मानवाधिकार व् कानून :क्या अपराधियों के लिए ही बने हैं ?
मानवाधिकार व् कानून :क्या अपराधियों के लिए ही बने हैं ? Updated on: Tue, 29 Jan 2013 02:28 PM (IST) ।[दैनिक जागरण से साभार ] आज सारा विश्व मानवाधिकार की राह पर चल रहा है और समस्त विश्व का फौजदारी कानून सबूतों से अपराध साबित होने की राह पर ,भले ही जिन्हें मानव अधिकार दिए जा रहे हैं वे उन्हें पाने के अधिकारी हों या न हों ,भले ही वे सबूत कैसे भी जुटाएं जाएँ इस पर ध्यान देने की कोई ज़रुरत कहीं दिखाई ही नहीं दे रही .दोनों ही स्थितियों का फायदा जितना अपराध करने वाले उठा रहे हैं उतना कोई नहीं .कसाब को फांसी दी जाती है तो किसी को ये याद नहीं रहता कि इस दरिन्दे ने किस दुर्दांत घटनाक्रम को अंजाम दिया था ?कितने लोगों को मौत के घाट उतारा था ?सभी की जुबान पर ''फांसी की जल्दबाजी ''ही सवाल बन जाती है और मानवीय अधिकार इस कदर हिलोरे मारते हैं कि एक बरगी सरकार का यह कार्य गैर कानूनी लगने लगता है . सबूत के सही होने पर हम सभी सवाल उठा सकते हैं और उन्हें स्वीकारने वाले कानून पर भी .अपराधी अपराध करता है और उसी समय अपने को कहीं और दिखा देता...