वाहन पार्किंग - हम अवैध पार्किंग क्यूँ सहें?
वाहन पार्किंग कस्बों में आज एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है विशेष रूप से उन घरों के लिए, जिनके सामने चौड़ी खुली सड़क है और जिनके घर के आसपास बाजार और दुकानें हैं. देश में परिवहन व्यवस्था ठप्प है, नगरपालिकायें अपने कर्तव्य निर्वहन में उपेक्षित रवैया अख्तियार किए हुए हैं जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. ऐसे में लोग गाडियों पर गाड़ियां खरीद रहे हैं और उनमें बैठकर अपने दिमाग की बत्ती गुल कर गांव से शहर सामान खरीदने आते हैं, दर्जी से कपड़े सिलवाने आते हैं, बैंगिल स्टोर पर चूडिय़ां पहनने आते हैं, ब्यूटी पार्लर पर सजने सँवरने आते हैं, अपनी दुकानों के लिए राशन खरीदने आते हैं या कस्बे के व्यापारियों का माल लेकर उसे उतारने के लिए बड़े बड़े ट्रक आते हैं तो अपनी कार, बाईक, ट्रेक्टर ट्रॉली और ट्रक ऐसे घरों के आगे खड़े कर देते हैं जिनके आगे चौड़ी, खुली सड़क होती है और घण्टों घण्टों वहां अपना वाहन खड़ा कर ऐसे निकल लेते हैं जैसे कि जिस घर के आगे वाहन खड़ा किया है उसमें से न किसी को सड़क पर आना है और न ही उस घर में किसी को अपने किसी कार्य से जाना है, न उस घर के स्वामी को अपना वाहन निकालने का अधिकार है और न ही वाहन लेकर घर से बाहर निकले घर के सदस्य को घर में आने का अधिकार है. भारत में वाहन पार्किंग के नियमों में किसी घर के आगे और भवन के प्रवेश मे बाधा डालने पर वाहन चालकों पर जुर्माने और चालान का कानून है, साथ ही, कोई भी गाड़ी लावारिस अवस्था में 10 घण्टे खड़ी करने पर गाड़ी को उठा लिए जाने का नियम है, किन्तु कोई नियम, कानून कहीं भी अमल में दिखाई नहीं देते, ऐसे में प्रशासन की अनदेखी खुली जगह वाले घरों के स्वामियों पर भारी पड़ रही है क्योंकि उन्हें अपने घर के सामने से वाहन हटाने के लिए स्वयं कहना पड़ रहा है और वाहन चालकों की असभ्यता को निरन्तर सहना पड़ रहा है.ऐसे में सरकार और प्रशासन से विनम्र निवेदन है कि वाहनों पर वाहन स्वामी का मोबाइल नंबर लिखा जाना आवश्यक नियमों में शामिल करें ताकि जब कोई वाहन स्वामी अपना वाहन गलत खड़ा
करे तो कम से कम उससे स्वयं सम्पर्क कर अपने घर से बाहर आ सकें और बाहर से आने पर अपने घर में प्रवेश कर सकें.
शालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली)
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