इलाहाबाद हाई कोर्ट खंडपीठ ने भारतीय जनता पार्टी को लगाई फटकार
राहुल गांधी की नागरिकता के मुद्दे पर बार बार की जनहित याचिकाओं से आजिज आकर इलाहाबाद हाई कोर्ट खंडपीठ ने याचिकाकर्ता भारतीय जनता पार्टी कर्णाटक के कार्यकर्ता पर फटकार लगाई है. इलाहाबाद हाई कोर्ट में जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम की खंडपीठ ने भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक के कार्यकर्ता एस. विग्नेश शिशिर की जनहित याचिका पर कहा - "कृपया इस अदालत को हल्के में न लें। हम आपके साथ धैर्य से पेश आए हैं। लेकिन हमें हल्के में न लें। पीआईएल कर दिया जबकी नागरिकता का मुद्दा दो बार खारिज हो चुका है। देखिए हो गया । ऐसे करेंगे तो हमें उठना पड़ेगा। पूरा दिन काम करना है हमें, ऐसे मूड खराब करके कैसे होगा काम। बहस जो 20-20 दिन सुनी जाती है वो सुनने लायक भी होती है ।बस ! आपने हमारे धैर्य की परीक्षा ले ली है। आप न्यायालय को हल्के में नहीं ले सकते। हमने आपको पर्याप्त मौके दिए हैं। अब, हम उठ रहे हैं। ऐसा लगता है कि आप नहीं चाहते कि हम अन्य मामलों की सुनवाई करें।"
हाई कोर्ट के समक्ष विचाराधीन यह जनहित याचिका कर्नाटक भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ता एस. विग्नेश शिशिर द्वारा एडवोकेट अशोक पांडे के माध्यम से कांग्रेस नेता राहुल गांधी के रायबरेली लोकसभा सीट से सांसद के रूप में चुनाव को इस आधार पर रद्द करने के लिए दायर की गई थी कि वह भारतीय, ब्रिटिश नागरिक हैं। इस प्रकार राहुल गांधी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं।
याचिकाकर्ता के वकील एडवोकेट पांडे और याचिकाकर्ता (एस. विग्नेश शिशिर) को करीब 1:30 घंटे तक विस्तार से सुनने के बाद खंडपीठ ने मामले को आदेश के लिए सुरक्षित रख लिया है.
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राहुल गांधी की नागरिकता का मुद्दा - इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लगाई भारतीय जनता पार्टी को फटकार
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