ई रिक्शा में संगीत बजाना-उत्तर प्रदेश में गैरकानूनी

 


उत्तर प्रदेश में, खास तौर पर लखनऊ में, ई-रिक्शा में तेज आवाज में संगीत बजाने पर रोक है, और ऐसा करने पर चालान काटा जा सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि तेज आवाज में संगीत बजाने से यात्रियों, विशेषकर महिलाओं,बुजुर्गों और बच्चों को परेशानी होती है, और यह यातायात नियमों का उल्लंघन भी है. मोटर वाहन अधिनियम के तहत वाणिज्यिक वाहनों में संगीत बजाना प्रतिबंधित है. 

2 वर्ष पहले दैनिक भास्कर मे प्रकाशित समाचार के अनुसार कानपुर ट्रैफिक पुलिस ने मनमानी कर रहे ई-रिक्शा चालकों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था. कानपुर में ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ अभियान शुरू कर ई-रिक्शा में म्यूजिक बजाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई। पुलिस ने 275 ई-रिक्शा से म्यूजिक सिस्टम हटवाया। इसके साथ ही चेतावनी दी कि अगर दोबारा ई-रिक्शा में म्यूजिक बजते पाया गया तो सीज कर दिया जाएगा।

➡️ कानून और कारण--

🌑 यात्रियों को परेशानी: 

    लखनऊ में ई-रिक्शा चालकों को म्यूजिक बजाने से रोका गया है क्योंकि इससे यात्रियों, खासकर महिलाओं,बुजुर्गों और छोटे बच्चों को काफी असुविधा होती है. 

🌑 यातायात नियमों का उल्लंघन: 

      म्यूजिक बजाना मोटर वाहन अधिनियम की धारा 184 (खतरनाक ड्राइविंग) और 179(1) (अधिकारी द्वारा दिए गए किसी भी निर्देश की अवहेलना) के तहत दंडनीय हो सकता है. 

🌑 सुरक्षा और व्यवस्था:

    कई जगहों पर ई-रिक्शा में संगीत बजाने से ध्यान भटकता है, जिससे दुर्घटनाएं हो सकती हैं. 

🌑 क्या कार्रवाई हो सकती है?

✒️ चालान

यदि ई-रिक्शा चालक तेज आवाज में संगीत बजाते हुए पकड़ा जाता है, तो उसका चालान काटा जा सकता है. 

✒️ वाहन जब्ती:

  गंभीर मामलों में या नियमों की बार-बार अवहेलना करने पर वाहन जब्त भी किया जा सकता है. 

     इस तरह से यूपी में ई-रिक्शा में तेज संगीत बजाना कानूनी अपराध है, और इस पर कार्रवाई हो सकती है.मोटर वाहन अधिनियम की धारा 179(1) और धारा 184 के अनुसार-

➡️ मोटर वाहन अधिनियम की धारा 179(1) --

    मोटर वाहन अधिनियम की धारा 179(1) उन व्यक्तियों को दंडित करती है जो इस अधिनियम के तहत किसी भी अधिकारी द्वारा दिए गए कानूनी निर्देश की जानबूझकर अवज्ञा करते हैं या ऐसे व्यक्ति के कार्य में बाधा डालते हैं जिसे करने के लिए वह सशक्त हो. यदि ऐसा अपराध होता है, तो पहली बार में ₹500 तक के जुर्माने से दंडित किया जा सकता है, और यह दंड अन्य किसी प्रावधान में दंडित न होने पर ही लागू होता है. 

➡️ धारा 179(1) के मुख्य पहलू--

🌑 आदेशों की अवज्ञा: 

   यह धारा किसी भी सक्षम व्यक्ति या प्राधिकरण द्वारा दिए गए कानूनी निर्देशों का पालन न करने के मामले से संबंधित है. 

🌑 बाधा डालना: 

कोई भी व्यक्ति जो किसी ऐसे अधिकारी को अपना काम करने में बाधा डालता है जिसे इस अधिनियम के तहत अनुमति है, वह धारा 179(1) के तहत दंडनीय है. 

🌑 उदाहरण--

1️⃣ यदि ट्रैफिक पुलिस किसी अधिकारी द्वारा चालकों को अपने वाहन का पंजीकरण या अन्य जानकारी देने का निर्देश देती है, और वे जानबूझकर ऐसा करने से इनकार करते हैं, तो उन पर यह धारा लागू हो सकती है. 

2️⃣ इसी तरह, यदि कोई व्यक्ति अपनी गाड़ी चलाते समय किसी पुलिस अधिकारी को अपनी पहचान से जुड़ी कोई गलत जानकारी देता है, तो पुलिस अधिकारी धारा 179(2) के तहत उन पर चालान कर सकते हैं, जैसा कि YouTube पर बताया गया है. 

➡️ सजा --

इस धारा के तहत पहली बार दोषी पाए जाने पर ₹500 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

➡️ मोटर वाहन अधिनियम की धारा 184-- 

    मोटर वाहन अधिनियम की धारा 184 खतरनाक तरीके से वाहन चलाने (Dangerous Driving) से संबंधित है, जिसमें गति सीमा से अधिक गाड़ी चलाना, लापरवाही से वाहन चलाना, या ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करके दूसरों के लिए खतरा पैदा करना शामिल है। इस धारा के अनुसार, खतरनाक ड्राइविंग करने पर पहले अपराध के लिए छह महीने तक की कैद या ₹5,000 तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। बार-बार अपराध करने पर सज़ा और जुर्माना दोनों बढ़ जाते हैं, जो दो साल तक की कैद या ₹10,000 तक का जुर्माना हो सकता है। 

➡️ धारा 184 के अंतर्गत आने वाले कुछ कार्य:

🌑 गति से अधिक चलाना: 

  निर्धारित गति सीमा से तेज गाड़ी चलाना, खासकर घनी आबादी वाले इलाकों में। 

🌑 लापरवाही से गाड़ी चलाना: 

एक सक्षम और सावधान चालक से अपेक्षित स्तर से कम स्तर पर वाहन चलाना, जिससे दूसरों को खतरा हो। 

🌑 अन्य नियम उल्लंघन: 

 लाल बत्ती जंप करना, वाहन चलाते समय फोन का उपयोग करना, या ट्रैफिक प्रवाह के विपरीत वाहन चलाना जैसे कार्य भी खतरनाक ड्राइविंग के दायरे में आते हैं। 

🌑 दंड और जुर्माना:

✒️ प्रथम अपराध: 6 महीने तक की कैद या ₹5,000 तक का जुर्माना या दोनों। 

✒️ बाद के अपराध: पहले अपराध के तीन साल के भीतर दोबारा अपराध करने पर 2 साल तक की कैद या ₹10,000 तक का जुर्माना या दोनों। 

यह धारा सड़क पर सभी सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है।

   इसलिए अब आगे से ध्यान रखिए कि अगर ई रिक्शा चालक अपनी रिक्शा में आपके बैठे होने पर भी म्यूजिक बजा रहा है, तेज आवाज़ में बजा रहा है तो किसी परेशानी मे मत रहिये, उसे संगीत बजाने के लिए मना कर दीजिये और अगर वह आपकी बात नहीं मानता है तो ट्रैफिक पुलिस को सूचित कीजिये. आपकी सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है और कानून आपके पक्ष में है. आपको यदि हमारे ब्लॉग से प्राप्त जानकारी से कोई भी फायदा पहुँचता है तो कृपया अपने अनुभव को हमारे ब्लॉग/व्लॉग के कमेंट सेक्शन में अवश्य शेयर करें.

धन्यवाद 🙏🙏

द्वारा

शालिनी कौशिक

एडवोकेट

कैराना (शामली)



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