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नवंबर, 2012 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मीडिया को सुधरना होगा .

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  ''सरकार को जाँच पूरी होने तक जी न्यूज़ का लाइसेंस निलंबित कर देना चाहिए ''प्रैस कौंसिल ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष जस्टिस मार्कंडेय काटजू के ये शब्द एक चेतावनी हैं हमारे मीडिया जगत के लिए जहाँ चैनल की आड़ में गैर कानूनी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है .कौंग्रेस सांसद नवीन जिंदल की कम्पनी के खिलाफ खबर न चलने के बदले १०० करोड़ रूपए की वसूली का प्रयास करने और धोखा धडी के आरोप में जी न्यूज़ के दो संपादक सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया को दिल्ली की एक अदालत ने जमानत देने से इंकार कर दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया .इन दोनों पर भारतीय दंड सहिंता की निम्न धाराओं में आरोप लगाये गए हैं जिनका विवरण निम्न प्रकार है- १२०-बी आपराधिक षड्यंत्र के लिए दंड -और आपराधिक षड्यंत्र क्या है ये धारा १२०-क  में बताया गया है जो कहती है - १२०-क -आपराधिक षड्यंत्र की परिभाषा -जबकि दो या दो से अधिक व्यक्ति - १-कोई अवैध कार्य ,अथवा २-कोई ऐसा कार्य ,जो अवैध नहीं है ,अवैध साधनों द्वारा ,करने या करवाने के लिए सहमत होते हैं तब ऐसी सहमति आपराधिक षड्यंत्र कहलाती है ; और धारा १२०-बी में ऐसे अपराध के ल

देर से ही सही प्रशासन जागा :बधाई हो बार एसोसिएशन कैराना .

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                  आज मैं आपको इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक ऐसे निर्णय के बारे में बताने जा रही हूँ जो हमारे देश में कपटपूर्ण  व्  न्यायालय  का समय  बर्बाद करने वाले वादों की बढ़ोतरी को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है किन्तु इसके साथ ही यह दिखता है प्रशासनिक विफलता को जिसके कारन २४-५-२०१२ को दिया गया यह निर्णय २६-११-२०१२ तक भी कार्यान्वित नहीं हो पाया है .अब क्या नहीं हो पाया है यह आप इस निर्णय व् मामले के बारे में पढ़कर जान सकते हैं .  निर्णय -इलाहाबाद उच्च न्यायालय तिथि -२४-५-२०१२ जज-माननीय सिबगत उल्लाह जे. दिवित्य अपील न० -२१४ -२०१२ गुलज़ार अहमद पुत्र नियाज़ अहमद निवास पुराना बाज़ार ,जामा मस्जिद ,कैराना जिला मुज़फ्फरनगर [अब शामली ]-----वादी /अपीलार्थी                                                  बनाम श्रीमती अख्तरी विधवा नियाज़ अहमद निवासी पुराना बाज़ार ,जामा मस्जिद कैराना जिला मुज़फ्फरनगर [अब शामली ]---------प्रतिवादी /प्रत्यर्थी  प्रस्तुत मामले में वादी ने अपनी माता प्रतिवादी के विरुद्ध एक वाद दायर किया कि वादी द्वारा माता /प्रतिवादी के पक्ष में २०-७-२००२ को निष्पादित किया गया वि