Every Advocate is lawyer but Lawyer only Lawyer
आप एक एडवोकेट (Advocate) तब बन सकते हैं जब आप लॉ की डिग्री पूरी करने के बाद, बार काउंसिल में रजिस्टर हो जाते है और आपको कोर्ट में केस लड़ने की अनुमति मिल जाती है. एडवोकेट, लॉयर से अलग होता है क्योंकि लॉयर सिर्फ कानूनी सलाह दे सकता है, जबकि एडवोकेट कोर्ट में केस लड़ सकता है और अपने क्लाइंट का प्रतिनिधित्व कर सकता है.
➡️ एडवोकेट बनने की प्रक्रिया:
1️⃣ एलएलबी की डिग्री:
सबसे पहले, किसी मान्यता प्राप्त लॉ कॉलेज से 3 या 5 साल की एलएलबी (बैचलर्स ऑफ लॉ) की डिग्री प्राप्त करना आवश्यक है.
2️⃣ बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन:
एलएलबी पूरी करने के बाद, आपको अपने राज्य की बार काउंसिल में रजिस्टर कराना होगा.
3️⃣. ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE):
पहले आपको लॉ की डिग्री प्राप्त करने के बाद केवल संबंधित राज्य की बार काउंसिल मे एनरोलमेंट कराना होता था किन्तु अब 2010 से बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के बाद, आपको रजिस्ट्रेशन के दो साल के अंदर ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE) भी पास करना होता है.
4️⃣. प्रेक्टिस का प्रमाण पत्र:(COP-certificate of practice)
2010 से पहले के अधिवक्ताओं को COP सर्टिफिकेट ऑफ़ प्रेक्टिस प्राप्त करने के लिए अब वेरिफिकेशन फॉर्म भरना होता है और 2010 के बाद के अधिवक्ताओं को AIBE पास करने के बाद डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होता है जिसे भरने के बाद संबंधित राज्य की बार काउंसिल आपको बार काउंसिल से एडवोकेट का प्रमाण पत्र (certificate) जारी करती है, जिसके बाद आप आधिकारिक तौर पर एडवोकेट बन जाते हैं और कोर्ट में प्रैक्टिस कर सकते हैं.
✒️ उदाहरण:
✒️ Advocate -यदि किसी व्यक्ति ने एलएलबी की डिग्री पूरी कर ली है और बार काउंसिल में रजिस्टर हो गया है, तो वह एडवोकेट बन जाता है और किसी अदालत में केस लड़ सकता है.
✒️ Lawyer - एक व्यक्ति जिसने एलएलबी की डिग्री पूरी कर ली है, लेकिन बार काउंसिल में रजिस्टर नहीं है, वह केवल कानूनी सलाह दे सकता है, लेकिन केस नहीं लड़ सकता है.
इसके साथ ही, आप यह भी जान लें कि बार काउंसिल जब एडवोकेट के रूप मे लॉयर का रजिस्ट्रेशन करती है या उसे प्रेक्टिस का प्रमाण पत्र प्रदान करती है तब वह उसे इनके नंबर भी जारी करती है जिसका पता संबंधित बार काउंसिल की आधिकारिक वेबसाइट से भी लगाया जा सकता है और ऐसे में जो लॉयर एडवोकेट के रूप में रजिस्टर्ड नहीं हैँ वे अपने नाम के आगे अगर एडवोकेट लिखते हैँ तो उन्हें संबंधित बार काउंसिल दण्डित भी कर सकती है. इसलिए आप अपने को जब तक एडवोकेट के रूप में रजिस्टर्ड नहीं हैँ तब तक केवल लॉयर ही लिखें, यदि आपको एडवोकेट बनना है और कोर्ट में मुव्वकिल की ओर से उपस्थित होना है तो निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार अपने राज्य की बार काउंसिल मे अपना रजिस्ट्रेशन कराएं और आधिकारिक रूप से स्वयं को एडवोकेट लिखें.
द्वारा
शालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली )
बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दी है आपने, बहुत बहुत आभारी हूं आपकी 🙏🙏
जवाब देंहटाएंप्रतिक्रिया हेतु हार्दिक धन्यवाद 🙏🙏
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जवाब देंहटाएंप्रतिक्रिया हेतु धन्यवाद 🙏🙏
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