हेल्पलाइन श्रृंखला -7-साइबर स्टॉकिंग - एक अपराध
हमारी एक पिछली पोस्ट में आपने जाना कि आप हेल्पलाइन नंबर 1090 पर अन्य केसेस के साथ साथ निम्न केसेस को लेकर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं -
"*शिकायत दर्ज करने के लिए, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक संदेश मिलने, साइबर स्टॉकिंग, साइबर बुलिंग, मोबाइल पर अश्लील कॉल या मैसेज आने, या फिर घर और बाहर कहीं भी छेड़खानी, हिंसा, और यौन उत्पीड़न की शिकायत की जा सकती है."
साइबर बुलिंग के बारे में हम आपको पहले ही बता चुके हैं, एक बार और जानने के लिए आप देखिए हमारे ब्लॉग की पोस्ट साइबर बुलिंग के बारे में, आज हम आपको बताने जा रहे हैं साइबर स्टॉकिंग के बारे में , साथ ही सम्पूर्ण जानकारी के लिए "गूगल" का हार्दिक धन्यवाद 🙏
➡️साइबर स्टॉकिंग का मतलब -
किसी व्यक्ति को इंटरनेट या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से परेशान करना या पीछा करना. इसमें धमकी, बदनामी, मानहानि, झूठे आरोप, निगरानी, पहचान की चोरी, और ब्लैकमेल जैसी चीज़ें शामिल हो सकती हैं.
➡️साइबर स्टॉकिंग के कुछ उदाहरण:
*किसी व्यक्ति को बार-बार संदेश भेजना, जिसमें नुकसान पहुंचाने या डराने-धमकाने की धमकी हो
*किसी व्यक्ति को जान-बूझकर समूह संदेशों, ऑनलाइन ऐप्स, गेमिंग साइटों, और अन्य ऑनलाइन सहभागिता से बाहर रखना
*किसी व्यक्ति के इंटरनेट, ईमेल, या किसी अन्य प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक संचार पर नज़र रखना
➡️साइबर स्टॉकिंग से बचने के लिए ये कदम उठाए जा सकते हैं:
*अपने संचार को एन्क्रिप्ट करें
*स्पाइवेयर का पता लगाकर और उसे हटाएं
*अपने डिवाइस को हैकर्स से सुरक्षित रखें
*अगर कोई व्यक्ति आपको परेशान कर रहा है, तो उससे रुकने के लिए कहें
*अगर कोई व्यक्ति आपको परेशान कर रहा है, तो इसकी शिकायत करें
➡️भारतीय न्याय संहिता 2023 में साइबर स्टॉकिंग है अपराध
साल 2013 में संशोधन अधिनियम द्वारा IPC की धारा 354 D को लाया गया था. यह धारा साइबर स्टॉकिंग से जुड़े मामलों से निपटने में मदद करती है. आईपीसी की धारा 354 D अब नई संहिता भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 78 हो गई है जिसमें बताया गया है कि -
➡️78. पीछा करना.- (1) ऐसा कोई पुरुष, जो-
(i) किसी महिला का उससे व्यक्तिगत अन्योन्यक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए, उस महिला द्वारा स्पष्ट रूप से अनिच्छा उपदर्शित किए जाने के बावजूद, बारंबार पीछा करता है और संस्पर्श करता है या संस्पर्श करने का प्रयत्न करता है; या
(ii) जो कोई किसी महिला द्वारा इंटरनेट, ई-मेल या किसी अन्य प्ररूप की इलैक्ट्रानिक संसूचना का प्रयोग किए जाने को मानीटर करता है,
पीछा करने का अपराध करता है:
परन्तु ऐसा आचरण पीछा करने की कोटि में नहीं आएगा, यदि वह पुरुष, जो ऐसा करता है, यह साबित कर देता है कि-
(i) ऐसा कार्य अपराध के निवारण या पता लगाने के प्रयोजन के लिए किया गया था और पीछा करने के अभियुक्त पुरुष को राज्य द्वारा उस अपराध के निवारण और पता लगाने का उत्तरदायित्व सौंपा गया था; या
(ii) ऐसा किसी विधि के अधीन या किसी विधि के अधीन किसी व्यक्ति द्वारा अधिरोपित किसी शर्त या अपेक्षा का पालन करने के लिए किया गया थाः या
iii) विशिष्ट परिस्थितियों में ऐसा आचरण युक्तियुक्त और न्यायोचित था।
(2) जो कोई पीछा करने का अपराध करेगा, वह प्रथम दोषसिद्धि पर दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा; और किसी द्वितीय एवं पश्चातवर्ती दोषसिद्धि पर किसी भी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी दण्डित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा।
इस तरह साइबर स्टॉकिंग भी एक अपराध है जिसे भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 78 द्वारा भी अपराध घोषित किया गया है. समझिए, जागरूक रहिए और अपराध या अपराधियों से डरिये नहीं, कानून की मदद से उनका सामना कीजिए.
प्रस्तुति
शालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली)
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें