धारा ५०६ भारतीय दंड संहिता में दंडनीय है ये धमकी

मोदी लहर में  ''हवा में उड़ता जाये मेरा लाल दुपट्टा  मलमल का '' की तर्ज़ पर लहराती इठलाती भाजपा ''यहाँ के हम सिकंदर ,चाहें तो रखें सबको अपनी जेब के अंदर ''गाने में मस्त थी की एकाएक लहर ने दिशा पलट दी ,फूलों के झौंके पत्थरों के टुकड़ों समान हो गए और भ्रम में डूबे भाजपाइयों के हंसगुल्लों की चाशनी इतनी मीठी हो गयी कि मुंह कड़वा करने लगी ऐसा हुआ तब जब भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार श्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव आयोग द्वारा अनिवार्य किये जाने पर बाध्य होकर अपनी वास्तविक स्थिति ,जो वैवाहिक की थी को नामांकन पत्र में भरा  ,उस वैवाहिक स्थिति को जिसे वे अपने चार विधानसभा चुनावों में नकारते आ रहे थे और जिसका खुलासा कॉंग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह जी ने किया नहीं तो संभव था कि वे अब भी चुनाव आयोग के निर्देश को दरकिनार कर स्वयं को अविवाहित दिखा देते क्योंकि चुनाव आयोग की उनके सामने क्या प्रास्थिति है सब जानते हैं और ऐसा वे और भाजपा इस बार ७ अप्रैल को अपना घोषणापत्र जारी कर दिखा चुके हैं .
अब जब प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के नशे में झूमते मोदी जी द्वारा स्वयं को श्रेष्ठ ,काबिल ,ईमानदार और हर तरह से इस कुर्सी का सशक्त दावेदार दिखाया जाता है तो विरोधी पार्टी द्वारा हमले स्वाभाविक हैं और कॉंग्रेस द्वारा तो निश्चित क्योंकि इस बार मोदी न देश बनाने का मुद्दा साथ लेकर चल रहे हैं और न ही भ्रष्टाचार मिटाने का, केवल एक ही लक्ष्य उनकी जुबां पर है और वह है ''कॉंग्रेस का खात्मा ''और ऐसे में कॉंग्रेस  उन्हें कैसे छोड़ सकती है ?कॉंग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इसकी कमान संभाली और कह दिया  -
{“I don't know how many elections the Gujarat CM has fought, but first time he has written his wife's name on the affidavit,” Rahul Gandhi said while addressing a rally in Doda in Jammu & Kashmir.
The young Congress leader went on to say, “In Delhi, on posters talk is of giving respect to women, but in the affidavit there was no mention of wife till this time.” }

क्या गलत कहा उन्होंने ?एक कॉंग्रेसी या भाजपाई के दृष्टिकोण से इतर देखते हुए अगर सोचा जाये तो एक एक बात सत्य व् सार्थक है उनकी ,मोदी की तरह सभ्यता की चाशनी में डूबे पोटेशियम साइनाइड की तरह नहीं और बौखला गयी भाजपा और आ गयी खुलेआम धमकी पर जिसे चुनाव आयोग जिसपर चुनावों के निर्देशन ,नियंत्रण व् अधीक्षण की ज़िम्मेदारी है स्वयं नहीं देखेगा ,देखेगा तब जब उससे शिकायत की जाएगी और शिकायत की वजह है भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद की खुलेआम धमकी जो कि उन्होंने अपनी बौखलाई हुई मुखमुद्रा में कुछ यूँ दी है -

{However, the BJP has reacted angrily to Congress leaders making personal attacks on its prime ministerial candidate and threatened to raise issues related to the Gandhi family.
“If Rahul Gandhi is raising personal issues of Modi ji's life, we can pick up loads of Gandhi family issues, which we don't,” Ravi Shankar Prasad of BJP said. }

भाजपा जनहित की बात करती है और अगर गांधी /नेहरू परिवार के ये मुद्दे जनता को जानने ज़रूरी हैं तो उन्हें अब तक जनता को क्यूँ नहीं बताया और जनता का इनसे कोई सरोकार नहीं है फिर मात्र गांधी /नेहरू परिवार को बदनाम करने का डर दिखाकर उन्हें चुप रहने के लिए कहना क्या वे स्वयं नहीं जानते कि ये क्या है -
धारा ५०३ भारतीय दंड संहिता कहती है -जो कोई किसी अन्य व्यक्ति के शरीर ,ख्याति या संपत्ति को ,या किसी ऐसे व्यक्ति के शरीर या ख्याति को जिससे कि वह व्यक्ति हितबद्ध हो ,कोई क्षति करने की धमकी उस अन्य व्यक्ति को इस आशय से देता है कि उसे संत्रास कारित किया जाये  ,या उससे ऐसी धमकी के निष्पादन का परिवर्जन करने के साधन स्वरुप कोई ऐसा कार्य कराया जाये ,जिसे करने के लिए वह वैध रूप से आबद्ध न हो ,या किसी ऐसे कार्य करने का लोप कराया जाये ,जिसे करने के लिए वह वैध रूप से हक़दार हो ,वह ''आपराधिक अभित्रास'' करता है  .
स्पष्टीकरण-किसी ऐसे मृत व्यक्ति की ख्याति को क्षति करने की धमकी ,जिससे वह व्यक्ति ,जिसे धमकी दी गयी है ,हितबद्ध हो ,इस धारा के अंतर्गत आता है .
धारा ५०६ -जो कोई आपराधिक अभित्रास का अपराध करेगा वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से ,जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी ,या जुर्माने से ,या दोनों से दण्डित किया जायेगा .
तथा यदि धमकी मृत्यु या घोर उपहति कारित करने की या अग्नि द्वारा किसी संपत्ति का नाश कारित करने की या मृत्युदंड से या आजीवन कारावास से या सात वर्ष की अवधि तक के कारावास से दंडनीय अपराध कारित करने की ,ये किसी स्त्री पर असतीत्व का लांछन लगाने की हो ,तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से ,जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी ,या जुर्माने से ,या दोनों से दण्डित किया जायेगा .
अब ये चुनाव आयोग को देखना है कि भाजपा के रविशंकर प्रसाद की इस बौखलाहट को तवज्जो दी जाये या इस देश के कानून को .भारतीय राजनीति का स्तर गिर रहा है अब राजनीतिज्ञ टिप्पणियों से कानून के खुलेआम उल्लंघन पर आ गए हैं और ऐसे में भारतीय लोकतंत्र की गरिमा को बनाये रखना ज़्यादा ज़रूरी है और ऐसे में रविशंकर प्रसाद पर उनके द्वारा इस तरह के कथनों के इस्तेमाल पर त्वरित कार्यवाही होनी ही चाहिए क्योंकि भारतीय संविधान अभिवयक्ति की स्वतंत्रता देता है आपराधिक अभित्रास या ब्लैकमेलिंग की नहीं .
शालिनी कौशिक
[कानूनी ज्ञान ]

टिप्पणियाँ

  1. न जाने कितनी ऐसी धमकियाँ ये पार्टी और नेता आये दिन देते है ,सब पर ही इस धरा के अंतर्गत कार्यवाही करनी होगी चुनाव बाद इन का कुछ नहीं बिगड़ना है आप भी लगता है किसी दल विशेष से जुड़े है अन्यथा इतने आहत न होते

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मृतक का आश्रित :अनुकम्पा नियुक्ति

वसीयत और मरणोपरांत वसीयत

अधिवक्ता संशोधन अधिनियम 30 सितंबर से लागू