अमान्य विवाह में भी गुजारे भत्ते की हकदार पत्नी
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सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले पर अपनी असहमति जताई, जिसमें एक महिला के खिलाफ महिला विरोधी भाषा का इस्तेमाल किया गया। उक्त महिला का विवाह अमान्य घोषित कर दिया गया, जिसमें उसे "अवैध पत्नी" या "वफादार रखैल" कहा गया। न्यायालय ने टिप्पणी की, "भारत के संविधान की धारा 21 के तहत, प्रत्येक व्यक्ति को गरिमापूर्ण जीवन जीने का मौलिक अधिकार है। किसी महिला को "अवैध पत्नी" या "वफादार रखैल" कहना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उस महिला के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा। इन शब्दों का उपयोग करके किसी महिला का वर्णन करना हमारे संविधान के लोकाचार और आदर्शों के विरुद्ध है। कोई भी व्यक्ति ऐसी महिला का उल्लेख करते समय ऐसे विशेषणों का उपयोग नहीं कर सकता, जो अमान्य विवाह में पक्षकार है। दुर्भाग्य से, हम पाते हैं कि हाईकोर्ट की फुल बेंच के फैसले में ऐसी आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया गया। ऐसे शब्दों का प्रयोग स्त्री-द्वेषपूर्ण है। बॉम्बे हाईकोर्ट की फुल बेंच द्वारा बनाया गया कानून स्पष्ट रूप से सही नहीं है। न्यायालय ने यह भी कहा कि ऐसे विशेषणों का ...