सुप्रीम कोर्ट में पत्र

 


सुप्रीम कोर्ट में अपनी समस्या पत्र के माध्यम से भेजने के लिए, आप सीधे भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) या सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री को पत्र लिख सकते हैं। इसे "रिट याचिका" (writ petition) नहीं, बल्कि एक सामान्य पत्र या जनहित याचिका (PIL) के रूप में माना जा सकता है यदि यह व्यापक सार्वजनिक हित का मामला है। 

पत्र भेजने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:
1. पत्र का प्रारूप (Format of the Letter)
  • भाषा: पत्र हिंदी या अंग्रेजी में लिखा जा सकता है।
  • शीर्षक: पत्र के शीर्ष पर स्पष्ट रूप से लिखें "भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र" या "सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री को पत्र"।
  • विवरण: अपनी समस्या को स्पष्ट, संक्षिप्त और सटीक रूप से लिखें। अनावश्यक विवरण से बचें।
  • अनुरोध: स्पष्ट रूप से बताएं कि आप सुप्रीम कोर्ट से क्या कार्रवाई चाहते हैं।
  • दस्तावेज: अपनी समस्या से संबंधित किसी भी प्रासंगिक दस्तावेज़ की प्रतियां संलग्न करें (मूल दस्तावेज़ न भेजें)।
2. पता (Address)
पत्र को निम्नलिखित पते पर भेजें:
माननीय मुख्य न्यायाधीश,
भारत का सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court of India),
तिलक मार्ग (Tilak Marg),
नई दिल्ली (New Delhi) - 110001
3. मुख्य बातें (Key Points)
  • जनहित याचिका (PIL): यदि आपकी समस्या किसी व्यापक सार्वजनिक मुद्दे से संबंधित है, तो इसे जनहित याचिका माना जा सकता है। व्यक्तिगत विवादों को आमतौर पर पत्र के माध्यम से सीधे स्वीकार नहीं किया जाता है और इसके लिए उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है।
  • पंजीकृत डाक (Registered Post): पत्र को पंजीकृत डाक या स्पीड पोस्ट से भेजें ताकि आपके पास भेजने का रिकॉर्ड रहे।
  • कानूनी सलाह: यह प्रक्रिया कानूनी सलाह या औपचारिक याचिका का विकल्प नहीं है। गंभीर कानूनी मामलों के लिए, एक वकील से परामर्श करना सबसे अच्छा रहेगा।
  • प्रक्रिया: सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री पत्रों की जांच करती है और यदि मामला गंभीर और जनहित का पाया जाता है, तो उसे मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखा जाता है, जो आगे की कार्रवाई का निर्णय लेते हैं। सभी पत्रों पर कार्रवाई हो, यह ज़रूरी नहीं है। 
आप सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर या सुप्रीम कोर्ट की संपर्क जानकारी पर विवरण देखकर भी अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
प्रस्तुति 
शालिनी कौशिक 
एडवोकेट 
कैराना (शामली )

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