दामिनी गैंगरेप का त्वरित न्याय कहाँ ?
दामिनी गैंगरेप का त्वरित न्याय कहाँ ? [अमर उजाला हिंदी दैनिक से साभार ] धारा ३७६-२ -छ , भा० दंड संहिता कहती है ''कि जो कोई सामूहिक बलात्संग करेगा वह कठोर कारावास से ,जिसकी अवधि दस वर्ष से कम नहीं होगी ,किन्तु जो आजीवन हो सकेगी और जुर्माने से भी दंडनीय होगा और इसी धारा के मद्देनज़र मध्य प्रदेश के दतिया जिले की विशेष अदालत ने ३९ वर्षीय स्विस महिला के साथ हुए बलात्कार के मामले में छह दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है . बलात्संग या बलात्कार धारा ३७६ भा.दंड.सहिंता के अंतर्गत दंडनीय है और सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय है .जिसकी प्रक्रिया दंड प्रक्रिया सहिंता की धारा २२५ से २३७ तक दी गयी है . धारा २२५ में विचारण का सञ्चालन लोक अभियोजक द्वारा किया जाता है .धारा २२६ में अभियोजक अपने मामले का कथन अभियुक्त के खिलाफ लगाये गए आरोपों के बारे में और यह बताते हुए आरम्भ करेगा कि वह अभियुक्त को किस साक्ष्य से अभियुक्त साबित करेगा .धारा २२७ में यदि सेशन जज को यह लगे कि अभियुक्त के विरुद्ध कार्यवाही का पर्याप्त आधार नहीं है तो वह उसे उन्मोचि...