मूल अधिकार-२
मूल अधिकारों के बारे में जानकारी होने से पहले हमारा यह जानना भी जरूरी है की ये अधिकार असीमित व् अप्रतिबंधित नहीं हैं.संविधान में इस बात का ध्यान रखा गया है की व्यक्ति को ऐसी स्वतंत्रता प्रदान न की जाये की समाज में अव्यवस्था व् अराजकता फ़ैल जाये.असीमित स्वतंत्रता एक ऐसा लाइसेंस हो जाती है जो दूसरों के अधिकारों में बाधा पहुंचती है.इन अधिकारों का प्रयोग व्यक्ति समाज में रहकर करता है और इसलिए इनपर ऐसी व्यवस्था होना आवश्यक है.अधिकारों के असीमित व् अनियमित प्रयोग से स्वयं स्वतंत्रताएं नष्ट हो जाएँगी.अतः आवश्यक है की व्यक्ति अपने अधिकारों के प्रयोग के साथ दूसरों के अधिकारों के प्रति आदर भी रखे.माननीय न्यायाधीश मुखर्जी ने ए.के.गोपालन बनाम मद्रास राज्य ए.आई.आर.१९५२ एस .सी.२७ के मामले में इस सम्बन्ध में अपने विचार प्रकट करते हुए लिखा''की ऐसी कोई चीज़ नहीं हो सकती जिसे हम पूर्ण और असीमित स्वतंत्रता कह सकें,जिस पर सभी प्रकार के अवरोध हटा लिए जाएँ क्योंकि इसका परिणाम अराजकता और अव्यवस्था होगी .नागरिकों के अधिकारों के प्रयोग पर देश और विदेश की सरकारें ऐसे युक्तियुक्त निर्बन्धन लगा सकती हैं जिसे वे समाज की सुरक्षा ,स्वास्थ्य .शांति-व्यवस्था एवं नैतिकता के लिए उचित समझें'' किन्तु जहाँ व्यक्ति के अधिकारों पर सामाजिक हित की द्रष्टि से निर्बन्धन लगाये जा सकते हैं वहीँ राज्य की सामाजिक नियंत्रण की शक्ति की भी उचित सीमा निर्धारित होनी चाहिए.ताकि राज्य अपनी शक्ति का दुरूपयोग करके नागरिकों के अधिकारों व् स्वतंत्रताओं का हनन न कर सके.सामन्यतया हर व्यक्ति अपनी मर्जी का व्यापार कर सकता है,देश में कहीं भी रह सकता है,जैसे चाहे जीवन यापन कर सकता है जिसे वह बिना दूसरों की रूकावट के विधिपूर्वक कर सकता है.दूसरी और राज्य भी इन अधिकारों की सुरक्षा के लिए युक्तियुक्त निर्बन्धन लगा सकता है.
जैसा की विदित है की मूल अधिकार आत्यंतिक अधिकार नहीं हैं इन पर युक्तियुक्त निर्बन्धन लगाये जा सकते है-
१-प्रतिरक्षा सेना के सदस्यों के सम्बन्ध में[अनु.३३]
२-जब सेना विधि लागू हो[अनु.३४]
३-संविधान में संशोधन द्वारा[अनु.३६८]
४-आपात उद्घोषणा के अधीन[अनु.३५२]
यह भी जान लेना चाहिए की ये अधिकार राज्य शक्ति के विरुद्ध गारंटी किये गए हैं न की सामान्य व्यक्तियों के अवैध कृत्यों के विरुद्ध क्योंकि उनके विरुद्ध साधारण विधि में अनेक उपचार उपलब्ध हैं.और राज्य शब्द में आते हैं-
१-भारत सरकार एवं संसद
२-राज्य सरकार एवं विधान मंडल
३-सभी स्थानीय प्राधिकारी
४-अन्य प्राधिकारी.
अगली पोस्ट में अधिकारों का विवरण लेकर आऊँगी...
bahut upyogi jankari..
जवाब देंहटाएंjankari se bhari sarthak post , badhai
जवाब देंहटाएंbhtrin jaankaari. akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंshalini ji mare blog par aane ke liye dhanyvad. janha tak maithili shabdon ki bat hain aap hmen un shabdon ki soochi bana kar de. to ham aapki shyata kar payenge. sath hi sath mujhe isme khushi bhi hogi.
जवाब देंहटाएंaapse ek aur agarh yadi aap transport law , cargo insurance aadi ke bare me likhti ho hon to mere doosre blog http://www.logtpt.blogspot.com/ par aayen. kisi prakar ki shayata keliye 09958469040 hain.
मोहतरमा/महोदया जी, इस बार आपने उपरोक्त पोस्ट में कौन-सा फॉण्ट लगाया है. आपकी उपरोक्त पोस्ट पढने में नहीं आ रही है और मेरे ब्लोगों को अपने ब्लॉग पर प्रदर्शित करने के लिए मेरी ओर से हार्दिक धन्यबाद स्वीकार कीजिये.
जवाब देंहटाएंshalini ji aaj aapke blog par aakar achchha laga.shubhkamna.
जवाब देंहटाएंशकुन्तला प्रेस कार्यालय के बाहर लगा एक फ्लेक्स बोर्ड देखे.......http://shakuntalapress.blogspot.com/2011/03/blog-post_14.html क्यों मैं "सिरफिरा" था, "सिरफिरा" हूँ और "सिरफिरा" रहूँगा! देखे.......... http://sach-ka-saamana.blogspot.com/2011/03/blog-post_14.html
जवाब देंहटाएंआप सभी पाठकों और दोस्तों से हमारी विनम्र अनुरोध के साथ ही इच्छा हैं कि-अगर आपको समय मिले तो कृपया करके मेरे (http://sirfiraa.blogspot.com , http://rksirfiraa.blogspot.com , http://shakuntalapress.blogspot.com , http://mubarakbad.blogspot.com , http://aapkomubarakho.blogspot.com , http://aap-ki-shayari.blogspot.com , http://sachchadost.blogspot.com, http://sach-ka-saamana.blogspot.com , http://corruption-fighters.blogspot.com ) ब्लोगों का भी अवलोकन करें और अपने बहूमूल्य सुझाव व शिकायतें अवश्य भेजकर मेरा मार्गदर्शन करें. आप हमारी या हमारे ब्लोगों की आलोचनात्मक टिप्पणी करके हमारा मार्गदर्शन करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे.हम आपकी आलोचनात्मक टिप्पणी का दिल की गहराईयों से स्वागत करने के साथ ही प्रकाशित करने का आपसे वादा करते हैं # निष्पक्ष, निडर, अपराध विरोधी व आजाद विचारधारा वाला प्रकाशक, मुद्रक, संपादक, स्वतंत्र पत्रकार, कवि व लेखक रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" फ़ोन:9868262751, 9910350461
दोस्तों! अच्छा मत मानो कल होली है.आप सभी पाठकों/ब्लागरों को रंगों की फुहार, रंगों का त्यौहार ! भाईचारे का प्रतीक होली की शकुन्तला प्रेस ऑफ़ इंडिया प्रकाशन परिवार की ओर से हार्दिक शुभमानाओं के साथ ही बहुत-बहुत बधाई!
जवाब देंहटाएंआप सभी पाठकों और दोस्तों से हमारी विनम्र अनुरोध के साथ ही इच्छा हैं कि-अगर आपको समय मिले तो कृपया करके मेरे (http://sirfiraa.blogspot.com , http://rksirfiraa.blogspot.com , http://shakuntalapress.blogspot.com , http://mubarakbad.blogspot.com , http://aapkomubarakho.blogspot.com , http://aap-ki-shayari.blogspot.com , http://sachchadost.blogspot.com, http://sach-ka-saamana.blogspot.com , http://corruption-fighters.blogspot.com ) ब्लोगों का भी अवलोकन करें और अपने बहूमूल्य सुझाव व शिकायतें अवश्य भेजकर मेरा मार्गदर्शन करें. आप हमारी या हमारे ब्लोगों की आलोचनात्मक टिप्पणी करके हमारा मार्गदर्शन करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे.हम आपकी आलोचनात्मक टिप्पणी का दिल की गहराईयों से स्वागत करने के साथ ही प्रकाशित करने का आपसे वादा करते हैं
आप को सपरिवार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं.
जवाब देंहटाएंसादर
क़ानूनी ज्ञान की अच्छी जानकारी के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंअविनाश वाचस्पति जी की पोस्ट से आपके ब्लॉग पर आना हुआ.मै भी कानून में रूचि रखता हूँ.
मेरे ब्लॉग 'मनसा वाचा कर्मणा'पर आपका स्वागत है.
बहुत ही सुन्दर कहा अपने बहुत सी अच्छे लगे आपके विचार
जवाब देंहटाएंफुर्सत मिले तो अप्प मेरे ब्लॉग पे भी पधारिये
बहुत ही सुन्दर कहा अपने बहुत सी अच्छे लगे आपके विचार
जवाब देंहटाएंफुर्सत मिले तो अप्प मेरे ब्लॉग पे भी पधारिये