वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक या फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर' (एफआरआई)


 साइबर धोखाधड़ी आज देश में लोगों में घबराहट के स्तर पर उतर आई है ऐसे में भारत की सरकार द्वारा भी लगातार इसे रोकने के और साइबर अपराधियों पर लगाम कसने उपाय किये जा रहे हैं. अब सरकार द्वारा इसके लिए 'फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर' (एफआरआई) टूल लॉन्च किया गया है, जो आपके मोबाइल पर स्पेम के रूप में आने वाले संदिग्ध मोबाइल नंबरों की पहचान करेगा, साथ ही बैंकों, यूपीआई और वित्तीय संस्थानों को अतिरिक्त सुरक्षा जांच में मदद करेगा. यह टूल साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म के जरिए जोखिम का स्तर बताता है. फोनपे  प्लेटफॉर्म द्वारा पहले ही इसका उपयोग शुरू कर दिया गया हैं, जिससे साइबर सुरक्षा को नई मजबूती मिली है साथ ही इस कदम द्वारा डिजिटल लेनदेन को सुरक्षित बनाया गया है.

भारत सरकार द्वारा तेजी से बढ़ती जा रही लगभग डिजिटल होती जा रही भारतीय अर्थव्यवस्था की सुरक्षा के लिए एक सक्रिय कदम के रूप में, भारत सरकार का दूरसंचार विभाग (DoT) डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म (DIP) के तहत एक शक्तिशाली एनालिटिक्स टूल, वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक (FRI) के रूप में लेकर आया है इस पहल से भविष्य में आपके साथ होने जा रही वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े मोबाइल नंबरों की पहचान की जाएगी और उन्हें ब्लॉक कर आपको साइबर धोखाधड़ी से सुरक्षित रूप से बचाया जायेगा, इस तरह साइबर सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा और बैंकों और UPI प्लेटफ़ॉर्म जैसी संस्थाओं को धोखाधड़ी वाले लेनदेन को रोकने में मदद मिलेगी.

दूरसंचार विभाग द्वारा 21 मई 2025 को FRI टूल अर्थात फाइनेंशियल फ़्रॉड रिस्क इण्डिकेटर टूल को औपचारिक रूप से वित्तीय संस्थाओं द्वारा लेनदेन को सुरक्षित रखने के लिए इस दौरान की जा रही साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए लॉन्च किया गया है। यह कदम दूरसंचार विभाग द्वारा डिजिटल लेन-देन, खासकर UPI से जुड़े मोबाइल नंबरों के माध्यम से होने वाले साइबर अपराधों में वृद्धि के बाद उठाया गया है। इसका उद्देश्य तुरंत साइबर फ्रॉड की पहचान और रोकथाम सुनिश्चित करना है।

➡️ क्या है FRI :-

फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर (FRI) एक जोखिम-आधारित मीट्रिक है जो साइबर अपराध में इस्तेमाल किये जा रहे मोबाइल नंबरों को निम्न श्रेणियों में वर्गीकृत करता है:

1️⃣ मध्यम जोखिम (Medium Risk)

2️⃣ उच्च जोखिम (High Risk)

3️⃣ अत्यंत उच्च जोखिम (Very High Risk)

🌑 यह वर्गीकरण साइबर क्राइम की पहचान और रोकथाम में लगे हुए विभिन्न स्रोतों से मिले इनपुट पर आधारित है:-

1️⃣ नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP)

2️⃣ DoT का चक्षु प्लेटफॉर्म

3️⃣ बैंक और वित्तीय संस्थान

  दूरसंचार विभाग द्वारा लॉन्च किये गए FRI टूल द्वारा अब साइबर धोखाधड़ी वाली गतिविधियों की पहचान कर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर रोकथाम की एक कारगर पहल की उम्मीद की जा सकती है.

➡️ क्या करने जा रहा है FRI:-

🌑 सबसे पहले पूर्व-चिन्हित मोबाइल नंबरों के माध्यम से होने वाले साइबर धोखाधड़ी को रोकेगा.

🌑 संबंधित पक्षों के लिए अलर्ट सिस्टम को सक्षम करेगा.

🌑 डिजिटल लेन-देन में मजबूत सत्यापन प्रणाली के माध्यम से सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.

🌑 संदिग्ध नंबरों पर सख्त नजर रखेगा.

🌑 एफआरआई टूल किसी मोबाइल नंबर को धोखाधड़ी के लिए संदिग्ध पाए जाने पर उसे आईडेंटिफाई करता है. ऐसे नंबर से डिजिटल पेमेंट कराये जाने के प्रयास पर यह सिस्टम अतिरिक्त सुरक्षा जांच और वेरिफिकेशन लागू करेगी.

➡️ FRI के कार्य करने का तरीका-

 फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर'(एफआरआई)डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (DIU) द्वारा उन मोबाइल नंबरों को चिन्हित करेगा जो साइबर धोखाधड़ी में शामिल हो सकते हैं।

➡️ साइबर धोखाधड़ी में संलिप्त नंबर साझा किए जायेंगे-

1️⃣ बैंकों द्वारा

2️⃣ UPI सेवा प्रदाताओं द्वारा

 🌑 एनबीएफसी (NBFC) और अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ लेनदेन में ये संदिग्ध मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट (MNRL) में दर्ज किए जाते हैं।

🌑 UPI भुगतान से पहले वास्तविक समय में बैकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा अलर्ट भेजे जाते हैं ताकि उनका सत्यापन हो सके.

➡️ फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर' (एफआरआई) लेगा तुरंत प्रभावी एक्शन-

एफआरआई दूरसंचार और वित्तीय क्षेत्रों में संदिग्ध गतिविधियों के खिलाफ तेजी से लक्षित कार्रवाई को सक्षम बनाता है. यह डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (डीआईपी) के मल्टी-डाइमेंशन एनालिसिस पर आधारित है.

➡️ FRI से बैंकों और यूपीआई को मिलेगी ताकत-

एफआरआई बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और यूपीआई सेवा प्रदाताओं को उच्च जोखिम वाले नंबरों के खिलाफ अतिरिक्त सुरक्षा उपाय लागू करने में सशक्त बनाएगा.

➡️  FRI द्वारा त्वरित कार्रवाई से साइबर धोखाधड़ी पर कड़ा प्रहार-

साइबर धोखाधड़ी में शामिल नंबर अक्सर कुछ दिनों तक ही सक्रिय रहते हैं. एफआरआई का रिस्क इण्डिकेटर त्वरित कार्रवाई में मदद करेगा, जिससे पूर्ण सत्यापन में लगने वाली देरी कम होगी और साइबर अपराधियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई हो सकेगी.

➡️ FRI को अपनाने में उद्योग आगे:-

1️⃣ सबसे पहले फ़ोनपे-

डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म फोनपे आज डिजिटल पेमेंट में एक विश्वसनीय नाम है उसने सबसे पहले एफआरआई को अपनाकर हाइएस्ट रिस्क वाले नंबरों से लेनदेन को नकारना शुरू कर दिया है. इससे साइबर सुरक्षा में एक नया मानक स्थापित हो रहा है. फोन पे FRI द्वारा उच्च जोखिम वाले नंबरों से लेन-देन को "PhonePe Protect" के माध्यम से अस्वीकार कर रहा है और मध्यम जोखिम के मामलों में उपयोगकर्ता को अलर्ट जारी कर रहा है.

2️⃣ Paytm और Google pay भी साथ आये:-

 Paytm और Google pay डिजिटल इंटेलिजेन्स यूनिट द्वारा चिन्हित नंबरों पर लेन-देन में देरी और चेतावनी प्रणाली को लागू कर रहे हैं।

3️⃣ बैंकः

 DIP अलर्ट का उपयोग करके संदेहास्पद लेन-देन को रोक रहे हैं।

 ➡️ साइबर धोखाधड़ी रोकने में FRI पहल का महत्वः-

आज UPI भारत का डिजिटल रूप से प्रमुख भुगतान माध्यम बन चुका है; ऐसे में मोबाइल नंबरों के माध्यम से वित्तीय धोखाधड़ी बहुत तेजी से बढ़ रही है जिससे डिजिटल भुगतान करने वालों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. दूरसंचार विभाग द्वारा लॉन्च किया गया यह टूल जिसे वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक या फाइनेंशियल फ़्रॉड रिस्क इण्डिकेटर कहा जा रहा है यह भारतीयों को भारी वित्तीय नुकसान से बचा सकता है।

 FRI टूल टेलीकॉम और वित्तीय क्षेत्र के बीच समन्वित और लक्षित प्रतिक्रिया को बढ़ावा देने के साथ साथ डिजिटल लेन-देन को सुरक्षा देगा, डिजिटल भुगतान करने में लोगों की विश्वसनीयता बढ़ाएगा. अपने द्वारा इतने मजबूत कदम उठाकर भारत की सरकार ने इतना सन्देश तो साइबर अपराधियों को दे ही दिया है कि अब साइबर अपराधियों का अंत नजदीक है.

(महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने के लिए प्रभात खबर और Adda 247 करेंट अफेयर्स का हार्दिक धन्यवाद 🙏🙏)



द्वारा 

शालिनी कौशिक 

एडवोकेट

 कैराना (शामली)


टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मृतक का आश्रित :अनुकम्पा नियुक्ति

rashtriya vidhik sewa pradhikaran

यह संविदा असम्यक असर से उत्प्रेरित