अविवाहित बेटी का भरण-पोषण अधिकार
अविवाहित बेटी का भरण-पोषण अधिकार दंड प्रक्रिया सहिंता १९७३ की धारा १२५ [१] के अनुसार ''यदि पर्याप्त साधनों वाला कोई व्यक्ति - ............................................................................................................................................... [ग] -अपने धर्मज या अधर्मज संतान का [जो विवाहित पुत्री नहीं है ],जिसने वयस्कता प्राप्त कर ली है ,जहाँ ऐसी संतान किसी शारीरिक या मानसिक असामान्यता या क्षति के कारण अपना भरण -पोषण करने में असमर्थ है ,.......... ........................................................................................................................................................ भरण पोषण करने की उपेक्षा करता है या भरण पोषण करने से इंकार करता है तो प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ,ऐसी उपेक्षा या इंकार साबित होने पर ,ऐसे व्यक्ति को ये निर्देश दे सकेगा कि वह अपनी ऐसी संतान को ऐसी मासिक दर पर जिसे मजिस्ट्रेट उचित समझे भरण पोषण मासिक भत्ता दे . और इसी कानून का अनुसरण करते हुए मुंबई हाई क...