नेहा सिंह राठौर की याचिका ख़ारिज-इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोक गायिका नेहा सिंह राठौर द्वारा दायर याचिका खारिज की, जिसमें उन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले पर कथित रूप से 'भड़काऊ' सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर "भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने" सहित कई आरोपों के तहत उनके खिलाफ दर्ज FIR को चुनौती दी थी।
जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस सैयद क़मर हसन रिज़वी की खंडपीठ ने कहा कि
खंडपीठ ने आगे कहा कि
"कथित सोशल मीडिया पोस्ट में भारत के प्रधानमंत्री के नाम का अपमानजनक तरीके से इस्तेमाल किया गया। यहां तक कि गृह मंत्री को भी निशाना बनाया गया।"
खंडपीठ ने केस डायरी का अवलोकन करते हुए कहा,
"ऐसी टिप्पणियों में याचिकाकर्ता ने धार्मिक कोण और बिहार चुनाव के कोण का इस्तेमाल करते हुए प्रधानमंत्री का नाम लेकर उन पर आरोप लगाया और कहा कि भाजपा सरकार अपने निहित स्वार्थ के लिए हजारों सैनिकों के जीवन का बलिदान दे रही है और देश को पड़ोसी देश के साथ युद्ध में धकेल रही है।"
अदालत ने यह भी कहा कि
"यद्यपि भारत के संविधान का अनुच्छेद 19 सभी नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है। हालांकि, यही अधिकार सार्वजनिक व्यवस्था, शालीनता या नैतिकता के संरक्षण के लिए उचित प्रतिबंधों पर भी लागू होता है।"
अदालत ने कहा,
"कानून में यह सर्वविदित है कि अभिव्यक्ति की सुरक्षा की सीमा इस बात पर निर्भर करेगी कि क्या ऐसी अभिव्यक्ति विचारों का प्रचार करेगी या उसका कोई सामाजिक मूल्य होगा। यदि उक्त प्रश्न का उत्तर हाँ में है, तो ऐसी अभिव्यक्ति को अनुच्छेद 19 (1) (क) के तहत संरक्षित किया जाएगा; यदि उत्तर नकारात्मक में है तो ऐसी अभिव्यक्ति को संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (क) के तहत संरक्षित नहीं किया जाएगा।"
संक्षेप में मामला-
नेहा सिंह राठौर के खिलाफ शिकायत अभय प्रताप सिंह नामक व्यक्ति ने दर्ज कराई, जिन्होंने दावा किया कि राठौर ने अपने ट्विटर [अब X] हैंडल का इस्तेमाल करते हुए कुछ आपत्तिजनक पोस्ट किए हैं, जो राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं और उन्होंने धर्म के आधार पर एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ भड़काने का बार-बार प्रयास किया।
आभार 🙏👇
प्रस्तुति
शालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली )
सही कदम
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