रेक्टिफिकेशन डीड (शुद्धि पत्र)
गिफ्ट डीड (दान विलेख) में नाम की गलती को रेक्टिफिकेशन डीड (शुद्धि पत्र) के माध्यम से सुधारा जा सकता है। यह एक कानूनी प्रक्रिया है जिसमें मूल दस्तावेज़ में हुई अनजाने में हुई टाइपिंग या तथ्यात्मक त्रुटियों को ठीक किया जाता है।
➡️ कानूनी प्रक्रिया (Procedure)
नाम की गलती को सुधारने के लिए नीचे दी गई चरण-दर-चरण प्रक्रिया का पालन करें:
1️⃣ त्रुटियों की पहचान करें: मूल गिफ्ट डीड की सावधानीपूर्वक समीक्षा करें और उन विशिष्ट गलतियों या अशुद्धियों की पहचान करें जिन्हें सुधारने की आवश्यकता है।
2️⃣ सहमति प्राप्त करें: सुधार के लिए मूल गिफ्ट डीड में शामिल सभी पक्षों (दानकर्ता और दानग्राही) की आपसी सहमति आवश्यक है। यदि कोई एक पक्ष सहमत नहीं होता है, तो मामले को अदालत में ले जाना पड़ सकता है।
3️⃣ शपथ पत्र (Affidavit) तैयार करें: एक शपथ पत्र तैयार करें जिसमें सही और गलत नाम, सुधार का कारण, और यह घोषणा हो कि दोनों नाम एक ही व्यक्ति के हैं। इस शपथ पत्र को नोटरी द्वारा सत्यापित (notarized) किया जाना चाहिए और उचित मूल्य के गैर-न्यायिक स्टाम्प पेपर पर होना चाहिए।
4️⃣ रेक्टिफिकेशन डीड (शुद्धि पत्र) का मसौदा तैयार करें: एक कानूनी विशेषज्ञ (वकील) की मदद से रेक्टिफिकेशन डीड का मसौदा तैयार करें। इस दस्तावेज़ में मूल डीड का संदर्भ होना चाहिए और स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए कि क्या सुधार किया जा रहा है।
5️⃣ स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण: रेक्टिफिकेशन डीड को उचित गैर-न्यायिक स्टाम्प पेपर पर निष्पादित (execute) किया जाना चाहिए। नाम की वर्तनी जैसी सामान्य गलतियों के लिए, स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क आमतौर पर मामूली होता है (लगभग ₹100-₹500, राज्य के अनुसार भिन्न हो सकता है)।
5️⃣ उप-पंजीयक कार्यालय में पंजीकरण: रेक्टिफिकेशन डीड को उसी उप-पंजीयक (Sub-Registrar) कार्यालय में पंजीकृत किया जाना चाहिए जहाँ मूल गिफ्ट डीड पंजीकृत की गई थी।
6️⃣ दस्तावेज जमा करें: उप-पंजीयक कार्यालय में, दोनों पक्षों (या उनके कानूनी उत्तराधिकारियों) को सभी सहायक दस्तावेजों जैसे मूल डीड, पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, पैन कार्ड), पता प्रमाण, और शपथ पत्र के साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा।
7️⃣ प्रमाणीकरण और अपडेट: उप-पंजीयक अधिकारी दस्तावेजों की प्रामाणिकता और त्रुटि की प्रकृति की पुष्टि करेंगे। सफल सत्यापन के बाद, रेक्टिफिकेशन डीड पंजीकृत हो जाएगी, और रिकॉर्ड में सुधार हो जाएगा।
8️⃣ अपडेटेड दस्तावेज़ प्राप्त करें: पंजीकरण के बाद, उप-पंजीयक कार्यालय से सुधारी गई डीड की प्रमाणित प्रति प्राप्त करें।
➡️ ध्यान दें
🌑 रेक्टिफिकेशन डीड का उपयोग केवल तथ्यात्मक या लिपिकीय (clerical/typographical) गलतियों को सुधारने के लिए किया जा सकता है, न कि मूल दस्तावेज़ के मूल स्वरूप या इरादे को बदलने के लिए।
🌑 यदि दानकर्ता (दाता) की मृत्यु हो गई है, तो सुधार के लिए उनके कानूनी उत्तराधिकारियों से संपर्क करना पड़ सकता है।
इस प्रक्रिया में एक वकील से सलाह लेना सबसे अच्छा है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी कानूनी आवश्यकताओं का पालन किया गया है।
प्रस्तुति
शालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली )

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