विवाह संबंधी झगड़ों में हाई कोर्ट के पास अहम शक्ति --सुप्रीम कोर्ट

विवाह संबंधी झगड़ों में दायर खासतौर पर उन विवाह संबंधी झगड़ों में दायर की गई एफ आई आर के संबंध में जिनमें अक्सर भारतीय दंड संहिता की धारा 498A, 323, 504, और 506 लगाई जाती हैं उन एफ आई आर रद्द करने के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपूर्वा अरोरा बनाम राज्य उत्तर प्रदेश मामले में स्पष्ट किया कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत हाईकोर्ट के पास वह शक्ति है कि वह ऐसी आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर सके जो केवल बदले की भावना या प्रताड़ना के उद्देश्य से की गई हो। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि- " अगर कोई एफ आई आर कानून का दुरुपयोग करते हुए दर्ज की गई हो, और उसका उद्देश्य न्याय नहीं बल्कि प्रतिशोध हो, तो हाईकोर्ट को आगे बढ़कर ऐसे मामलों को समाप्त कर देना चाहिए।" ➡️ धारा 482 दंड प्रक्रिया संहिता की शक्ति- सुप्रीम कोर्ट के अनुसार दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत हाईकोर्ट को " अंतर्निहित शक्तियां " दी गई हैं। यह शक्तियां असीम नहीं हैं,किन्तु इन्हें तब अवश्य उपयोग में लाया ज...