AIBE XX -IPC /BNS की तैयारी4️⃣
अखिल भारतीय बार परीक्षा 20 ( AIBE-XX ) 30 नवंबर 2025 को आयोजित होने जा रही है. परीक्षा के आवेदन आदि की सम्पूर्ण जानकारी हम आपको अपने ब्लॉग ( AIBE-XX पूरी जानकारी एक साथ ) में दे चुके हैँ, उसके बाद हम आपको परीक्षा के महत्वपूर्ण क़ानूनों की ✒️ सभी क़ानूनों की तैयारी कैसे करें 1️⃣, इसके बाद ✒️ तैयारी दूसरे महत्वपूर्ण कानून की 2️⃣, तत्पश्चात ✒️ सिविल क़ानून की तैयारी 3️⃣ जिसे आप पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक कर देख सकते हैं. अब आपके लिए लेकर आये हैं हम परीक्षा में आने वाले चौथे महत्वपूर्ण कानून की तैयारी का तरीका, जिसे आप ब्लॉग कानूनी ज्ञान पर पढ़ सकते हैं और यू ट्यूब व्लॉग @IndianLawSK28 पर सुन सकते हैं. आज हम आपके लिए लेकर आये हैं" भारतीय दंड संहिता IPC/ भारतीय न्याय संहिता BNS" की तैयारी-
✒️ IPC/ BNS में से लगभग 8 अंक के प्रश्न आपसे पूछे जायेंगे और क्योंकि 1 प्रश्न 1 अंक का होता है इसलिए पेपर में इस कानून से आने वाले हैं 8 प्रश्न.
✒️ IPC/ BNS का महत्व:
यह आपराधिक अपराधों के मूल तत्व को परिभाषित करता है। प्रश्न आमतौर पर एक तथ्यात्मक परिदृश्य से सही अपराध की पहचान करने पर आधारित होते हैं अर्थात प्रश्न आपके मन/मस्तिष्क में अपराध के स्वरूप पर आधारित होते हैं कि आखिर आप किस अपराध को लूट, डकैती, हत्या, आपराधिक मानव वध, हमला, प्रहार आदि में परिभाषित करते हैं.
➡️ विशेष ध्यान देने योग्य धाराएं-
✒️ धारा 3 BNS जो कि IPC में धारा 6, 7, 27, 32, 34,35, 36, 37, 38 के रूप में वर्णित थी जिन्हें सामान्य स्पष्टीकरण शीर्षक दिया गया है.
✒️ धारा 14 से लेकर धारा 33 BNS जो कि IPC में धारा 76 से लेकर 95 तक व धारा 34 से लेकर धारा 44 BNS जो कि IPC में धारा 96 से 106 में सामान्य अपवाद के रूप में वर्णित थी जैसे कि आत्मरक्षा का अधिकार.
✒️ भारतीय न्याय संहिता 2023 के अध्याय 4 जो कि दुष्प्रेरण और आपराधिक षड्यंत्र और प्रयास से संबंधित है और जो कि अब धारा 45 से लेकर धारा 62 को समाहित किये हुए है. ये धाराएं भारतीय दंड संहिता 1860 में 107 से लेकर 120 बी तक और धारा 511 के रूप में वर्णित थी.
✒️ भारतीय न्याय संहिता 2023 के अध्याय 5 जिसमें धारा 63 से लेकर धारा 99 तक वर्णित हैं जो कि भारतीय दंड संहिता 1860 में 376,354,498 जैसी संवेदनशील धारायें रही हैं और जो कि महिलाओं और बालकों के विरुद्ध अपराधों से जुड़ी हुई हैं.
✒️ BNS के अध्याय 6, जिसमें धारा 100 से लेकर 146 तक संवेदनशील धाराएं हैं जो IPC में 299 से लेकर 374 तक मानव शरीर के खिलाफ अपराध (आपराधिक मानव वध, हत्या, अपहरण, हमला) को उजागर करती थी. साथ ही इसमें अब वे धाराएं भी शामिल हैं जो BNS में नई जोड़ी गई हैं धारा 111-संगठित अपराध, धारा 112- छोटे संगठित अपराध और धारा 113- आतंकवादी कृत्य.
✒️ BNS के अध्याय 17 जिसमें धारा 303 से धारा 334 तक वर्णित है जी कि IPC में 379 से 462 के रूप में वर्णित थी ये धाराएं संपत्ति के खिलाफ अपराध (चोरी, उगाही, डकैती, लूट, आपराधिक दुर्विनियोग) से संबंधित हैं और इसमें धारा 304 भी शामिल है जो कि झपट मारी की नई आपराधिक परिभाषा के रूप में BNS में शामिल की गई है.
✒️BNS की धारा 80 से लेकर 87 तक जो कि विवाह से संबंधित अपराधों से जुड़ी हैं और धारा 356 जो कि मानहानि के अपराध से संबंधित है और IPC में धारा 304-B से 366 तक और 499 के रूप में उपर्युक्त अपराधों को परिभाषित करती थी.
➡️ तैयारी कैसे करें-
✒️ प्रत्येक अपराध के आवश्यक तत्वों को समझना महत्वपूर्ण है। समस्या आधारित प्रश्नों के लिए, पहले प्रश्न पढ़ें और फिर BNS में संबंधित अध्याय पर जाएं।
उदाहरण के लिए, यदि प्रश्न चोरी से संबंधित है, तो सीधे “संपत्ति के खिलाफ अपराध” वाले अध्याय पर जाएं।
✒️ रूलिंग्स पर जरूर ध्यान दें और उनकी खास बातों को उदाहरण के रूप में नोट करें.
✒️ बेयर एक्ट्स में धाराओं के नीचे दिए गए उदाहरणों पर खास ध्यान केंद्रित करें, इससे धाराओं को याद रखना आसान हो जाता है.
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धन्यवाद 🙏🙏
द्वारा
शालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली )

समस्या को एक झटके में सुलझा देती है आपकी पोस्ट, आभार बहुत बहुत-बहुत 🙏🙏
जवाब देंहटाएंउत्साहवर्धन हेतु हार्दिक धन्यवाद 🙏🙏
हटाएंशानदार जानकारी देती पोस्ट, धन्यवाद 🙏🙏
जवाब देंहटाएंटिप्पणी हेतु आभार 🙏🙏
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