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मोदी सरकार ने 1 जुलाई से बदले रजिस्ट्री नियम

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  मोदी सरकार ने बदले रजिस्ट्री नियम-1 जुलाई से लागू Shalini kaushik law classes केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जमीन और फ्लैट की रजिस्ट्री प्रक्रिया में 1 जुलाई 2025 से बड़े बदलाव किये गए हैं ताकि रजिस्ट्री प्रक्रिया में धोखाधड़ी को रोका जा सके, इसके साथ ही भूमि और फ्लैट का रजिस्ट्रेशन पारदर्शी, तेज़ और डिजिटल स्वरुप में सफलता पूर्वक हो सके. 1 जुलाई 2025 से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में किये गए ये महत्वपूर्ण 4 बदलाव लागू होने जा रहे हैं जिनसे क्रेता और विक्रेता दोनों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने वाला है। इस तरह के बदलावों का सर्वप्रथम उद्देश्य धोखाधड़ी पर लगाम कसना है,इसके साथ ही पहले से चली आ रही लम्बी दस्तावेजी प्रक्रिया और उसके कारण आम जनता का इसमें लगने वाला लम्बा समय, इन दोनों में ही कटौती होने जा रही है. ➡️ रजिस्ट्रेशन के 4 बदलाव-  1️⃣ रजिस्ट्री के लिए सत्यापित आधार अनिवार्य-  जमीन या फ्लैट की रजिस्ट्री कराने के लिए अब हर व्यक्ति के आधार कार्ड का बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। 🌑 बदलाव से ये सम्भव होगा- 1️⃣ फर्जी पहचान के ज़रिए रजिस्ट्री होना सम्भव नहीं. 2️⃣ म...

कांवड मार्ग की शुचिता के लिए योगी आदित्यनाथ का निर्णय अति उत्तम

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     कांवड़ यात्रा 2025 को सुविधाजनक और सद्भावना पूर्ण बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा एक अति महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी कांवड़ यात्रा को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों और मंडलायुक्तों को संबोधित करते हुए स्पष्ट कहा कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर खुले में मांस की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी. हर दुकान पर दुकानदार का नाम स्पष्ट रूप से लिखा जाना अनिवार्य होगा. सीएम योगी ने कहा कि कांवड़ यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित होते हैं. ऐसे में किसी अराजक तत्व द्वारा वेष बदलकर माहौल बिगाड़ने की आशंका सेइनकार नहीं किया जा सकता. श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान सर्वोपरि है, लेकिन किसी को शरारत करने का अवसर नहीं मिलना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि पिछले वर्षों की भांति हर दुकान पर संचालक का नाम स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और अफवाहों से बचाव हो सके.सीएम योगी ने अफसरों को चेताया कि सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों पर तत्काल ए...

उत्तर प्रदेश सामूहिक विवाह योजना में बदलाव

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 सामूहिक विवाह योजना में लगातार हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए यू पी सरकार ने वर और वधू के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस आवश्यक कर दी है.  उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गरीब और कमजोर वर्ग के बेटियों के हाथ पीले करने की राह और आसान कर दी है. अब मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ उन परिवारों को भी मिलेगा, जिनकी सालाना आमदनी तीन लाख रुपये तक है. पहले यह सीमा दो लाख तक थी, जिससे कई लोग योजना से बाहर रह जाते थे.इसके साथ हीआर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों के विवाह के लिए सामूहिक विवाह योजना की निगरानी सख्त करने के निर्देश दिए हैं। अब कन्या के आधार सत्यापन में लापरवाही पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसके साथ ही विवाह स्थल पर वर-वधू दोनों की बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है, ताकि फर्जीवाड़ा रोका जा सके। विवाह में दी जाने वाली उपहार सामग्री, जलपान और भोजन आदि के मानक तैयार कर उनका कड़ाई से पालन करवाये जाने के निर्देश जारी किये गए हैँ. एक ही स्थान पर 100 या उससे अधिक जोड़ों की शादियों की स्थिति में संबंधित जिलाधिकारी स्वयं मौजूद रहेंगे। समाज कल्याण रा...

क्या सोनम रघुवंशी का होगा नार्को टेस्ट....

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  2010 के सेल्वी बनाम कर्नाटक राज्य  एवं अन्य मामले में सर्वोच्च न्यायालय  ने फैसला दिया था कि अभियुक्तों,  संदिग्धों और गवाहों पर उनकी सहमति  के बिना नार्को विश्लेषण, ब्रेन मैपिंग  और पॉलीग्राफ परीक्षण करना,  आत्म-दोषी ठहराए जाने के उनके  अधिकार का उल्लंघन है और  यह असंवैधानिक है। प्रस्तुति  शालिनी कौशिक  एडवोकेट  कैराना (शामली )

अब प्रेमानन्द जी को AI ने घेरा

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  AI, या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटर सिस्टम को मानव जैसी बुद्धि और क्षमताओं को अनुकरण करने में सक्षम बनाने की तकनीक है। इसमें सीखने, तर्क करने, समस्या-समाधान करने, और निर्णय लेने जैसी क्षमताएं शामिल हैं, जो आमतौर पर मनुष्यों द्वारा की जाती हैं.  कुल मिलाकर अगर हम देखते हैं तो AI का मतलब है कि हम मशीनों को इस तरह से प्रोग्राम कर सकते हैं कि वे मानव की तरह सोच सकें और काम कर सकें और इसके परिणाम भी सामने आ रहे हैं, दिखाई दे रहे हैं AI सिस्टम निर्णय लेने में सक्षम हो सकते हैं, चाहे वह किसी वस्तु को पहचानना हो, या किसी स्थिति के लिए सबसे अच्छा कोर्स-ऑफ-एक्शन चुनना हो. AI एक तेजी से विकसित हो रहा क्षेत्र है, और यह हमारे जीवन और काम करने के तरीके में क्रांति लाने की क्षमता रखता है.      जैसा कि हम सभी जानते हैं कि क्रांति हमेशा सुखद परिणाम ही नहीं लाती, कभी कभी क्रांति से कुछ अवांछनीय परिणाम भी प्राप्त होते हैं और इसका एक दुःखद परिणाम हाल ही में नजर आ रहा है.  राधा कृष्ण के परम भक्त संत प्रेमानंद महाराज जी की एक AI इमेज ने संत समाज को आक्रोश से भर दिया है। फे...

व्हाट्सएप्प चैट सबूत क़े रूप में मान्य -मध्य प्रदेश हाई कोर्ट

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(व्हाट्सएप्प चैट सबूत के रूप में मान्य-मध्य प्रदेश हाई कोर्ट) व्हाट्सएप्प चैट को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा एक महत्वपूर्ण निर्णय में पति को अपनी पत्नी क़े व्यभिचार को साबित करने क़े लिए परिवार न्यायालय के समक्ष मान्य सबूत क़े रूप में प्रस्तुत करने की इज़ाज़त दी गई. जबकि फैमिली कोर्ट ने पति को सबूत के तौर पर पत्नी के व्हाट्सएप चैट को पेश करने पर रोक लगा दी थी।    मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस आशीष श्रोती की एकल पीठ ने कहा- " कि यदि यह माना जाता है कि फैमिली कोर्ट के सामने पेश किए जाने वाले सबूत को गोपनीयता के अधिकार के उल्लंघन की आपत्ति के आधार पर बाहर रखा जाना चाहिए, तो धारा 14 के प्रावधान निरर्थक हो जाएंगे।कोर्ट ने कहा कि यह ध्यान में रखना चाहिए कि फैमिली कोर्ट की स्थापना ऐसे मामलों से निपटने के लिए की गई है जो अनिवार्य रूप से संवेदनशील हैं। जैसे- विवाह विच्छेद, वैवाहिक अधिकारों की बहाली, बच्चों की वैधता, संरक्षकता, हिरासत और नाबालिगों तक पहुंच से संबंधित व्यक्तिगत विवाद।इसलिए यह आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है कि फैमिली कोर्ट के समक्ष आने वाले अधिकांश मामलों में जिस सबूत को ...

सुप्रीम कोर्ट ने मृतक कमिश्नर क़े बेटे को अनुकम्पा नियुक्ति देने से किया इंकार

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       Shalini Kaushik Law Classes  माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा राजस्थान हाई कोर्ट और सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल क़े फैसले को बरकरार रखते हुए मृतक सेन्ट्रल एक्साइस कमिश्नर क़े बेरोजगार बेटे को अनुकम्पा नियुक्ति देने से इंकार कर दिया.   ➡️ टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट         टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट  के अनुसार, अदालत ने याचिकाकर्ता रवि कुमार जेफ के पिता, जो सेंट्रल एक्साइज में प्रधान आयुक्त थे। उनका अगस्त 2015 में निधन हो गया था। पिता की मृत्यु क़े उपरांत रवि ने CGST और सेंट्रल एक्साइज (जयपुर जोन) राजस्थान में मुख्य आयुक्त के कार्यालय में अनुकंपा नियुक्ति की मांग की । जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस मनमोहन ने याचिका खारिज कर दी है। ➡️ याचिकाकर्ता रवि की पारिवारिक स्थिति -     याचिकाकर्ता रवि के पिता दो घर, 33 एकड़ जमीन और 85 हजार रुपये पारिवारिक मासिक पेंशन छोड़ गए हैं। राजस्थान हाईकोर्ट और सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्युनल की तरफ से पुत्र रवि की अनुकंपा नियुक्ति की याचिका को डिपार्टमेंट के इस दावे को बरकरार रखते ...