सार्थक बदलाव किए हैं उत्तरप्रदेश सरकार ने, जानकारी शेयर करने के लिए धन्यवाद 🙏🙏
जवाब देंहटाएंAgree with you 👍 प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक धन्यवाद 🙏🙏
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