नितीश कुमार ने किया महिला की गरिमा पर आघात-SCBA

 


सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस कथित कृत्य की कड़ी निंदा की, जिसमें उन्होंने पटना में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान एक महिला डॉक्टर का हिजाब कथित रूप से जबरन नीचे खींच दिया। बार एसोसिएशन ने इस घटना को महिला की गरिमा, स्वायत्तता और संवैधानिक अधिकारों पर गंभीर हमला करार दिया। 20 दिसंबर, 2025 को पारित एक प्रस्ताव में एससीबीए के अध्यक्ष और कार्यकारी समिति ने 15 दिसंबर 2025 को हुई इस कथित घटना की “कड़ी शब्दों में निंदा की.

प्रस्ताव में कहा गया कि 

यह अत्यंत चिंताजनक है कि एक उच्च संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति ने सार्वजनिक मंच पर एक महिला की गरिमा और स्वायत्तता को ठेस पहुँचाने का प्रयास किया। एससीबीए ने कहा कि किसी महिला का हिजाब या सिर ढकने का वस्त्र जबरन हटाना न केवल उसकी व्यक्तिगत गरिमा का उल्लंघन है, बल्कि उसकी स्वायत्तता, निर्णय लेने की स्वतंत्रता और धार्मिक आज़ादी पर भी सीधा आघात है। 

बार एसोसिएशन ने इस कृत्य को महिलाओं के प्रति “अपमानजनक और हीन भावना” को दर्शाने वाला बताया और कहा कि ऐसी घटनाएँ संविधान द्वारा संरक्षित मूल मूल्यों पर चोट करती हैं।

प्रस्ताव में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री संजय निषाद द्वारा की गई कथित “अशोभनीय और अपमानजनक टिप्पणियों” की भी निंदा की गई। एससीबीए ने कहा कि

 इस प्रकार की टिप्पणियाँ महिलाओं की गरिमा को कमजोर करती हैं और समाज में भेदभावपूर्ण सोच को बढ़ावा देती हैं।

 सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने इस पूरे प्रकरण को भारतीय संविधान में निहित समानता और गैर-भेदभाव के सिद्धांतों का उल्लंघन बताते हुए दोषियों से बिना शर्त माफी की मांग की है। बार निकाय ने यह भी दोहराया कि वह महिलाओं की गरिमा, व्यक्तिगत अधिकारों और कानून के शासन की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

यह प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की मानद सचिव प्रज्ञा बघेल के हस्ताक्षर से जारी किया गया, जिसे एसोसिएशन के अध्यक्ष और कार्यकारी समिति की बैठक के बाद पारित किया गया।

स्रोत -live. Law. In 

प्रस्तुति 

शालिनी कौशिक 

एडवोकेट 

कैराना (शामली )

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