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गैंगरेप:मृत्युदंड पर बहस ज़रूरी

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मृत्युदंड एक ऐसा दंड जिसका समर्थन और विरोध हमेशा से होता रहा है पर जब जब इसके विरोध की आवाज़ तेज हुई है तब तब कोई न कोई ऐसा अपराध सामने आता रहा है जिसने इसकी अनिवार्यता पर बल दिया है हालाँकि इसका  समर्थन और विरोध न्यायपालिका में भी रहा है किन्तु अपराध की नृशंसता इस दंड की समाप्ति के विरोध में हमेशा से खड़ी रही है और इसे स्वयं माननीय न्यायमूर्ति ए.पी.सेन ने ''कुंजू कुंजू बनाम आंध्र प्रदेश राज्य क्रिमिनल अपील ५११ [१९७८] में स्वीकार किया है .     ''कुंजू कुंजू बनाम आंध्र प्रदेश राज्य के वाद में अभियुक्त एक विवाहित व्यक्ति था जिसके दो छोटे बच्चे भी थे .उसका किसी युवती से प्रेम हो गया और उससे विवाह करने की नीयत से उसने अपनी पत्नी और दोनों बच्चों की रात में सोते समय निर्मम हत्या कर दी .''      इस वाद में यद्यपि न्यायाधीशों ने 2:1 मत से इन तीन हत्याओं के अभियुक्त की मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदल दिया जाना उचित समझा परन्तु न्यायमूर्ति ए .पी. सेन ने अपना विसम्मत मत व्यक्त करते हुए अवलोकन किया -   '' अभियुक्त ने एक राक्षसी कृत्य किया है तथा अपनी पत्नी तथ

हिन्दू महिला का अधिकार -पति का धर्म परिवर्तन व् दूसरे विवाह पर

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मेरे एक आलेख पर जो कि जब मैं नारी ब्लॉग की सदस्या थी पर मेरे आलेख  विवाह विच्छेद /तलाक और महिला अधिकार पर टिप्पणी कर प्राची पाराशर पूछती हैं - [prachi parashar- after 16 yrs of my happy love merrige life my husband indulge with a muslim widow lady with her 3 own children.now i have stopped crying and put my application in mahila help line .please help me for the further steps .i dont want to live a compromising life .i have my 3 children ,out of which my eldest daughter has compleated her14th and the youngest one is going towards his5th .plz guide me about my rights which i can get if there is any condition of divorce.] और इनकी समस्या को देखते हुए हिन्दू विधि में निम्न उपचार प्रदान किये गए हैं - * विवाह विधि संशोधन अधिनियम १९७६ के पश्चात् यदि किसी हिन्दू महिला का पति धर्म परिवर्तन द्वारा हिन्दू नहीं रह गया है तो वह पत्नी तलाक की आज्ञप्ति प्राप्त कर सकती है अर्थात तलाक ले सकती है .धर्म परिवर्तन से तलाक खुद ही नहीं हो जाता इसके लिए उसे याचिका दायर करनी होगी और आज्ञप्ति प्राप्त करन