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बाबा रामदेव समझें कानूनी और गैरकानूनी में अंतर

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बाबा रामदेव कहते हैं कि मैं कोई गैरकानूनी काम नहीं करता .तो ये क्या है या वे भारतीय दंड सहिंता को नहीं जानते - Ramdev dubs Rahul Gandhi as social media 'Pappu'   ET 15 Sep 2013, 03:13 IST ...Yoga guru Baba Ramdev on Saturday ridiculed Congress party national vice-president Rahul Gandhi calling him 'foolish' and a social media boy. He was addressing a voters' awareness programme at Badnawar in Dhar district on Saturday. "Rahul Gandhi Bhondu aur... Ranchi:   After the Ramlila crackdown in 2011, Baba Ramdev has not left any opportunity to take revenge from the Congress Party, and the coming general elections would be no different. Baba has vowed to uproot the Congress government from power in 2014, and he would go to any length to achieve his goal. Severely critisising Prime Minister  Manmohan Singh and UPA Chairperson  Sonia Gandhi , he said that the latter has hijacked all the power of the executive. “ Sonia Gandhi   has such a clout that country’s Pre...

ए.पी.सिंह का वकालत का रजिस्ट्रेशन निरस्त करे बार कौंसिल

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Ranjana Kumari   ‏ @ ranjanakumari 23m Bar Council notice to defense Lawyer of the Rapists and murderers of Gang Rape. Similar Notice should be given to senior lawyer of Fraudman   Retweeted by   shalini kaushik Expand अभी अभी रंजना कुमारी जी की ये ट्वीट पढ़ी और सच कहूं तो बहुत अच्छा लगा कि बार कौंसिल ने ए.पी.सिंह के खिलाफ एक सही कदम उठाया .आज बहुत से वकील अपनी सीमा को पार कर रहे हैं क्योंकि उनके मन में वकील बनने की चाहत पैदा होने का एक सबसे बड़ा कारण आज ये है कि इससे अपने हाथ में अथॉरिटी अर्थात अधिकारिता आती है बार कौंसिल का ये कदम सही है क्योंकि बार कौंसिल वकीलों की सर्वोच्च संस्था है और वकीलों पर नियंत्रण का कार्य यही संस्था कर सकती है और करती भी है . अधिवक्ता ए.पी. सिंह इस मामले में अपनी हार को पचा नहीं पा रहे हैं और दामिनी मामले को एक अलग ही मोड़ देने की चेष्टा कर रहे हैं .जहाँ तक दामिनी मामले का सवाल है वहां तक तो उनकी बात कहीं से लेकर कहीं तक भी सही नहीं बैठती किन्तु यदि कोई लड़की विवाह पूर्व सम्बन्ध रखती भी  है और रात को देर से घर लौटती भी है तो कोई का...

जानिए वकील का अपराध -दामिनी गैंगरेप केस

अभी हाल में ही भारतीय नारी ब्लॉग पर मैंने इंजीनियर प्रदीप साहनी जी की एक पोस्ट देखी जिसमे वे दामिनी मामले को लेकर अत्यधिक भावुक हो गए और गुनाह साबित होने पर वकीलों के लिए भी सजा की बात कर गए .पहले देखिये उनकी पोस्ट- [ वकीलों से सवाल अगर गुनहगार का साथ देना भी गुनाह है तो गुनाह साबित हो जाने पर वकीलों को सजा देने का प्रावधान क्यों नहीं है, जो सबकुछ जानते हुए भी अपने मुवक्किल को बेगुनाह बताता है और गुनाह साबित हो जाने पर तरह तरह के बहाने बनाके सजा न देने की भीख माँगता है । अगर ये उनके प्रोफेशन का हिस्सा है तो ये कैसा प्रोफेशन है-चंद फीस के लिए गुनाह का साथ दो ? क्या ज़मीर नाम की जो चीज़ होती है वो वकीलों के लिए नहीं है ? उनका दिल ये कैसे गवाही देता है कि सबकुछ जानते हुए भी वो अंतिम समय तक गुनहगार को बचाने का प्रयास करते रहते हैं ? आप भी सोचे ? अपराध दिन ब दिन इतना बढ़ता क्यों जा रहा है क्योंकि कानून को लेके किसी के मन में कुछ भय नहीं है | सब सोचते हैं कि कुछ भी कर लो, अगर पकड़े गए तो पैसों के दम पे अच्छा से अच्छा वकील रख लो; वो कानून को तोड़-मरोड़ कर, झूठ को सही साबित करके बचा ही ...

अपराध के रूप महत्वपूर्ण -अपराधी की उम्र नहीं

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http://en.wikipedia.org/wiki/2012_Delhi_gang_rape_case  अपराध के रूप महत्वपूर्ण -अपराधी की उम्र नहीं  संविधान का अनुच्छेद २१ कहता है कि     '' किसी व्यक्ति को उसके प्राण या दैहिक स्वतंत्रता से विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही वंचित किया जायेगा अन्यथा नहीं .''    और इस तरह प्राण का अधिकार एक मूल मानवाधिकार है और चैयरमेन रेलवे बोर्ड बनाम चंद्रिमा दास [२०००] २ एस.सी.सी .४६५ में उच्चतम न्यायालय ने भी माना कि अनुच्छेद २१ में प्रतिष्ठापित ''प्राण ''के अधिकार में मानव गरिमा के साथ जीवित रहने का अधिकार सम्मिलित है और यदि किसी स्त्री के साथ बलात्संग किया जाता है तो वह उसके अधिकार का उल्लंघन करता है .    इसी तरह भारतीय दंड सहिंता की धारा ८३ कहती है कि -  '' कोई बात अपराध नहीं है जो सात वर्ष से ऊपर और बारह वर्ष से कम आयु के ऐसे शिशु द्वारा की जाती है जिसकी समझ इतनी परिपक्व नहीं हुई है कि वह उस अवसर पर अपने आचरण की प्रकृति और परिणामों का निर्णय कर सके .'' इसका साफ मतलब ये है कि जो शिशु ७ से १२ वर्ष के बीच का है और अप...