Birth certificate system उत्तर प्रदेश -हर लेवल पर मौजूद बेईमानी की हद" -इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्य के बर्थ सर्टिफिकेट जारी करने के सिस्टम की कड़ी आलोचना की। हाईकोर्ट ने यह आलोचना उस वक्त की, जब उसे पता चला कि एक याचिकाकर्ता ने दो अलग-अलग बर्थ सर्टिफिकेट बनवाए, जिनमें जन्म की तारीखें बिल्कुल अलग-अलग हैं। यह देखते हुए कि यह सिस्टम " हर लेवल पर मौजूद बेईमानी की हद" को दिखाता है, जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता की बेंच ने मेडिकल और हेल्थ डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को यह सुझाव देने के लिए बुलाया कि एक व्यक्ति को सिर्फ़ एक ही बर्थ सर्टिफिकेट जारी किया जाए। बेंच ने 18 नवंबर को पास किए गए एक ऑर्डर में कहा, "पहली नज़र में यह एक गड़बड़ है। ऐसा लगता है कि कोई भी, किसी भी समय, राज्य में कहीं से भी, अपनी मर्ज़ी से डेट ऑफ़ बर्थ सर्टिफ़िकेट जारी करवा सकता है। एक तरह से यह दिखाता है कि हर लेवल पर कितनी बेईमानी है। इन डॉक्यूमेंट्स को बनवाना कितना आसान है, जिन्हें बताई गई बातों के मज़बूत पहली नज़र में सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है, यहां तक कि क्रिमिनल केस के लिए भी।" यह मामला शिवंकी नाम की एक महिला की रिट पि...