यू पी में अब जनता को ये शौक महंगा पड़ने वाला है


      यू पी में अब ये शौक महंगा पड़ने वाला है. खुलेआम सड़कों पर गंदगी फ़ैलाने वालों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार 2016 में ही सख्त कानून बना चुकी थी किन्तु नियमावली के अभाव में कानून बेअसर ही रह रहा था जबकि राज्यपाल द्वारा 9 मई 2019 को इसके प्रकाशन की अनुमति देकर इस कानून को लागू कर दिया गया था पर इस कानून को असर दिया 2 सितंबर 2021 को योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन, संचालन एवं स्वच्छता) नियमावली 2021 को मंजूरी देकर जिससे यू पी  में गंदगी फैलाना अब महंगा पड़ने वाला है जिसमें स्थानीय निवासियों द्वारा अपने घर को साफ रखने के नाम पर, अपने घर के आगे कूड़ा डालने के अधिकार का बहाना कर सार्वजनिक जगहों पर गंदगी के अम्बार लगाए जा रहे हैं. जिससे रोकने पर पढ़े लिखे लोगों द्वारा भी एकदम तमतमा कर कहा जाता है कि - "क्या अब अपने घर के आगे भी कूड़ा डालने का अधिकार नहीं रहा?" उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा कैबिनेट से पास इस नियमावली को देखते हुए अब कहा जा सकता है कि "हाँ" अब अपने घर के आगे भी कूड़ा डालने का अधिकार नहीं रहा. 

    सॉलिड वेस्ट का प्रबंधन करने के लिए सरकार ने  2016 में ही ऐक्ट बना दिया था, जो कि नियमावली के अभाव में प्रभावी तौर पर लागू नहीं किया जा सका। नियमावली को 2 सितम्बर 2021 को मंजूरी मिलने के बाद अब शहरी निकाय कूड़ा फैलाने वालों से जुर्माना वसूल सकेंगे, कमी बस यही रही कि अभी तक इस कानून को उत्तर प्रदेश में उचित रूप से प्रचारित नहीं किया गया है जिस कारण यह कानून आज तक भी उत्तर प्रदेश की गन्दगी फैलाने वाली जनता पर कड़ा नियंत्रण करने में नाकाम रहा है. 

     उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन, संचालन एवं स्वच्छता) नियमावली 2021 के अनुसार अगर आप सड़क पर थूकते हैं, कूड़ा कचरा डालते हैं, पालतू जानवरों को खुले में शौच कराते हैं तो अब आप मुश्किल में हैं. योगी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन, संचालन एवं स्वच्छता) नियमावली 2021 को मंजूरी दे दी है। इसके मुताबिक, अब गाड़ी से गंदगी करने, सड़क पर थूकने पर बड़े नगर निगम क्षेत्रों में एक हजार रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा। छोटे नगर निगम इलाकों में जुर्माने की राशि 750 रुपए रखी गई है। इसके अलावा सार्वजनिक स्थानों पर पालतू जानवरों को शौच कराने पर भी 500 रुपए का जुर्माना लगेगा। नगरपालिका परिषदों में भी पालतू पशुओं द्वारा सड़कों पर शौच कराने पर 200 रुपये जुर्माने की राशि रखी गई है. नए नियम को लागू करने की जिम्मेदारी सभी जिलों के नगर निगम को दे दी गई है।

     अभी तक उत्तर प्रदेश के जिलों के नगर निगमों में अपना अलग-अलग नियम चलता था। गंदगी फैलाने, थूकने पर 100 से 1000 रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ता था। अभी तक के नियमों में नगरपालिका और नगर पंचायत में ये नियम लागू नहीं होते थे किंतु अब नए कानून के तहत पूरे प्रदेश में एक ही नियम ही लागू किया जा रहा है  और अब इसी के तहत लोगों को जुर्माना भी भरना पड़ेगा।

    कूडे कचरे और सड़कों पर गन्दगी की स्थिति का यदि अवलोकन किया जाए तो बिल्कुल साफ स्वच्छ इलाकों में स्थानीय निवासियों, आने जाने वाली गाड़ियों और पशु पालन करने वालों द्वारा हर घण्टे - दो घण्टे में गली मोहल्ले की सड़कों की सफाई को ध्वस्त कर दिया जाता है. घर में एक सेब केले या संतरे का छिलका भी न रखकर फौरन थाली से कूड़ा सड़क पर, चलते मार्ग पर बिखरा दिया जाता है. कुत्ते पालने वालों द्वारा हर तीन चार घण्टे में अपने कुत्तों को सड़कों पर घुमाया जाता है और साफ सुथरी सड़क को ऐसा कर दिया जाता है कि मार्ग पर चलने वालों को एक एक कदम सोच समझकर रखना पड़ता है. 

कूड़े का अलग अलग प्रबंधन 

      अब जो योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन, संचालन एवं स्वच्छता) नियमावली 2021 अमल में लाई गई है में जैविक (बायोडिग्रेडेबल), अजैविक (नान बायोडिग्रेडेबल) और घरेलू कूड़े को अलग-अलग करके कूड़ेदान में रखना होगा। संस्थानों व प्रतिष्ठानों में गीला कचरा (बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट) को यथासंभव कंपोस्टिंग या बायो मिथेनाइजेशन तकनीक के जरिए वहीं पर निस्तारित करना होगा। नियमावली के मुताबिक कूड़े को निकासी की जगह पर ही अलग-अलग करना होगा। सॉलिड वेस्ट को तीन श्रेणियों-जैविक (बायोडिग्रेडेबल), अजैविक (नॉन बायोडिग्रेडेबल) और घरेलू कूड़े में बांटा गया है। नियमावली में व्यवस्था की गई है कि कूड़ा निकासी की जगह पर अलग-अलग कूड़ेदान में रखे जाएंगे। उठान करने वाली एजेंसी के लोगों को कूड़ा अलग-अलग ही देना होगा।


नए नियम और क्या नियम समेटे हुए है - 

1.100 से ज्यादा लोग होने पर देनी होगी सूचना:-

      शहर में होने वाले कार्यक्रमों में 100 से अधिक लोग एकत्रित होने पर आयोजक को इसकी सूचना नगरीय निकाय को देनी होगी। साथ ही खुद ही साफ-सफाई भी करवानी होगी। सफाई न करवाने पर आयोजक से क्षेत्रफल व कचरे के हिसाब से जुर्माना वसूला जाएगा। फेरी या पटरी पर दुकान करने वालों को भी इधर-उधर गंदगी फेंकने पर जुर्माना देना होगा. उन्हें दुकान की सफाई के नाम पर सफाई व्यवस्था बिगाड़ने की अनुमति अब नहीं होगी. वे अपनी दुकान से खाली डिब्बे, पन्नी, टूटी चूडियां, कपडों की कतरनें, कटे बाल सड़कों पर नहीं फेंक सकेंगे उन्हें बंद डिब्बे में ही कूड़ा इकट्ठा करना होगा।

2. नाली में कूड़ा फेंकने पर होने वाली कारवाई :-

     कॉलोनी/मोहल्ले में गदंगी को लेकर भी कानून में सख्ती दिखाई दी है। अब नाली में कूड़ा बहाने पर कॉलोनी /मोहल्ले वालों को ही नाली को साफ कराना होगा। आवासीय समितियों के अंदर की गलियों को समिति वालों को ही साफ कराना होगा। गंदगी को एक स्थान पर एकत्र करके निकाय की कूड़ा गाड़ी को देना होगा। भंडारे या पूजा पंडालों में कूड़ादान रखना जरूरी होगा।

3- निजी भवन रखने वालों के दायित्व :-

   निजी भवन रखने वालों या किराये पर कहीं रहने वालों को अपने परिसर का कचरा खुद ही इकट्ठा करना या करवाना होगा. सार्वजनिक स्थानों पर, सड़कों पर और इधर-उधर कूड़ा-कचरा फेंकना प्रतिबंधित होगा। पशुओं की पहुंच वाले स्थानों पर भी कूड़ा फेंकने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है।

4-सड़क से लेकर रेलवे तक नियमों में सख्ती :-

      सड़क से लेकर रेलवे तक के लिए कूड़ा कचरा आदि फेंकने के नियमों में सख्ती लाई गई है. इसमें सार्वजनिक स्थानों, सड़कों या अन्य किसी स्थान पर कूड़ा फेंकना प्रतिबंधित कर दिया गया है। मल्टी स्टोरी बिल्डिंग, अपार्टमेंट, गलियों में स्थित घर, होटल, पार्क, मॉल, सरकारी या निजी आवासीय कालोनियों, समितियों, दुकानों, कार्यालयों, वाणिज्यिक अधिष्ठान, एयरपोर्ट, रेलवे, उद्योगों को अलग-अलग कूड़े रखने और उसे निस्तारित करने की व्यवस्था करनी होगी।

5- जुर्माना वसूलने की व्यवस्था :-

    भिन्न भिन्न जनसंख्या आधारित क्षेत्रों, प्लॉट के वर्ग गज आदि के आधार पर जुर्माने की राशि का प्रावधान किया गया है. जैसे कि बड़े नगर निगम में कूड़े को जलाने पर 1500 रुपये जुर्माना, वहीं नगरपालिका परिषद में 1000 रुपये का जुर्माना, पालतू कुत्तों /पशुओं को घुमाने पर गंदगी कराने पर बड़े नगर निगम में 500 रुपये जुर्माना, छोटे नगर निगम में 300 रुपये जुर्माना, नगरपालिका में 200 रुपये जुर्माना और नगर पंचायत में 100 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा. इसी तरह से लगभग सभी तरह की गंदगी फैलाने, न्यूसेंस आदि में जुर्माना श्रेणी निर्धारित की गई है. 


     इस तरह से हम कह सकते हैं कि उत्तर प्रदेश को वर्तमान सरकार द्वारा स्वस्थ और स्वच्छ पर्यावरण देने की पूरी कोशिश की जा रही हैं. उच्च स्तर से उत्तम कार्य संपादित किए जा रहे हैं. उचित योजनाएं बनाई जा रही हैं किन्तु अभी तक ज़न ज़न तक कूड़ा एकत्र करने वाली गाड़ियां तो पहुंची हैं अपशिष्ट एकत्र करने के डिब्बे तो दिखाई दिए हैं पर कहीं भी इस तरह के जुर्माने की वसूली की खबरें सामने नहीं आई हैं जिनका सामने आना बहुत जरूरी है क्योंकि कानून की लाठी और जुर्माने का दंड स्वच्छता अभियान की राह के कंटक हटाने में कारगर साबित होगा और योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश को एक उत्तम प्रदेश बनाने में मील का पत्थर साबित होगा.

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उत्तर प्रदेश की जनता को यह शौक महंगा पड़ने वाला है 

शालिनी कौशिक 

एडवोकेट 

कैराना (शामली) 

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