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नोट्स बनाइये पारिवारिक क़ानून के 6️⃣

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 केवल 21 दिन रह गए हैँ अखिल भारतीय बार परीक्षा 20 ( AIBE-XX ) के जो कि 30 नवंबर 2025 को आयोजित होने जा रही है. परीक्षा के आवेदन आदि की सम्पूर्ण जानकारी हम आपको अपने ब्लॉग ( AIBE-XX पूरी जानकारी एक साथ ) में, परीक्षा के महत्वपूर्ण क़ानूनों की ✒️ सभी क़ानूनों की तैयारी कैसे करें 1️⃣,में, फिर ✒️ तैयारी दूसरे महत्वपूर्ण कानून की 2️⃣, तत्पश्चात ✒️ सिविल क़ानून की तैयारी 3️⃣ और ✒️ भारतीय दंड संहिता IPC/ भारतीय न्याय संहिता BNS" की तैयारी 4️⃣ .उसके बाद परीक्षा में आने वाले चौथे महत्वपूर्ण कानून की तैयारी का तरीका,✒️"तैयारी AIBE XX-भारतीय साक्ष्य अधिनियम / भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA)5️⃣- जिसे आप ब्लॉग कानूनी ज्ञान पर पढ़ सकते हैं और यू ट्यूब व्लॉग @IndianLawSK28 पर सुन सकते हैं.अब आप ✒️  नोट्स बनाइये पारिवारिक क़ानून के 6️⃣  ✒️ 8 अंक के प्रश्न - पारिवारिक क़ानून अर्थात फैमिली लॉज़, जिनमें मुख्यतः हमारे यहाँ आते हैँ हिन्दू लॉ और मुस्लिम लॉ इनमें से लगभग 8 अंक के प्रश्न आपसे पूछे जायेंगे और क्योंकि 1 प्रश्न 1 अंक का होता है इसलिए पेपर में इस कानून से आने वाले हैं 8 प्रश्न. ✒️ पारिवारिक क...

टोल टैक्स और एडवोकेट-क़ानून

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  भारत में अधिवक्ताओं (वकीलों) को राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल टैक्स के भुगतान से छूट नहीं है। राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम, 2008 में ऐसी कोई छूट का प्रावधान नहीं है।  ➡️ अधिवक्ताओं के अधिकार और संबंधित तथ्य: टोल छूट का कोई प्रावधान नहीं: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने स्पष्ट किया है कि अधिवक्ताओं को टोल प्लाजा पर उपयोगकर्ता शुल्क (टोल) के भुगतान से छूट नहीं दी गई है। सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले किसी भी दावे या पत्र को फ़र्ज़ी (fake) माना जाना चाहिए। ➡️ प्रयास और मांग:  विभिन्न बार काउंसिलों और अधिवक्ताओं के संगठनों ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय से अधिवक्ताओं को न्यायिक कार्यों के लिए अक्सर यात्रा करनी पड़ती है, इस आधार पर टोल टैक्स से छूट देने की मांग की है, लेकिन ये मांगें अभी तक पूरी नहीं हुई हैं। ➡️ याचिकाएं खारिज:  मद्रास उच्च न्यायालय सहित अन्य अदालतों में दायर जनहित याचिकाएं, जिनमें अधिवक्ताओं को "विशेषाधिकार प्राप्त व्यक्ति" मानकर टोल छूट की मांग की गई थी, उन्हें भी खारिज कर दिया गया है। ➡️ छूट प्राप्त व्यक्तियों की सूची:  टोल टैक...

तैयारी AIBE XX-भारतीय साक्ष्य अधिनियम / भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA)5️⃣

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  अखिल भारतीय बार परीक्षा 20 ( AIBE-XX ) 30 नवंबर 2025 को आयोजित होने जा रही है. परीक्षा के आवेदन आदि की सम्पूर्ण जानकारी हम आपको अपने ब्लॉग ( AIBE-XX पूरी जानकारी एक साथ ) में दे चुके हैँ, उसके बाद हम आपको परीक्षा के महत्वपूर्ण क़ानूनों की ✒️ सभी क़ानूनों की तैयारी कैसे करें 1️⃣, इसके बाद ✒️ तैयारी दूसरे महत्वपूर्ण कानून की 2️⃣, तत्पश्चात ✒️ सिविल क़ानून की तैयारी 3️⃣ और अब से पहले ✒️ भारतीय दंड संहिता IPC/ भारतीय न्याय संहिता BNS" की तैयारी 4️⃣  . अब आपके लिए लेकर आये हैं हम परीक्षा में आने वाले चौथे महत्वपूर्ण कानून की तैयारी का तरीका, जिसे आप ब्लॉग कानूनी ज्ञान पर पढ़ सकते हैं और यू ट्यूब व्लॉग @IndianLawSK28 पर सुन सकते हैं. आज हम आपके लिए लेकर आये हैं "तैयारी AIBE XX-भारतीय साक्ष्य अधिनियम / भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA)5️⃣-  ✒️ BSA में से लगभग 8 अंक के प्रश्न आपसे पूछे जायेंगे और क्योंकि 1 प्रश्न 1 अंक का होता है इसलिए पेपर में इस कानून से आने वाले हैं 8 प्रश्न. ✒️ भारतीय साक्ष्य अधिनियम / भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) का महत्व-     साक्ष्य अधिनियम वह अधिनियम ...

राजस्थान हाईकोर्ट ने दी बहू को ये जिम्मेदारी

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  राजस्थान हाई कोर्ट ने हाल ही में एक ऐतिहासिक आदेश दिया है, जिसके मुताबिक अब अनुकंपा नियुक्ति पर सरकारी नौकरी पाने वाली बहू को अपनी सैलरी में से हर महीने 20,000 रुपये अपने वृद्ध ससुर को देने होंगे। कोर्ट का ये फैसला उन परिस्थितियों को ध्यान में रखकर आया है, जब बहू ने पति की मृत्यु के बाद नौकरी तो पा ली, लेकिन ससुर की देखभाल और भरण-पोषण की जिम्मेदारी निभाना छोड़ दिया। ➡️ संक्षेप में- इस केस में अजमेर विद्युत निगम में कार्यरत एक महिला कर्मचारी को उनके दिवंगत पति की जगह compassionate appointment दी गई थी, और नियुक्ति के वक्त उसने शपथ पत्र देकर यह वादा किया था कि वह अपने ससुर-सास का पूरा ध्यान रखेगी। लेकिन कुछ समय बाद वह उन्हें छोड़कर मायके में रहने चली गई, जिससे बुजुर्ग ससुर को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। अदालत ने माना कि अनुकंपा नियुक्ति पूरी फैमिली के भले के लिए होती है न कि केवल किसी एक व्यक्ति के लाभ के लिए। इसलिए हाई कोर्ट ने सख्त निर्देश दिए कि " बहू के वेतन से हर महीने ₹20,000 काटकर सीधे ससुर के बैंक खाते में जमा कराए जाएं और यह कटौती तब तक जारी रहे जब तक ससुर जीवित हैं। ...

ऑनलाइन सेल मेँ धोखा, तुरंत कॉल करें......... पर

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  1915 पर कॉल करने से राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (National Consumer Helpline) से संपर्क होता है, जो उपभोक्ताओं की शिकायतों और समस्याओं के समाधान के लिए है। इस नंबर पर कॉल करके आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं, सलाह या मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं, और उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।  ➡️ शिकायत दर्ज करें:  1915 नम्बर पर आप किसी भी तरह की उपभोक्ता शिकायत जैसे कि ऑनलाइन गलत डिलीवरी या खराब उत्पाद के बारे में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। ➡️ सलाह और मार्गदर्शन:   1915 नंबर पर कॉल कर आप अपने उपभोक्ता अधिकारों के बारे में जानकारी और सलाह ले सकते हैं। ➡️ अन्य विकल्प :  हेल्पलाइन के अलावा, आप WhatsApp नंबर 88000 01915 पर संपर्क कर सकते हैं या शिकायत दर्ज करने के लिए ई-दाखिल पोर्टल पर जा सकते हैं। ➡️ भाषा:  यह हेल्पलाइन 17 भाषाओं में उपलब्ध है। प्रस्तुति  शालिनी कौशिक  एडवोकेट  कैराना (शामली )

उत्तर प्रदेश की बार एसोसिएशनों के चुनाव स्थगित

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  बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने उत्तर प्रदेश बार काउंसिल को निर्देश दिया है कि राज्य के सभी जिला और स्थानीय बार एसोसिएशनों के चुनाव 15 नवम्बर 2025 से 15 फरवरी 2026 के बीच स्थगित रखे जाएं। यह कदम उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के आगामी चुनावों के सुचारू और व्यवस्थित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रधान सचिव श्रीमंतो सेन द्वारा हस्ताक्षरित 25 अक्टूबर 2025 को जारी पत्र में उत्तर प्रदेश बार काउंसिल को निर्देश दिया गया है कि  "राज्य के सभी बार एसोसिएशनों को सूचित किया जाए कि वे निर्दिष्ट अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के चुनाव की अधिसूचना जारी न करें और न ही चुनाव कराएं।" Sir As per the directions of the Hon'ble Chairman, Bar Council of India, this communication is being issued to ensure a smooth and orderly conduct of the ensuing elections to the Uttar Pradesh Bar Council. You are requested to direct all Bar Associations in the State of Uttar Pradesh not to hold or notify elections of any Bar Association during the period from 15 November, 20...

संतानहीन मुस्लिम विधवा की मृतक पति की संपत्ति में एक चौथाई हिस्सेदारी- सुप्रीम कोर्ट

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     सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले की पुष्टि की, जिसमें एक मुस्लिम विधवा को उनके मृत पति की संपत्ति में ¾ हिस्सेदारी से वंचित किया गया था। कोर्ट ने कहा कि " यदि मुस्लिम पत्नी के कोई संतान नहीं है, तो वह केवल ¼ हिस्सेदारी की हकदार होती है। साथ ही, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मृतक के भाई द्वारा किए गए बिक्री समझौते से विधवा के वारिस होने के अधिकार प्रभावित नहीं होते, क्योंकि ऐसा समझौता मालिकाना हक स्थानांतरित या समाप्त नहीं करता।" ➡️ संक्षेप में मामला- मामला चंद खान की संपत्ति से संबंधित था, जिसका बिना उत्तराधिकारी और संतान के निधन हो गया। उसकी विधवा, ज़ोहरबी (अपीलकर्ता), द्वारा दावा किया गया कि  "मुस्लिम कानून के तहत उन्हें संपत्ति का तीन-चौथाई हिस्सा मिलना चाहिए। " मृतक के भाई (प्रतिवादी) ने तर्क दिया कि  "मृतक द्वारा जीवनकाल में संपन्न किए गए बिक्री समझौते के तहत संपत्ति का एक हिस्सा पहले ही हस्तांतरित हो गया था, इसलिए इसे वारिसी पूल से बाहर रखा जाना चाहिए। " ट्रायल कोर्ट ने यह मान लिया, लेकिन अपीलेट कोर्ट और हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया और कहा...

AIBE XX -IPC /BNS की तैयारी4️⃣

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अखिल भारतीय बार परीक्षा 20 ( AIBE-XX ) 30 नवंबर 2025 को आयोजित होने जा रही है. परीक्षा के आवेदन आदि की सम्पूर्ण जानकारी हम आपको अपने ब्लॉग ( AIBE-XX पूरी जानकारी एक साथ ) में दे चुके हैँ, उसके बाद हम आपको परीक्षा के महत्वपूर्ण क़ानूनों की ✒️ सभी क़ानूनों की तैयारी कैसे करें 1️⃣ , इसके बाद  ✒️ तैयारी दूसरे महत्वपूर्ण कानून की 2️⃣ , तत्पश्चात ✒️ सिविल क़ानून की तैयारी 3️⃣  जिसे आप पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक कर देख सकते हैं. अब आपके लिए लेकर आये हैं हम परीक्षा में आने वाले चौथे महत्वपूर्ण कानून की तैयारी का तरीका, जिसे आप ब्लॉग कानूनी ज्ञान पर पढ़ सकते हैं और यू ट्यूब व्लॉग @IndianLawSK28 पर सुन सकते हैं. आज हम आपके लिए लेकर आये हैं" भारतीय दंड संहिता IPC/ भारतीय न्याय संहिता BNS " की तैयारी-  ✒️ IPC/ BNS में से लगभग 8 अंक के प्रश्न आपसे पूछे जायेंगे और क्योंकि 1 प्रश्न 1 अंक का होता है इसलिए पेपर में इस कानून से आने वाले हैं 8 प्रश्न. ✒️ IPC/ BNS का महत्व:  यह आपराधिक अपराधों के मूल तत्व को परिभाषित करता है। प्रश्न आमतौर पर एक तथ्यात्मक परिदृश्य से सही अपराध की पहचान ...

निर्वाचन 2025-26 बार कौंसिल ऑफ़ उत्तर प्रदेश का कार्यक्रम घोषित

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         बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश, 19. महर्षि दयानन्द मार्ग, इलाहाबाद द्वारा आधिकारिक रूप से  वि ज्ञप्ति संख्याः......... /2025 के अंतर्गत  निर्वाचन-2025-26 की  दिनांक: 05.11.2025 को घोषणा कर दी गई है. जिसमें कहा गया है कि- एडवोकेट्स अधिनियम, 1961 की धारा 15 (2) (ए) के अधीन निर्मित निर्वाचन नियमावली, 2025 के अंतर्गत निर्मित नियम 6 के अनुसार सूचित किया जाता है कि उत्तर प्रदेश बार कौंसिल के 25 (पच्चीस) सदस्यों के निर्वाचन के लिये, जिनमें से एडवोकेट्स एक्ट की धारा (3)-2 (बी) के अनुसार 12 (बारह) सदस्यों का दिनांक 23.10.2025 को कम से कम 10 वर्षीय अनुभव का एडवोकेट होना आवश्यक है, क्रमश नामांकन पत्रों की प्राप्ति, उनकी जांच, बापसी, मतदान एवं मतगणना की निम्नलिखित तिथियां तथा स्थान निर्धारित किये जाते हैं:- 1️⃣. नामांकन पत्रों की प्राप्ति की तिथियां दिनांक 14 नवम्बर, 2025 से 19 नवम्बर, 2025 ( प्रारम्भ) एवं अन्त की दोनों तिथियां शामिल करके सचिव, बार कौंसिल आफ उत्तर प्रदेश, 19. महर्षि दयानन्द मार्ग, इलाहाबाद के पास सायं 05:00 बजे तक पहुंच जाये। 2️⃣. जांच क...

उत्तर प्रदेश में शुरू होने जा रहा है SIR, इन लोगों को दिखाने होंगे दस्तावेज

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जागरण न्यूज 30 सितंबर 2025 के अनुसार उत्तर प्रदेश में 22 साल बाद मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण अभियान शुरू होगा। 70% मतदाताओं को कोई दस्तावेज नहीं देना होगा केवल हस्ताक्षरित फॉर्म जमा करना होगा जो बीएलओ द्वारा घर पर दिया जाएगा। केवल 30% मतदाताओं को पहचान के लिए दस्तावेज़ देने होंगे। चुनाव आयोग 2003 की मतदाता सूची से वर्तमान सूची का मिलान कर रहा है ताकि मतदाता सूची को सटीक बनाया जा सके। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा कराये गए निरीक्षण मे यह तथ्य प्रकाश मे आया है कि केवल 30 प्रतिशत मतदाता ही ऐसे हैं जिन्हें पहचान के लिए 12 मान्य दस्तावेजों में से एक अनिवार्य रूप से देना पड़ेगा। भारत निर्वाचन आयोग का यह अभियान अक्टूबर में शुरू होने की उम्मीद है। अभियान से पहले चुनाव आयोग ने इसकी तैयारियां तेज करते हुए घर घर फॉर्म उपलब्ध कराने का  काम बीएलओ को सौंपा है। अब तक हुई मैपिंग में करीब 60-70 प्रतिशत मतदाताओं के नाम दोनों मतदाता सूचियाें में दर्ज मिले हैं। ऐसे में इन 60-70 प्रतिशत मतदाताओं को अभियान के दौरान कोई भी पहचान का प्रपत्र नहीं देना पड़ेगा।         चुनाव आयोग का मानना ...

AIBE XX फीस भुगतान

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  एआईबीई (AIBE) परीक्षा के लिए ड्राफ्ट बनाने की अब कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि परीक्षा शुल्क का भुगतान केवल ऑनलाइन मोड में किया जाता है।  ➡️ भुगतान के लिए उपलब्ध विकल्प हैं: 🌑 क्रेडिट कार्ड 🌑 डेबिट कार्ड 🌑 नेट बैंकिंग 🌑 यूपीआई (UPI)    आपको सीधे एआईबीई की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण के दौरान ऑनलाइन भुगतान करना होगा। प्रस्तुति  शालिनी कौशिक  एडवोकेट  कैराना (शामली )

AIBE XX सिविल क़ानून की तैयारी3️⃣

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  आज हम आपको अखिल भारतीय बार परीक्षा xx के तीसरे पेपर सिविल क़ानून की तैयारी कराने जा रहे हैँ, अब बारी बारी से आप इसके महत्वपूर्ण पॉइंट्स पर ध्यान दीजिये- ➡️ सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC)       सिविल प्रक्रिया संहिता जिसे आप और हम सी पी सी के रूप में सम्बोधित करते हैँ, से अखिल भारतीय बार परीक्षा AIBE में 10 नंबर के प्रश्न पूछे जाते हैँ. ➡️ सी पी सी का क़ानून में महत्व-   आपराधिक मामलों पर महत्वपूर्ण कानून हैँ- दंड प्रक्रिया संहिता जो कि अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता हो गया है और भारतीय दंड संहिता जो कि अब भारतीय नागरिक संहिता हो गया है,उसी तरह सी पी सी का महत्व है, यह सिविल मुकदमों की रीढ़ है किन्तु इसकी खास विशेषता यह है कि इसमें कानूनी धाराएं और प्रक्रिया एक साथ ही हैँ. AIBE में इससे संबंधित प्रश्न प्रक्रियात्मक होते हैं और अक्सर विभिन्न अवधारणाओं के बीच अंतर पूछा जाता है. ➡️ मुख्यतः ध्यान दें 1️⃣ न्यायालयों का अधिकार क्षेत्र (धारा 9)। 2️⃣ रेस सब-ज्यूडिस और रेस ज्यूडिकाटा (धारा 10, 11)। 3️⃣ अभिवचन (आदेश 6), वादपत्र (आदेश 7), और लिखित कथन (आदेश 8)। 4️⃣ समन (आदे...

केवल पंजीकृत दत्तक ग्रहण विलेख यूपी में मान्य-इलाहाबाद हाईकोर्ट

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  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि  "पंजीकरण अधिनियम, 1908 की धारा 17(3) में राज्य संशोधन के आधार पर केवल पंजीकृत दत्तक ग्रहण विलेख यूपी राज्य में मान्य है। केवल गोद लेने के दस्तावेज का नोटरीकरण इसे उत्तराधिकार साबित करने के लिए वैध नहीं बनाता है।"  जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस प्रशांत कुमार की बेंच ने कहा,   "यूपी राज्य में लागू अधिनियम, 1956 की संशोधित धारा 16(2) और यूपी राज्य में लागू अधिनियम, 1908 की धारा 17 (1)(एफ) और (3) को संयुक्त रूप से पढ़ने से यह स्पष्ट हो जाता है कि 01.01.1977 के बाद यूपी राज्य में कोई भी गोद लेना केवल एक पंजीकृत विलेख के माध्यम से हो सकता है, अन्यथा नहीं।" अपीलकर्ताओं द्वारा एकल जज के आदेश के खिलाफ विशेष अपील के माध्यम से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया, जिसके तहत बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में नाबालिग को उसके प्राकृतिक अभिभावकों के माध्यम से हिरासत में लेने की अनुमति दी गई। यहां अपीलकर्ताओं के दावे को इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि गोद लेने का दस्तावेज केवल नोटरीकृत है और कानून के अनुसार पंजीकृत नहीं है। एकल जज के आदेश को समन्वय पीठ के फैसले का...

नये संशोधन पर तलाक की दूसरी याचिका स्वीकार्य -इलाहाबाद हाईकोर्ट

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  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि " एक ही आधार पर तलाक की याचिका खारिज होने पर भी, हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13 के तहत दूसरे आधार पर तलाक की याचिका दायर करने में कोई रोक नहीं है।"  जस्टिस मनीष कुमार निगम ने कहा—  “हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13 के तहत किसी एक आधार पर याचिका का निर्णय, दूसरे आधार पर तलाक की याचिका दायर करने पर रोक नहीं लगाता। यदि पहली याचिका खारिज होने के बाद भी पक्षकार को दूसरी याचिका दायर करने की अनुमति मिलती है, तो संशोधन के माध्यम से नए आधार जोड़ने में कोई बाधा नहीं है।” अदालत ने कहा कि  " तलाक याचिकाओं में आधार बदलने या जोड़ने की अनुमति दी जा सकती है ताकि कई बार एक ही मामले में कार्यवाही न करनी पड़े।"  ➡️ मामले का संक्षेप -  ✒️ पति-प्रतिवादी ने फैमिली कोर्ट, हमीरपुर में धारा 13 हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत तलाक की याचिका दायर की। पत्नी ने अपने लिखित उत्तर में आरोपों को खारिज किया। इसके बाद कोर्ट ने मुद्दे तैयार किए। बाद में पति ने आधार बदलने के लिए संशोधन आवेदन दायर किया, जिसे पत्नी ने विरोध किया। कोर्ट ने यह संशो...

AIBE तैयारी दूसरे महत्वपूर्ण कानून की 2️⃣

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                                   2️⃣     अखिल भारतीय बार परीक्षा 20 ( AIBE-XX ) 30 नवंबर 2025 को आयोजित होने जा रही है. परीक्षा के आवेदन आदि की सम्पूर्ण जानकारी हम आपको अपने ब्लॉग ( AIBE-XX पूरी जानकारी एक साथ ) में दे चुके हैँ. इसके साथ ही अपने पूर्व ब्लॉग में हम आपको -संवैधानिक विधि की तैयारी के बारे में भी बता चुके हैं, जिसके बारे में अगर आप हमारे ब्लॉग और यू ट्यूब व्लॉग से जुड़े हुए हैं तो जान ही गए होंगे, आज हम आपके लिए लेकर आये हैं परीक्षा में आने वाले दूसरे क़ानून दंड प्रक्रिया सहिता (CrPC) / भारतीय नागरिक  सुरक्षा संहिता (BNSS) की तैयारी-  ➡️ दंड प्रक्रिया सहिता (CrPC) / भारतीय नागरिक  सुरक्षा संहिता (BNSS)- 🌑 दंड  प्रक्रिया सहिता (CrPC) जो कि अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) में परिवर्तित हो गई है उसमें से लगभग 10 अंक के MCQ अर्थात mutiple choice question मतलब बहुविकल्पीय प्रश्न आपसे पूछे जायेंगे. ➡️  दड प्रक्रिया सहिता (CrPC) / भारतीय ना...

BNS, BNSS और BSA में IPC, CrPC और IEA की धाराएं भी लिखना जरूरी-इलाहाबाद हाई कोर्ट

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  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि  "अब से जिन मामलों या याचिकाओं में नए आपराधिक कानूनों — जैसे भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) — का उल्लेख किया जाएगा, उनमें पुराने कानूनों — भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (IEA) — की संबंधित धाराएं भी साथ में लिखना जरूरी होगा।" जस्टिस श्री प्रकाश सिंह की पीठ ने यह आदेश देते हुए कहा कि  "याचिकाओं और अपीलों में केवल नए कानूनों की धाराएं लिखने से अदालत और वकीलों को काफी असुविधा होती है, क्योंकि अभी कई मामलों में पुराने और नए प्रावधानों की तुलना आवश्यक होती है।" अदालत ने यह भी बताया कि  "अधिवक्ताओं ने स्वयं सुझाव दिया था कि पुराने कानूनों की समान धाराएं साथ में लिखने से मामलों के शीघ्र निपटारे में मदद मिलेगी। इसलिए अदालत ने रजिस्ट्री को सख्त निर्देश दिया है कि आगे से सभी याचिकाओं में दोनों कानूनों के प्रावधान शामिल किए जाएं। " ➡️ आदेश का कारण-  प्रस्तुत मामले में याचिकाकर्ताओं ने BNS की धारा 126(2), 194(2), 115...

AIBE -जानें परीक्षा की मूल बातें

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  कल हमारे ब्लॉग की एक पाठक ने हमसे अनुरोध किया था कि - " कृपया पेपर की समय सीमा और कुल कितने नंबर का पेपर आएगा ये भी बताने का कष्ट करें , "  तो आज हम आपकी अखिल भारतीय बार परीक्षा को लेकर आपकी इन समस्याओं का समाधान करने जा रहे हैँ. सबसे पहले आप जानिए AIBE की समय सीमा और नंबर पद्धति के बारे में- ➡️ AIBE की समय सीमा और नंबर पद्धति- ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE) परीक्षा की अवधि 3 घंटे 30 मिनट (साढ़े तीन घंटे) होती है. यह एक ऑफ़लाइन, पेन-एंड-पेपर परीक्षा है जिसमें 100 बहुविकल्पीय प्रश्न होते हैं, जिसके लिए कोई नकारात्मक अंकन नहीं होता है.  AIBE परीक्षा का विवरण  अवधि: 3 घंटे 30 मिनट प्रारूप: ऑफ़लाइन, पेन-एंड-पेपर आधारित प्रश्नों का प्रकार: वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न (बहुविकल्पीय) प्रश्नों की कुल संख्या: 100 कुल अंक: 100 नकारात्मक अंकन: नहीं      अब आते हैं प्रश्न पद्धति पर  ➡️ AIBE प्रश्न पद्धति- अखिल भारतीय बार परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते हैँ. बहुविकल्पीय प्रश्न पद्धति को अंग्रेजी में MCQ कहा जाता है. MCQ का अर्थ मल्टीपल चॉइस क्वेश्च...

AIBE-XX सभी कानूनों की तैयारी कैसे करें?-1️⃣

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        अखिल भारतीय बार परीक्षा 20 ( AIBE-XX ) 30 नवंबर 2025 को आयोजित होने जा रही है. परीक्षा के आवेदन आदि की सम्पूर्ण जानकारी हम आपको अपने ब्लॉग ( AIBE-XX पूरी जानकारी एक साथ ) में दे चुके हैँ, जिसे आप पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक कर देख सकते हैं. अब आपके लिए लेकर आये हैं हम परीक्षा में आने वाले कानूनों की तैयारी का तरीका, जिसे हम क्रमवार ढंग से प्रस्तुत करने जा रहे हैँ. आज हम सबसे पहले आपके लिए लेकर आये हैँ देश के सर्वोच्च क़ानून " संवैधानिक विधि " की तैयारी-  1️⃣ संवैधानिक विधि (Constitutional Law)-       AIBE परीक्षा में क़ानून के 100 नम्बर के प्रश्नों में से संवैधानिक विधि से 10 नंबर के प्रश्न पूछे जाते हैं. जिस कारण परीक्षा पास करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण विधि हो जाती है. ➡️ संवैधानिक विधि का महत्व - संविधान विधि का महत्व इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि यह भारतीय कानून में सर्वोच्च कानून है और संविधान का संरक्षक हमारे देश का उच्चतम न्यायालय अर्थात सुप्रीम कोर्ट है. संवैधानिक विधि से पूछे जाने वाले प्रश्न सीधे तौर पर ऐतिहासिक सिद्धांतों और अनु...