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व्हाट्सएप चैटिंग व गूगल मैप ने दी ममता - की गवाही, कोर्ट बोला- मां जैसा कोई नहीं

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( shalini kaushik law classes ) आईआरएस पति के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची प्रवक्ता पत्नी ने मांगी बेटी की हिरासत क्या है मामला : दिल्ली के एक महाविद्यालय में प्रवक्ता के पद पर तैनात याची की शादी गोरखपुर निवासी भारतीय रेल सेवा (आईआरएस) के अधिकारी से 18 जनवरी 2012 को प्रयागराज में हुई थी। इसके बाद वह पति संग उनके तैनाती स्थल कटवा (पश्चिम बंगाल), महेंद्रू घाट (पटना),दानापुर व लखनऊ में रहीं। तीन नवंबर 2012 को दिल्ली में उन्होंने बेटी को जन्म दिया। इसके बाद दोनों में मनमुटाव हो गया। पति की ओर से बात तलाक तक पहुंच गई। दंपती के बीच लखनऊ व प्रयागराज की पारिवारिक अदालत में शुरू हुई कानूनी लड़ाई के बीच पत्नी ने घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया. दादा-दादी व पिता संग रह रही बेटी की हिरासत की मांग करते हुए अर्जी दाखिल की। हालांकि, बेटी मौजूदा वक्त लखनऊ में पढ़ाई कर रही है। जिला अदालत ने बेटी के बयान पर पत्नी की अर्जी को यह कहते हुए खारिज कर दी कि वह पिता संग रहना चाहती है। इसके अलावा यह तर्क भी दिया कि बेटी की हिरासत के लिए घरेलू हिंसा कानून के बजाय हिंदू अवयस्कता और संरक्षकता अधिनियम के तहत अर्जी दाखिल ...

व्हाट्सएप्प वीडियो कॉल ही क्यूँ करते हैं साइबर अपराधी

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  अभी 13 मार्च 2025 के अमर उजाला में एक समाचार पढ़ती हूँ  " डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर ठगी की कोशिश" संवाद न्यूज एजेंसी द्वारा प्रकाशित समाचार में पूरा समाचार यह था- "शामली। शामली के माजरा रोड निवासी महिला को साइबर ठग ने उसके पति को दिल्ली एयरपोर्ट पर मोटी रकम के साथ पकड़े जाने की धमकी देते हुए 30 हजार रुपये की मांग की। महिला के झांसे में न आने से ठगी होने से बच गई। महिला ने बताया कि दो दिन पहले उसके पास अनजान नंबर से व्हाट्सएप कॉल आई। व्हाट्सएप की डीपी पर पुलिस की वर्दी पहले व्यक्ति की फोटो लगी थी। कॉल करने वाले ने कहा कि उनके पति दिल्ली में एयरपोर्ट पर मोटी रकम के साथ पकड़े गए हैं।महिला ने कहा कि उनके पति तो दिल्ली गए ही नहीं। कॉल करने वाले ने कहा कि हो सकता है.कि उन्हें उनके दिल्ली जाने के बारे में बताया हो। साइबर ठग ने महिला को उसके पति को दिल्ली में पकड़े जाना बताया। उसने महिला से कहा कि अगर पति को छुड़ाना चाहती हैं तो उनके बताए गए बैंक खाते में 30 हजार रुपये भेज दो।महिला ने कहा कि उनके पति से कुछ देर पहले ही बात हुई है, वह ठीक हैं। इसके बाद महिला ने फोन काट दिया। मह...

भारत सरकार द्वारा एंड्रॉयड यूजर्स के लिए नई चेतावनी जारी

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@cybershalini भारत सरकार द्वारा एंड्रॉयड यूजर्स के लिए एक नई चेतावनी जारी की गई है, जिसमें गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद या फिर आपके द्वारा अनजाने या लालच मे डाउनलोड किये गए नकली फाइनेंशियल एप्स से बचने की सलाह दी गई है। ये एप्स देखने में असली और आपके मित्र समान नजर आते हैं, लेकिन इनका असली मकसद आपकी वित्तीय जानकारी हैक करना होता है। इससे आपकी गोपनीयता, डेटा और पैसों पर बहुत बड़ा खतरा मंडरा सकता है। ➡️ साइबर दोस्त द्वारा जारी की गई चेतावनी- केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के आधिकारिक ट्विटर/X हैंडल 'Cyber Dost' द्वारा जारी चेतावनी मे हाल ही में एक पोस्ट में निम्न खतरनाक एप्स की सूची साझा की गई है और बताया है कि इनमें से कई एप्स के तार विदेशी दुश्मन तत्वों से जुड़े पाए गए हैं। ➡️ इसलिए ये 1️⃣0️⃣ एप्स तुरंत करें डिलीट- 1️⃣ Invoicer Experts 2️⃣ Loan Raina - Instant Loan Online 3️⃣ Gupta Credit - Safe and Handy 4️⃣ GranetSwift 5️⃣ LoanQ | Financial Calculator 6️⃣ CreditEdge 7️⃣ Ultimate Lend 8️⃣ SmartRich Pro 9️⃣ CreditLens 1️⃣0️⃣Cash Loan...

दूसरी पत्नी अनुकम्पा नियुक्ति की हकदार -पंजाब एन्ड हरियाणा हाई कोर्ट

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   संक्षेप में- दूसरी पत्नी अनुकम्पा नियुक्ति की हक़दार Shalini kaushik law classes     वर्तमान मामले में बिजली विभाग के लाइनमैन की दो शादियां हुई थी. लाइन मैन की मृत्यु होने पर अनुकम्पा नियुक्ति का प्रश्न उठा जिसमें सम्बंधित विभाग के विधि अधिकारी ने कहा था कि मृतक कर्मचारी की पहली शादी पंचायत द्वारा भंग कर दी गई थी, जिसकी कोई कानूनी वैधता नहीं थी, इसलिए दूसरी शादी वैध नहीं होगी। इस राय को ध्यान में रखते हुए दूसरी पत्नी को अनुकंपा नियुक्ति देने से मना कर दिया गया याचिकाकर्ता के पति सिंह की पहले बलजिंदर कौर से वर्ष 2006 में शादी हुई थी और वर्ष 2007 में उन्होंने उनसे पंचायती तलाक ले लिया था। तीरथ सिंह की मृत्यु के बाद तीरथ सिंह (अब मृत) की पहली पत्नी ने भी इस बात का हलफनामा प्रस्तुत किया कि वह अनुकंपा नियुक्ति का दावा नहीं कर रही है और न ही भविष्य में कोई दावा करेगी। तब याचिकाकर्ता ने अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति देने के लिए आवेदन किया और सक्षम प्राधिकारी को एक आवेदन प्रस्तुत किया। अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति देने के लिए याचिकाकर्ता के मामले पर विभिन्न स्तरों पर विधिवत व...

साइबर ठगों का नया हथियार आपके बच्चे

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 आज आदमी डिजिटल हो चला है, जहाँ देखिये आदमी के हाथ में मोबाइल चलता ही रहता हैँ. अब तो ये लगने लगा है कि अगर ये स्मार्ट फोन हाथ में नहीं है तो न ही हमारी सांस चलेंगी और न ही हमारे हाथ पैर, किन्तु ऐसी स्थिति एक उस आदमी की होना तो सही है जिसे दुनिया की, दुनियादारी की समझ है किन्तु उस बच्चे की समझ का क्या करें जिसके लिए अभी सपनों में और दुनिया की सच्चाईयों मे कोई अंतर ही नहीं है.      आज के डिजिटल युग में मोबाइल फोन अब न केवल संचार का उपकरण है, बल्कि मनोरंजन, शिक्षा और सोशल कनेक्शन का बड़ा माध्यम बन चुका है. साइबर अपराधी इसका दुरुपयोग कर आम जनजीवन को ठगने मे लगे हुए हैं। साइबर अपराधी हर उस हाथ को देख रहे हैं जिसका कीमती समय मोबाइल के साथ व्यतीत होता है, जिसके माँ बाप के पास अपने छोटे बच्चे के हाथ मे देने के लिए स्मार्ट फोन जैसा कीमती तोहफा है. ऐसे छोटे बच्चों को साइबर अपराधी जाने-अनजाने फ्री गेम ऑफर, फेक लिंक या ओटीपी शेयर के बहाने साइबर ठगी करने की कोशिश के मामले सामने आ रहे हैं और ये हम सब बखूबी देख सकते हैं कि बार बार स्थानीय पुलिस द्वारा साइबर अपराध के प्रति जागरूक क...

अब साइलेंट हो गया साइबर फ़्रॉड

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साइबर अपराधी रोज पैसे ठगने का नया तरीका निकाल रहे हैँ. अब स्कैम करने का नया तरीका सामने आया है. अब इसके लिए उन्हें ओटीपी या मैसेज और न ही कोई ल‍िंक की भी जरूरत रह गई है। अब आप भी ये सोचकर हैरान होंगे कि क्या ऐसा भी संभव है?        क़ानून की प्रमुख राजधानी, वकीलों की सर्वोच्च संस्था नगरी प्रयागराज में 7 दिन मे 11 ऐसे ही स्कैम की जानकारी सामने आई है  जिनमें पीड़ितों के मोबाइल पर घंटों बाद रुपये निकाले जाने का संदेश आया। हैरानी की बात यह है कि न तो उन्होंने किसी अनजान लिंक पर क्लिक किया, न ही किसी से बैंक डिटेल साझा की और न ही उनके मोबाइल पर कोई ओटीपी आया। साइबर थानों की पुलिस इन मामलों को लेकर हैरत में है, क्योंकि अब तक की ठगी की तकनीकों में ओटीपी, कॉल या मैसेज के जरिए जानकारी हासिल की जाती थी, लेकिन इन 11 मामलों में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और इसी कारण इन्हें साइलेंट फ़्रॉड की संज्ञा दी जा रही है. ➡️ जनता के लिए अलर्ट है साइलेंट फ्रॉड:- इलाहाबाद के साइलेंट फ्रॉड के मामले आम जनता के लिए चेतावनी है कि अब सिर्फ फोन, ओटीपी और लिंक से बचाव ही काफी नहीं, आपको अपने मोबाइल...

अपने नाम पर दर्ज FIR की जानकारी हुई आसान

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अपने नाम पर दर्ज FIR की जानकारी प्राप्त करना अब आसान हो गया है ! भारत सरकार की CCTNS (Crime and Criminal Tracking Network & Systems) सेवा के ज़रिए अब आप घर बैठे ऑनलाइन जाकर चेक कर सकते हैं कि आपके नाम पर कोई FIR दर्ज हुई है या नहीं — बिना थाने जाए, सिर्फ कुछ क्लिक में। ➡️ आप ऑनलाइन कैसे चेक करेंगे इसके स्टेप्स नीचे दिए गए हैं: 👇 🌑 सबसे पहले गूगल क्रोम के स्टेटस बार में  नीचे लिखी हुई वेबसाइट का लिंक डालें 👇 🔗 https://citizen.indiancitizenservices.gov.in 🌑 फिर उसमे “View FIR” या “FIR Search” चुनें 🌑 इसके बाद राज्य सेलेक्ट करें 🌑 फिर आपसे उसमें FIR नंबर या नाम डालने के लिए कहा जायेगा, उसे डालें. इसके बाद निम्न कार्य क्रमानुसार करें 👇 1️⃣ पुलिस स्टेशन का नाम 2️⃣ FIR नंबर (अगर पता हो) 3️⃣ FIR का साल (अनुमान से) 4️⃣ नाम (शिकायतकर्ता या आरोपी) 🌑 सबमिट क्लिक करें — अगर आपके नाम पर कोई FIR दर्ज है, तो उसका विवरण सामने आ जाएगा। ➡️ आवश्यक जानकारी:-  🌑 ऑनलाइन रूप से कुछ FIR (जैसे बलात्कार के मामले, पोक्सो एक्ट से जुड़े मामले) सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं होतीं।  🌑 यदि ...

Rent Control Act 2025 (किराया नियंत्रण अधिनियम 2025)

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  ( shalini kaushik law classes )👇 ( Rent control act 2025 -मुख्य बिंदु ) भारत में किरायेदार का हमेशा से मकान मालिक हो या दुकान मालिक, छतीस का आंकड़ा ही नजर आता रहा है. जिसे लेकर समय समय पर सरकार क़ानून बनाकर इस संबंध को संतुलित करने में लगी रही है. अब एक बार फिर सरकार द्वारा रेंट कण्ट्रोल एक्ट 2025 लागू किया गया है. ➡️ Rent Control Act 2025 (किराया नियंत्रण अधिनियम 2025)    Rent Control Act 2025 केंद्र सरकार द्वारा लाया गया एक नया कानून है जिसे केंद्र सरकार ने लागू कर दिया है जिससे किरायेदारों को कानूनी अधिकार मिले और मकान मालिकों की मनमानी पर रोक लगे।  Rent Control Act 2025 (किराया नियंत्रण अधिनियम 2025)  में पारदर्शिता, न्याय और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है। ➡️  Rent Control Act 2025 (किराया नियंत्रण अधिनियम 2025) का मुख्य उद्देश्य-  🌑 किरायेदारों के लिए कानूनी सुरक्षा. 🌑 मकान मालिकों के निश्चित अधिकार. 🌑 न्यूनतम विवाद. 🌑 किरायेदारी को कानूनी ढांचे में लाना. ➡️  Rent Control Act 2025 (किराया नियंत्रण अधिनियम 2025) की मुख्य विशेषताएं- इस...

उत्तर प्रदेश में मैरिज रजिस्ट्रेशन के नियम बदले

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       Shalini Kaushik Law Classes ( मैरिज रजिस्ट्रेशन के नियम बदले-उत्तर प्रदेश ) उत्तर प्रदेश में मैरिज रजिस्ट्रेशन के नियम 6 जून 2025 से बदल दिए गए हैं. शुक्रवार 6 जून 2025 को इसे लेकर आदेश जारी किया गया था. शनिदेव बनाम यूपी सरकार के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन में नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. ➡️ मैरिज रजिस्ट्रेशन के बदले नियम क्या क्या-    अब शादी का रजिस्ट्रेशन शादी वाली जगह के आधार पर नहीं बल्कि शादी की जगह की तहसील के सब रजिस्ट्रार कार्यालय में किया जाएगा. जहां वर-वधू या उनके माता-पिता रहते हैं. शादी रजिस्ट्रेशन के दौरान परिवार के एक सदस्य को भी वहां मौजूद रहना होगा और यदि वह नहीं आ सकता है तो शादी कराने वाले पंडित, मौलवी या पादरी को सब-रजिस्ट्रार के कार्यालय मे गवाही के लिए आना होगा. ➡️ बिना गवाही शादी का पंजीकरण नहीं- अगर किसी वजह से परिवार का सदस्य नहीं आ सकता तो शादी कराने वाले पंडित, मौलवी या पादरी को सब रजिस्ट्रार के कार्यालय में आना होगा. उनकी गवाही के बाद ही शादी रजिस्टर हो सकेगी.इतना ही नहीं एक पेन ड्राइव में शादी का...

आपसे ओटीपी ही क्यूँ मांगते हैं स्कैमर्स

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  ( लेख को सुनने के लिए @cybershalini पर जाएँ या फिर इस लिंक पर क्लिक करें 👇 ( ओटीपी ही क्यूँ मांगते हैं स्कैमर्स जानिए @cybershalini के साथ )      ऑनलाइन फ्रॉड में ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) का बहुत महत्व है क्योंकि यह आपकी पहचान और वित्तीय लेन-देन की सुरक्षा करता है। ओटीपी एक अस्थायी, एक-बार उपयोग होने वाला कोड है जो आपकी व्यक्तिगत जानकारी की रक्षा करता है, जिससे स्कैमर्स आपकी व्यक्तिगत जानकारी तक पहुँच बनाने में असफल हो जाते हैं. ➡️ ओटीपी का महत्व:- 🌑 स्कैमर्स ओटीपी ही मांगते हैं, क्यूँ:- OTP (वन-टाइम पासवर्ड) एक अस्थायी, अद्वितीय कोड है जिसे आपके ईमेल पर आपकी पहचान सत्यापित करने के लिए भेजा जाता हैं जब आप लॉग इन करते हैं, खासकर किसी नए डिवाइस या स्थान से। सुरक्षा की यह अतिरिक्त परत आपके खाते को अनधिकृत पहुँच से बचाने में मदद करती है। 🌑 अतिरिक्त सुरक्षा: ओटीपी सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत जोड़ता है। यदि आपका पासवर्ड हैक हो जाता है, तो भी स्कैमर्स को आपके खाते में प्रवेश करने के लिए ओटीपी की आवश्यकता होगी.  🌑 साइबर विशेषज्ञ अमित दुबे की राय- अ‍मित दुबे ने बताया...

तलाकशुदा पत्नी अविवाहित रहने पर भी भरण-पोषण की हकदार: सुप्रीम कोर्ट

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   29 मई 2025 को माननीय उच्चतम न्यायालय ने राखी साधुखान बनाम राजा साधुखान, सिविल अपील संख्या 10209/2024 में भरण पोषण को लेकर एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय दिया है. ➡️ केस का निर्णय- जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने राखी साधुखान बनाम राजा साधुखान मामले में फैसला सुनाया, जिसमें विवाह के अपूरणीय रूप से टूटने के बाद पत्नी को दिए गए गुजारा भत्ते की मात्रा को चुनौती देने वाली अपील पर फैसला सुनाया गया।सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में पत्नी को दिए जाने वाले स्थायी गुजारा भत्ते की रकम को बढ़ाकर ₹50,000 प्रति माह कर दिया, जिससे विवाह के दौरान पत्नी का जो जीवन स्तर रहा है उसी जीवन स्तर के साथ उसका जीवन स्तर सुनिश्चित किया जा सके जिससे उसका भविष्य उचित रूप से सुरक्षित रहे। यह गुजारा भत्ता कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा पहले दी गई राशि से लगभग दोगुना है। कोर्ट ने कहा कि :- "अपीलकर्ता-पत्नी अविवाहित रही और स्वतंत्र रूप से रह रही है। इसलिए वह उस स्तर के भरण-पोषण की हकदार है, जो विवाह के दौरान उसके जीवन स्तर को दर्शाता है और जो उसके भविष्य को उचित रूप से सुरक्षित करता है।" ➡️ केस...

🅲︎🆅︎🆅︎ को जानें

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  🌑 CVV का मतलब         cvv का मतलब कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू होता है। यह आपके क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के पीछे छपा एक 3 या 4 अंकों का कोड होता है। यह ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के दौरान सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत के रूप में काम करता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कार्ड का मालिक ही ट्रांजैक्शन कर रहा है।  CVV को कार्ड के पीछे, सिग्नेचर पट्टी पर पाया जा सकता है। यह कोड आपके कार्ड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे किसी के साथ भी साझा नहीं करना चाहिए। CVV के बिना, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन पूरा नहीं हो सकता है। 🌑 CVV का पूरा नाम: कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू। 🌑 CVV का स्थान: क्रेडिट/डेबिट कार्ड के पीछे, सिग्नेचर पट्टी पर। 🌑 CVV का उपयोग : ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की सुरक्षा के लिए। 🌑 CVV की गोपनीयता: इसे कभी भी किसी के साथ साझा न करें। प्रस्तुति  शालिनी कौशिक  एडवोकेट  कैराना ( शामली )

ट्रू कॉलर एप्प करें डाउनलोड-साइबर ठगों को रखे दूर

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     ( truecallar ऐप्प डाउनलोड करें-साइबर ठगों से दूर रहें)     आजकल साइबर ठग आपके बैंक खातों में सेंध लगाने के लिए एड़ी से लेकर चोटी तक का जोर लगा रहे हैं. आपको साइबर अपराधों से बचने के लिए जागरूक होना होगा। इसलिए जरुरी है ये कदम उठाना-नोट कीजिये-  🌑 पर्सनल डिटेल किसी से  कभी भी शेयर न करें. 🌑 कभी भी किसी से अपना नेट बैंकिंग पासवर्ड, वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी), एटीएम या फोन बैंकिंग पिन, सीवीवी नंबर, एक्सपायरी डेट जैसी जानकारी भी शेयर न करें।  🌑 अनजाने नंबर से फोन या मैसेज आने पर सतर्क रहें।  🌑 ट्रू कॉलर एप्प फोन मे डाउनलोड करें, अनजान नंबर को उस पर आई डिटेल्स देखकर, यदि नंबर आपकी पहचान का हो, तभी रिसीव करें. 🌑 कोई भी पर्सनल जानकारी कहीं भी शेयर करने से बचें। सतर्क रहिये-सुरक्षित रहिये. धन्यवाद  द्वारा शालिनी कौशिक  एडवोकेट  कैराना (शामली )

स्त्रीधन की वापसी पर इलाहाबाद हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय

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         कृष्ण कुमार गुप्ता बनाम प्रीति गुप्ता केस पर महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि पति-पत्नी की संपत्तियों के वितरण, जिसमें 'स्त्रीधन' की वापसी भी शामिल है, उसका निर्धारण हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की कार्यवाही के अंतर्गत ही किया जाना चाहिए, न कि धारा 27 के तहत अलग से दिए गए आवेदन पर।       जस्टिस अरिंदम सिन्हा और जस्टिस अवनीश सक्सेना की खंडपीठ ने कहा,  ' स्त्रीधन' की वापसी एक मुद्दा होना चाहिए, जिसे अधिनियम के तहत चल रही कार्यवाही के ट्रायल में तय किया जाए, न कि धारा 27 के तहत स्वतंत्र रूप से दिए गए आवेदन पर।"      परिवार न्यायालय द्वारा अपीलकर्ता-पति को  उत्तरदायी-पत्नी को 'स्त्रीधन' की वापसी के रूप में 1054364/- रूपये अदा करने का निर्देश जारी किया गया था। दोनों पक्षकारों के बीच विवाह 1 मई, 2023 को भंग कर दिया गया था। पत्नी द्वारा अंतरिम भरण-पोषण के लिए दायर याचिका में पति ने कुल 7 लाख का भुगतान किया था।  ➡️ अपीलकर्ता पति के वकील ने कहा- 🌑 पति-पत्नी द्वारा स्वामित्व वाली संपत्तियों का वि...

ई रिक्शा, ऑटो, कैब, टैक्सी वाले अब लिखेंगे नाम, मोबाइल नम्बर उत्तर प्रदेश में अपने वाहन पर

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  ( Shalini kaushik law classes)  एक बार फिर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध नजर आई है. उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता सिंह चौहान की सिफारिश को प्राथमिकता देते हुए टैक्सी, ऑटो, ई-रिक्शा और ओला-उबर जैसी कैब सेवाओं को लेकर योगी सरकार ने एक अहम नियम लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के सभी जिलों मे 29 मई 2025 से लागू किया है। अब हर किराये की गाड़ी चला रहे ड्राइवर को अपनी गाड़ी के अंदर स्पष्ट रूप से अपना नाम और मोबाइल नंबर प्रदर्शित करना आवश्यक होगा। उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “यह नियम महिला यात्रियों की सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए बहुत जरूरी है। कई बार घटनाओं की जानकारी देने के लिए वाहन चालक की पहचान मुश्किल होती है। इस व्यवस्था से तुरंत पहचान और कार्रवाई संभव होगी।” साथ ही,सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जिन वाहनों पर यह जानकारी नहीं लिखी होगी, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। शुरुआत में वाहन मालिकों को इस नियम का पालन करने के लिए एक निश्चित समय सीमा दी जाएगी, जिसके बाद चालान और...

एक साल के भीतर भी मांग सकते हैँ तलाक -इलाहाबाद हाई कोर्ट

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( shalini kaushik law classes)  इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए स्पष्ट किया है कि असाधारण मुश्किलों अथवा असाधारण उत्पीड़न का सामना कर रहे पति अथवा पत्नी विवाह के एक साल के भीतर भी तलाक का मुकदमा दाखिल कर सकते हैं।  हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 14 के अंतर्गत पति पत्नी विवाह के एक वर्ष के पश्चात ही तलाक की मांग कर सकते हैं. जिसके आधार पर परिवार न्यायालय ने एक दम्पति के आपसी समझौते के आधार पर दाखिल तलाक की अर्जी को खारिज कर दिया था, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। ➡️ केस का विवरण:-   3 सितम्बर 2024 को सम्पन्न इस वैवाहिक मामले में पति पत्नी दोनों के सम्बंध में बहुत ज्यादा खटास आ जाने के कारण दोनों ने आपसी सहमति से विवाह विच्छेद का मुकदमा अंबेडकर नगर के परिवार न्यायालय में दाखिल किया। जिसे विवाह के एक वर्ष के भीतर मुकदमा दाखिल होने के आधार पर, परिवार न्यायालय ने मुकदमे को खारिज कर दिया। ➡️ क़ानून क्या कहता है:- हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 14, आम तौर पर अदालत को विवाह के एक वर्ष के भीतर तलाक याचिका पर विचार करने से रोकती है । तलाक लेने के ...

दिल्ली में ई-एफआईआर सिस्टम

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 दिल्ली में ई-एफआईआर सिस्टम का मतलब है कि आप घर बैठे चोरी या डकैती जैसी घटनाओं के लिए ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कर सकते हैं। यह दिल्ली पुलिस द्वारा शुरू किया गया एक ऐप है, जो नागरिकों को पुलिस स्टेशन जाने की परेशानी से बचाता है.  ➡️ कैसे काम करता है:- 1️⃣. दिल्ली पुलिस की वेबसाइट या ऐप पर जाएं: आपको ई-एफआईआर दर्ज करने के लिए दिल्ली पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट या ऐप पर जाना होगा.  2️⃣. रजिस्टर करें: अगर आप पहली बार उपयोग कर रहे हैं, तो आपको अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी जैसे विवरणों के साथ रजिस्टर करना होगा.  3️⃣. लॉगिन करें: रजिस्टर करने के बाद, आपको अपने विवरणों से लॉग इन करना होगा.  4️⃣. ई-एफआईआर फॉर्म भरें: ई-एफआईआर फॉर्म में घटना से संबंधित सभी विवरण भरें, जैसे कि घटना का समय, तारीख, स्थान और घटना का विवरण.  5️⃣. फॉर्म सबमिट करें: फॉर्म भरने के बाद, आपको इसे सबमिट करना होगा.  6️⃣. पुलिस वेरिफिकेशन: पुलिस आपकी जानकारी की जांच करेगी और फिर आपको एफआईआर की एक प्रति मिलेगी.  ➡️ ई-एफआईआर सिस्टम के लाभ:- 🌑 सुविधा: - आप घर बैठे बिना पुलिस स्टेशन गए...

इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा विवाह पंजीकरण नियमों में संशोधन के सुझाव

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      इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जाली दस्तावेजों के जरिए शादी कराने वाले गिरोहों और घर से भागकर शादी के बाद मानव तस्करी, यौन शोषण और जबरन श्रम जैसे मामलों पर लगाम लगाने के लिए उत्तर प्रदेश विवाह पंजीकरण नियम 2017 को संशोधित करने के निर्देश दिए हैं और इसके लिए छह महीने का समय निर्धारित किया है। कोर्ट ने कहा कि - "विवाह की वैधता और पवित्रता को बनाए रखने के लिए नियम में संशोधन करने की आवश्यकता है।"  कोर्ट ने कहा कि - " सत्यापन योग्य विवाह पंजीकरण तंत्र विकसित करने की आवश्यकता है। "       यह आदेश न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर ने शनिदेव व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।  इलाहबाद हाई कोर्ट ने महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रधान सचिव को 2017 के विवाह पंजीकरण के नियम में संशोधन में कुछ सुझाव भी दिए हैं जो कि निम्नलिखित हैं 🌑  विवाह के लिए धार्मिक रीतिरिवाज, अनुष्ठान का खुलासा अनिवार्य किया जाए।  🌑 विवाह अधिकारियों को आपत्तियां उठाने, संदेह के आधार पर आवेदन अस्वीकार करने और रिकॉर्ड बनाए रखने का अधिकार दिया जाए।  🌑 फर्जी प्रमाण पत्रों ...

स्कैमर्स से बचना है तो ये लेख जरूर पढ़ें

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SMS सबके फोन पर आते हैँ, जिन्हें आप पढ़ते भी हैं और जिनके लिंक पर आप क्लिक भी करते है, किन्तु आज का समय साइबर ठगी का समय है. एक क्लिक आपका अकाउंट सेकंड्स मे खाली कर देता है. जिसे रोकने के लिए कभी गृह मंत्रालय E-ZERO एफ आई आर लेकर आ रहा है तो कभी दूरसंचार विभाग फाइनेंशियल फ़्रॉड रिस्क इण्डिकेटर ( एफ आर आई) लेकर आ रहा है. इसी क्रम में अब ट्राई लेकर आया है (एसपीजीटी-SPGT)  ➡️ बच सकते हैं स्कैम से- एसपीजीटी पर अगर आप ध्यान देंगे तो बच सकते हैं बड़े बड़े स्कैम से, जो कि अब आपके मोबाइल पर आने वाले हर SMS के पीछे लिखे ‘S’, ‘P’, ‘G’ या ‘T’ के रूप में दिखाई देने वाले हैं. हर SMS के पीछे दिखने वाले S, P, G या T कोड्स TRAI द्वारा शुरू की गई एक पहल है। इनका मतलब जानकर बच सकते हैं आप खुद और बचा सकते हैं अपने जानने वालों को स्कैम से. आप ध्यान दीजिये आजकल फोन पर आने वाले  हर SMS पर जिस के पीछे हमे 4 अक्षर देखने को मिल रहे हैं। S, P, G या फिर T के साथ आने वाले इन SMS पर शायद अभी तक आपका ध्यान नहीं गया है, तो आपको ध्यान देने की जरूरत है। वास्तव में ये शब्द मात्र शब्द नहीं हैं ये वे कोडस हैं जिनकी...

वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक या फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर' (एफआरआई)

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 साइबर धोखाधड़ी आज देश में लोगों में घबराहट के स्तर पर उतर आई है ऐसे में भारत की सरकार द्वारा भी लगातार इसे रोकने के और साइबर अपराधियों पर लगाम कसने उपाय किये जा रहे हैं. अब सरकार द्वारा इसके लिए 'फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर' (एफआरआई) टूल लॉन्च किया गया है, जो आपके मोबाइल पर स्पेम के रूप में आने वाले संदिग्ध मोबाइल नंबरों की पहचान करेगा, साथ ही बैंकों, यूपीआई और वित्तीय संस्थानों को अतिरिक्त सुरक्षा जांच में मदद करेगा. यह टूल साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म के जरिए जोखिम का स्तर बताता है. फोनपे  प्लेटफॉर्म द्वारा पहले ही इसका उपयोग शुरू कर दिया गया हैं, जिससे साइबर सुरक्षा को नई मजबूती मिली है साथ ही इस कदम द्वारा डिजिटल लेनदेन को सुरक्षित बनाया गया है. भारत सरकार द्वारा तेजी से बढ़ती जा रही लगभग डिजिटल होती जा रही भारतीय अर्थव्यवस्था की सुरक्षा के लिए एक सक्रिय कदम के रूप में, भारत सरकार का दूरसंचार विभाग (DoT) डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म (DIP) के तहत एक शक्तिशाली एनालिटिक्स टूल, वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक (FRI) के रूप में लेकर आया है इस प...

घरेलू हिंसा मामले हाई कोर्ट में रद्द -सुप्रीम कोर्ट

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घरेलू हिंसा मामले हाई कोर्ट में रद्द-सुप्रीम कोर्ट shalini kaushik law classes      सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में घरेलू हिंसा मामलों से जूझ रहे पीड़ितों के लिए फैसला सुनाया हैं कि घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 की धारा 12 के तहत दर्ज शिकायतों को हाईकोर्ट दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 482 ( अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 528) के अंतर्गत रद्द कर सकता है।  दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 482 जो कि अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 528 ( जो कि उच्च न्यायालय की अन्तर्निहित शक्तियों की व्यावृत्ति से संबंधित है)हो गई है, में कहा गया है कि- " इस संहिता की कोई बात उच्च न्यायालय की ऐसे आदेश देने की अन्तर्निहित शक्ति को सीमित या प्रभावित करने वाली न समझी जाएगी जैसे इस संहिता के अधीन किसी आदेश को प्रभावी करने के लिए या किसी न्यायालय की कार्यवाही का दुरुपयोग निवारित करने के लिए या किसी अन्य प्रकार से न्याय के उद्देश्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हो. निर्णय देते समय जस्टिस ए.एस. ओक और जस्टिस उज्जल भुयान की खंडपीठ ने कहा कि इस शक्ति का प्रयोग बहुत सावधान...