साइबर ठगों का नया हथियार आपके बच्चे
आज आदमी डिजिटल हो चला है, जहाँ देखिये आदमी के हाथ में मोबाइल चलता ही रहता हैँ. अब तो ये लगने लगा है कि अगर ये स्मार्ट फोन हाथ में नहीं है तो न ही हमारी सांस चलेंगी और न ही हमारे हाथ पैर, किन्तु ऐसी स्थिति एक उस आदमी की होना तो सही है जिसे दुनिया की, दुनियादारी की समझ है किन्तु उस बच्चे की समझ का क्या करें जिसके लिए अभी सपनों में और दुनिया की सच्चाईयों मे कोई अंतर ही नहीं है.
आज के डिजिटल युग में मोबाइल फोन अब न केवल संचार का उपकरण है, बल्कि मनोरंजन, शिक्षा और सोशल कनेक्शन का बड़ा माध्यम बन चुका है. साइबर अपराधी इसका दुरुपयोग कर आम जनजीवन को ठगने मे लगे हुए हैं। साइबर अपराधी हर उस हाथ को देख रहे हैं जिसका कीमती समय मोबाइल के साथ व्यतीत होता है, जिसके माँ बाप के पास अपने छोटे बच्चे के हाथ मे देने के लिए स्मार्ट फोन जैसा कीमती तोहफा है. ऐसे छोटे बच्चों को साइबर अपराधी जाने-अनजाने फ्री गेम ऑफर, फेक लिंक या ओटीपी शेयर के बहाने साइबर ठगी करने की कोशिश के मामले सामने आ रहे हैं और ये हम सब बखूबी देख सकते हैं कि बार बार स्थानीय पुलिस द्वारा साइबर अपराध के प्रति जागरूक किये जाने पर भी बड़े बड़े लोग गलतियां कर रहे हैं तो बच्चे कैसे इससे बच सकते हैं उनके लिए तो ये सब अभी खेल खेल ही हो रहा होता हैं.
माँ बाप द्वारा अपना समय न दे पाने की एवज या सोसाइटी मे अपनी ऊँची शानो शौकत दिखाने के लिए छोटे बच्चों द्वारा मोबाइल फोन पर वीडियो देखने और वीडियो गेम खेलने की लत लग रही है, जिसका फायदा साइबर अपराधी उठा रहे हैं और यह उनके लिए ठगी करने का आसान माध्यम बन रहा है। शामली जिले में इस तरह के कई मामले आये दिन सामने आ रहे है, जहां बच्चों की वीडियो गेम खेलने की आदत का फायदा उठाकर अपराधियों द्वारा साइबर ठगी की गई है.
➡️ शामली जिले में बच्चे बन रहे साइबर अपराधियों का मोहरा-
1️⃣ थानाभवन की किशोरी से ब्लैकमेलिंग
थानाभवन इलाके की रहने वाली एक किशोरी को एक वीडियो एप डाउनलोड कर रुपये कमाने का झांसा दिया गया और फिर उस एप के जरिए जाल में फंसाया गया.ध्यान दीजिये साइबर अपराधी वीडियो एप डाउनलोड करने के लिए कहते हैं और फिर उसे डाउनलोड करने पर आपसे उसके सामने कुछ न कुछ करने के लिए कहेँगे और फिर AI के जरिये उस वीडियो का गलत इस्तेमाल करेंगे, ऐसे ही थानाभवन की किशोरी के साथ किया और उसकी वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग की कोशिश भी की गई, जिसका समय रहते परिजनों को पता चल गया। जिसकी शिकायत परिजनों द्वारा बच्चों की सुरक्षा से जुडी हेल्पलाइन नंबर 1098 और महिला सुरक्षा की हेल्पलाइन नम्बर 1091 पर की गई, जिससे किशोरी की सुरक्षा सम्भव हो सकी.
2️⃣ कैराना के बच्चे से ऑनलाइन ठगी-
कैराना में रहने वाले एक 13 साल के बच्चे को ऑनलाइन गेम में मुफ्त गिफ्ट का लालच दिया गया। गेम का झांसा देकर बच्चे से उसके पिता के पेटीएम आदि की जानकारी लेने की कोशिश की गई जिसका पता तुरंत ही बच्चे के परिजनों को चल गया और बच्चे के पिता ने उस अनजान मोबाइल नंबर को ब्लाक कर दिया और इस तरह से साइबर ठगों का यह दांव विफल हो गया.
3️⃣ बेटे का खेल बाप के अकाउंट पर हमला, शामली
शामली निवासी एक व्यक्ति ने साइबर सेल को शिकायत की थी कि उसके बेटा ऑनलाइन गेम खेल रहा था। इस दौरान उसके बैंक खाते से 10 हजार रुपये कट गए थे। जिसमे निश्चित रूप से बच्चे से बाप के अकाउंट की जानकारी साइबर ठगों द्वारा बच्चे को ईनाम का लालच देकर मांगे जाने की आशंका है.
➡️ साइबर विशेषज्ञ संजीव भटनागर की राय:-
साइबर एक्सपर्ट संजीव भटनागर का कहना है कि बच्चों के मोबाइल फोन के इस्तेमाल करते समय निगरानी जरूरी है। बच्चों के आसानी से किसी भी लालच में या बहकावे में आने की संभावना रहती है। साइबर ठग बच्चों के माध्यम से निजी जानकारी लेने की कोशिश कर सकते हैं, इसलिए अभिभावकों को अपने बच्चों को मोबाइल फोन के सुरक्षित उपयोग के बारे में बताना चाहिए।
➡️ बच्चों को साइबर ठगी से बचाने के उपाय:-
1️⃣ बच्चों को बैंक से संबंधित एप या पासवर्ड साझा न करने दें।
2️⃣ अनजान एप डाउनलोड करने से रोके और केवल विश्वसनीय एप स्टोर से इंस्टॉल करें।
3️⃣ स्क्रीन शेयर जैसे विकल्पों से बच्चों को दूर रखें।
4️⃣ मोबाइल में मजबूत पासवर्ड और दो-चरणीय प्रमाणीकरण अवश्य लागू करें।
5️⃣ बच्चों के मोबाइल फोन की समय-समय पर निगरानी रखें और अनावश्यक एप हटा दें।
एक बात ध्यान रखें कि बच्चों के मामले में ये उपाय सफल बनाना सम्भव नहीं हैं, ऐसे में कोशिश यही करें कि बच्चों को अकेले में फोन इस्तेमाल करने ही न दें, उन्हें अनुशासित रखते हुए फोन अपने सामने ही प्रयोग करने के लिए कहें, साथ ही, अपने पीछे बच्चे को मोबाइल फोन तकनीक के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान विस्तार से समझाकर उन्हें मोबाइल फोन से दूर ही रहने के लिए कहें क्योंकि बच्चों का मन कोमल होता है वे लुभावने वादों में जल्दी फंस जाते हैं. उनकी सुरक्षा आपकी सतर्कता में ही है. आप यदि जागरूक हैं सतर्क हैं तभी बच्चे सुरक्षित हैं.
द्वारा
शालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली )
बच्चे साइबर ठगों के हाथ का खिलौना न बनें ईसके लिये आपकी पोस्ट में उत्तम जानकारी शेयर की गई है. बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏
जवाब देंहटाएंप्रतिक्रिया हेतु हार्दिक धन्यवाद 🙏🙏
हटाएंबढ़िया जानकारी। छोटे बच्चो से भी ज्यादा बूढ़े बुजुर्ग लोगों को भी सावधान रहना चाहिए... आजकल सबसे ज्यादा यही लोग ठगे गए हैं.. मै कहता हु छोटे बच्चो को बड़े कम से कम अपना फोन नहीं ये छूने दे... बनारस जैसे शहर में डेढ़ दो साल से बहुत ठगी हुई है.. जितने ठगे गए हैं लगभग सभी पढ़े लिखे उच्च वर्ग या बड़े पदों पर काम करने वाले थे... अपने से सोचना चाहिए न मोबाइल फोन पर CBI बैंक आदि वाले क्यों फोन करेंगे... घर बैठे पैसा कैसे कमाएं? सबसे ज्यादा गूगल सर्च यही होता होगा भारत जैसे देश में ... जब खाते में मेहनत का पैसा है तो उसे देकर डबल क्यों करना... बैंक कर्मचारी से लेकर सैन्य अधिकारी तक लूटे गए हैं..... कौआ कान ले गया वाली कहावत सटीक बैठता है.. कोई जज पुलिस बनकर फोन से IAs को ही लूट ले रहा है क्या ही बोला जाए।
जवाब देंहटाएंऐसे में बच्चों को अपना फोन गेम खेलने के लिए देना मूर्खता ही है । बच्चों को बताए कि 7 इंची स्क्रीन के बाहर भी एक दुनिया है।
आपकी एक एक बात शत प्रतिशत रूप से सत्य है, प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक धन्यवाद शिवम पाण्डेय जी 🙏🙏
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