1.25 करोड़ रूपये का स्थाई गुजारा भत्ता दें -सुप्रीम कोर्ट

( shalini kaushik law classes ) सुप्रीम कोर्ट ने पति को संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपरिवर्तनीय विच्छेद के आधार पर विवाह विच्छेद करते समय अपनी पत्नी को 1.25 करोड़ रुपये का स्थायी गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने मद्रास हाईकोर्ट का आदेश के विरुद्ध अपील पर सुनवाई की, जिसमें प्रतिवादी-पत्नी द्वारा क्रूरता के आधार पर फैमिली कोर्ट द्वारा पति के पक्ष में दिए गए तलाक का आदेश रद्द कर दिया गया। हाईकोर्ट का निर्णय रद्द करते हुए जस्टिस विक्रम नाथ द्वारा लिखित निर्णय में विवाह विच्छेद के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत न्यायालय की अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग किया गया, जिसमें कहा गया कि " फैमिली कोर्ट द्वारा उसके पक्ष में पारित तलाक के आदेश के आधार पर पति द्वारा किए गए पुनर्विवाह के कारण विवाह अपरिवर्तनीय रूप से टूट गया।" अदालत ने कहा, "यह स्पष्ट है कि दोनों पक्षों के बीच सुलह की कोई संभावना नहीं है। वे 2010 से यानी लगभग 15 वर्षों से अलग रह रहे हैं। उनके बीच वैवाहिक संबंध का कोई निशान नहीं है। किसी भी पक्ष ने अपन...