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स्वतंत्रता का अधिकार [अनुच्छेद-१९-२२]

वैयक्तिक स्वतंत्रता के अधिकार का स्थान मूल अधिकारों में सर्वोच्च माना गया है .स्वतंत्रता का हमारे जीवन में सर्वाधिक महत्व है किसी विद्वान ने ठीक ही कहा है -''स्वतंत्रता ही जीवन है.''क्योंकि स्वतंत्रता के अभाव में मनुष्य के लिए व्यक्तित्व का निर्माण ,विकास दोनों कठिन कार्य हैं.भारतीय संविधान अपने अनुच्छेद १९ से लेकर २२ के द्वारा नागरिकों को स्वतंत्रता सम्बन्धी अधिकार प्रदान करता है ये स्वतंत्रताएं मूल अधिकारों के आधार स्तम्भ हैं .इनमे ६ मूलभूत स्वतंत्रताओं का स्थान सर्वप्रमुख है जो की निम्न लिखित हैं-      [क]वाक स्वातंत्र्य और अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य ;      [ख]शांतिपूर्वक और निरायुद्ध सम्मलेन करने की स्वतंत्रता ;      [ग]संगम या संघ बनाने की स्वतंत्रता ;      [घ]भारत के राज्य क्षेत्र में सर्वत्र अबाध संचरण की स्वतंत्रता ;      [ड़] भारत के राज्य क्षेत्र के किसी भाग में निवास करने और बस जाने की स्वतंत्रता ;और       [च]४४वे संविधान संशोधन अधिनियम ,१९७८ द्वारा निरसित ;      [छ]कोई वृत्ति ,उपजीविका ,व्यापार या कारोबार करने की स्वतंत्रता . अनुच्छेद १९ द्वारा प्रदत्त अधिकार क