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पुराने कानून कल को खत्म

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  खत्म हो जाएंगे कल तीन पुराने आपराधिक कानून भारतीय दंड संहिता , दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम और उनकी जगह लेंगे तीन नए आपराधिक कानून – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम । पूरे देश में इन कानूनों को लागू करने के लिए प्रौद्योगिकी, क्षमता निर्माण तथा जागरूकता उत्पन्न करने के लिये केन्द्र सरकार पूरी तरह से तैयार हैं। कंप्यूटर, इन्टरनेट आदि प्रौद्योगिकी के माध्यम से बढ़ते जा रहे नित नए अपराधों को देखते हुए नए आपराधिक कानूनों में जांच, मुकदमे और अदालती कार्यवाही में प्रौद्योगिकी पर जोर दिया गया है। राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो-नैशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने वर्तमान अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क प्रणाली-सी.सी.टी.एन.एस. एप्लिकेशन में 23 प्रभावी संशोधन किए हैं। नई प्रणाली में निरन्तर परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को तकनीकी सहायता भी प्रदान कर रहा है. बहुत महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं जो धीरे धीरे मौजूदा कानून व्यवस्था में सुधार लाते हुए नए नए अपराधों पर नकेल कसने का कार्य करेंगे.

डिजिटल अरेस्ट

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       जिस तरह से रोज कानूनी ढांचे में सुधार कर अपराध पर नकेल कसने के कार्य किए जा रहे हैं उसी तरह अपराध की दुनिया में नित नए कीर्तिमान रचे जा रहे हैं. अब अपराध की दुनिया भी हाई फाई डिजिटल दुनिया से जुड़ चुकी है और कानून व्यवस्था के छिन्न भिन्न करने में कानून के रखवालों से दो हाथ आगे ही जा रही है.        इसी कड़ी में अपराध की दुनिया में एक नए अपराध का आगाज पिछले कुछ समय से हो चुका है जिसका नाम है "डिजिटल अरेस्ट" और आज ही प्राप्त समाचार के अनुसार साइबर जालसाजों ने ग्रेटर नोएडा में तैनात असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर श्री रमेश चंद्र पांडे के बेटे शुभम पांडे को डिजिटल अरेस्ट कर 24 घण्टे में दो बार में 1.07 लाख रुपये ठग लिए। शुभम पांडे के फोन पर सीमा शुल्क विभाग का अधिकारी बताते हुए आरोपियों ने उसे बताया कि तुम्हारे नाम से मलयेशिया कोई पार्सल जा रहा है जिसमें संदिग्ध वस्तु मिलने की बात कहकर शुभम को डरा दिया गया । जिससे डर कर शुभम खुद को निर्दोष बताते हुए बचाव के लिए कहा तो उससे खाते में पैसे ट्रांसफर करा लिए । पीड़ित शुभम की ओर से बुधवार 26 जून रात सूरजपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई

एंटी पेपर लीक कानून 2024 आधी रात से लागू

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  देश में एंटी पेपर लीक कानून (Centre notifies Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Act, 2024 21  जून 2024 की रात्रि से लागू हो गया है। कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गयी है । फरवरी में संसद में पारित इस कानून के लागू होने के बाद अब पेपर लीक करने का दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की कैद से लेकर 1 करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। वहीं परीक्षा में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने पर तीन से पांच साल की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।  पेपर लीक या अनुचित साधनों के इस्तेमाल करने पर...कानून के तहत, पेपर लीक करने या आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ करने पर कम से कम 3 साल जेल की सजा होगी। इसे 10 लाख तक के जुर्माने के साथ 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में भारतीय न्याय संहिता, 2023 के प्रावधानों के अंतर्गत कारावास की अतिरिक्त सजा दी जाएगी। 12 फरवरी 2024 को इस कानून को मंजूरी मिली थी.पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, इसी साल 6 फरवरी को लोकसभा और 9 फरवरी को राज्यसभा से पारित हुआ था। रा

डिजिटल रेप होता क्या है - पढ़ें और जाने

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    देशभर में डिजिटल रेप की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. दिल्ली से सटे नोएडा में आए दिन डिजिटल रेप के नए नए मामले सामने आ रहे हैं इसके साथ ही लोगों की जिज्ञासा बढ़ती जा रही है रेप के मामलों की इस नई शब्दावली में, हर ओर यह चर्चा है कि आखिर यह डिजिटल रेप होता क्या है? यह भी चर्चा में है कि ऑनलाइन रूप से कैसे रेप हो जाता है तो आइये आज आपको हम बताने जा रहे हैं डिजिटल रेप के बारे में.        नोएडा में हाल ही में डिजिटल रेप का एक मामला सामने आया है वहां पुलिस ने आरोपी को फेज -2 बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार किया. आरोपी ने सात वर्ष की बच्ची के साथ डिजिटल रेप किया था. लोकल इंटेलिजेंस की जांच और सी सी टी वी फुटेज के आधार पर शुभम नाम का ये आरोपी पकड़ा गया. पीड़ित परिवार ने शिकायत की थी कि उनकी 7 वर्षीय बेटी दोपहर में गली में खेल रही थी तभी आरोपी टॉफी का लालच देकर उसे ले गया और  पास ही के एक मकान में ले जाकर उसके साथ गलत काम किया. पुलिस ने इसे डिजिटल रेप का मामला बताया तो यह शब्द चर्चाओं में आ गया.         शायद आपने इससे पहले कभी डिजिटल रेप के बारे में सुना नहीं होगा ? अगर नहीं तो हम आपको ब

भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 2 की सम्पूर्ण जानकारी

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  भारतीय न्याय संहिता 2023 अब 1 जुलाई 2024 को लागू होने जा रही है. इसकी धारा 2 की सम्पूर्ण जानकारी के लिए आप  shalini kaushik law classes  की निम्न पोस्ट पर क्लिक करें धारा 2 भारतीय न्याय संहिता 2023 शालिनी कौशिक  एडवोकेट  कैराना (शामली)