AIBE XX -9️⃣ BCI rules ( नंबर दिलाने वाला आसान क़ानून )
कुल 10 दिन रह गए हैँ आपके पास परीक्षा की तैयारी के लिए, अखिल भारतीय बार परीक्षा के लिए परीक्षार्थी वर्तमान में बहुत व्यस्त हैं. कचहरी में लॉ बुक्स विक्रेता AIBE XX के परीक्षार्थी के लिए बहुत सी पुस्तकें लेकर आ रहे हैं जिनसे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की जा सके. पुस्तकों में बेयर एक्ट्स के साथ साथ गाइड्स भी हैं किन्तु आपके लिए लाभदायक हैं हर तरह से बेयर एक्ट्स क्योंकि आपको परीक्षा हॉल में केवल बेयर एक्ट्स ले जाने की ही परमिशन होती है और यदि आपने बेयर एक्ट्स से ही अध्ययन किया है तो आपको परीक्षा में आये प्रश्नों का उत्तर देने के लिए विकल्प ढूंढने में भी आसानी रहती है. AIBE XX के लिए महत्वपूर्ण क़ानून नम्बर 8️⃣ अपकृत्य कानून (Law of Torts -Motor Vehicles Act और Consumer Protection Act सहित) के बाद हम आपके लिए लाये हैं AIBE XX -9️⃣ BCI rules ( नंबर दिलाने वाला आसान क़ानून )जिसे आप ब्लॉग कानूनी ज्ञान पर पढ़ सकते हैं और यू ट्यूब व्लॉग @IndianLawSK28 पर सुन सकते हैं.
➡️ कुल प्रश्न-
व्यावसायिक नैतिकता और कदाचार के मामले के बीसी आई रूल्स से संबंधित 4 प्रश्न आएंगे जो कि 4 नम्बर आपको दिला सकते हैं यदि आप सभी प्रश्नों के सही उत्तर दें पाते हैं.
➡️ महत्व
यह सीधे उन नियमों का परीक्षण करता है जो एक अधिवक्ता के रूप में आपके आचरण को न्यायालय में नियंत्रित करेंगे। जवाब एक ही छोटी नियम पुस्तिका में मिलते हैं।
➡️ ध्यान से पढ़ें-
1️⃣ अधिवक्ता के 7 दीप (7 lamps of advocacy)-
अधिवक्ता के 7 दीप (7 lamps of advocacy) वकालत के वे सात आवश्यक गुण हैं जो एक सफल और नैतिक वकील के लिए जरूरी माने जाते हैं। इन्हें न्यायमूर्ति एबॉट पैरी ने अपनी पुस्तक "द सेवन लैंप्स ऑफ एडवोकेसी" में परिभाषित किया है। ये हैं: ईमानदारी, साहस, परिश्रम, बुद्धि, वाक्पटुता, निर्णय और संगति।
✒️ ईमानदारी (Honesty): यह वकील के विचारों, शब्दों और कार्यों में सत्यनिष्ठा को संदर्भित करता है। इसमें मुवक्किलों के प्रति स्पष्टता और न्याय के प्रति निष्ठा शामिल है।
✒️ साहस (Courage): सही बात के लिए खड़े होना और बिना किसी डर के चुनौतियों का सामना करना, यह साहस का प्रतीक है।
✒️ परिश्रम (Industriousness): इसमें किसी मामले के लिए कड़ी मेहनत करने की तत्परता और लगन शामिल है।
✒️ बुद्धि (Intellect): यह सही समय पर सही बात कहने और विश्लेषण करने की क्षमता है। इसमें हास्य बोध और तीक्ष्णता भी शामिल है।
✒️ वाक्पटुता (Eloquence): अपनी बात को प्रभावी ढंग से और स्पष्ट रूप से व्यक्त करने की क्षमता, जो सुनने वालों को प्रभावित कर सके।
✒️ निर्णय (Judgment): सही और गलत में भेद करने की क्षमता और मामलों में एक ठोस, विचारशील निर्णय लेने की क्षमता।
✒️ संगति (Consistency): यह वकील के विचारों और कार्यों में निरंतरता बनाए रखने को दर्शाता है, ताकि वह हमेशा एक जैसा और विश्वसनीय रहे।
2️⃣ न्यायालय, मुवक्किल, विरोधी और सहकर्मियों के प्रति एक वकील के कर्तव्य-
एक वकील को न्यायालय, मुवक्किल, विरोधी पक्ष और सहकर्मियों के प्रति कई कर्तव्यों का पालन करना होता है, जिसमें मुवक्किल के हितों की रक्षा करना, न्यायालय के प्रति सम्मान बनाए रखना, निष्पक्ष और सम्मानजनक तरीके से कार्य करना, और पेशेवर नैतिकता का पालन करना शामिल है।
➡️ मुवक्किल के प्रति कर्तव्य
✒️ अपने मुवक्किल के हितों की रक्षा निष्पक्ष और सम्मानजनक तरीके से करना, भले ही व्यक्तिगत राय कुछ भी हो।
✒️ मामले से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी मुवक्किल को देना।
✒️ केवल मुवक्किल या उसके एजेंट के निर्देशानुसार कार्य करना।
✒️ मुवक्किल को व्यर्थ मुकदमेबाजी से बचने की सलाह देना।
✒️ सक्षम प्रतिनिधित्व प्रदान करना।
➡️ न्यायालय के प्रति कर्तव्य
✒️ न्यायालय के नियमों और शिष्टाचार का पालन करना और गरिमा बनाए रखना।
✒️ अदालत में हमेशा पेशेवर रूप से और निर्धारित पोशाक में उपस्थित होना।
✒️ न्यायालय की प्रक्रिया के दुरुपयोग से बचना।
✒️ मुवक्किल के लिए हमेशा अदालत में उपस्थित रहना, भले ही फीस न मिली हो, जब तक कि मुवक्किल अनुबंध समाप्त न कर दे।
✒️ निडर होकर अपना पक्ष रखना।
➡️ विरोधी पक्ष के प्रति कर्तव्य
✒️ विरोधी पक्ष के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करना और व्यक्तिगत हमले से बचना।
✒️ झूठे साक्ष्य या भ्रामक तर्क का उपयोग न करना।
✒️ अनावश्यक देरी या उत्पीड़न से बचना।
✒️ यह सुनिश्चित करना कि कानूनी कार्यवाही निष्पक्ष हो।
➡️ सहकर्मियों के प्रति कर्तव्य
✒️ विरोधी वकीलों के साथ किसी भी प्रकार का अवैध या अनुचित व्यवहार न करना।
✒️ अपने मुवक्किल को भी ऐसा अनुचित व्यवहार करने से रोकना।
✒️ अदालत में बहस के दौरान अपनी भाषा का प्रयोग गरिमापूर्ण तरीके से करना।
✒️ जब किसी वकील ने किसी मुवक्किल का मामला स्वीकार कर लिया हो, तो उसी पक्षकार के लिए किसी अन्य वकील को उपस्थित होने से रोकना।
3️⃣ विज्ञापन और काम मांगने के खिलाफ नियम-
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के नियमों के तहत, वकीलों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से विज्ञापन करने या काम मांगने (soliciting work) की सख्त मनाही है। यह प्रावधान मुख्य रूप से नियम 36 के अंतर्गत आता है, जो अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के तहत बनाया गया है।
➡️ मुख्य नियम और प्रावधान
✒️ पूर्ण प्रतिबंध: नियम 36 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एक वकील प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से, चाहे वह परिपत्रों, विज्ञापनों, दलालों, व्यक्तिगत संचार, या साक्षात्कारों के माध्यम से हो, काम नहीं मांग सकता या अपना विज्ञापन नहीं कर सकता।
✒️ अप्रत्यक्ष प्रचार पर रोक: यह प्रतिबंध केवल सीधे विज्ञापनों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें समाचार पत्रों में टिप्पणियाँ देना, अदालती जीत की तस्वीरें या कहानियाँ प्रकाशित करवाना, या मीडिया प्रचार के अन्य रूप भी शामिल हैं।
✒️ सोशल मीडिया और प्रभावित करने वाले (Influencers): बीसीआई ने हाल ही में वकीलों को सोशल मीडिया पर अनैतिक विज्ञापन या प्रचार गतिविधियों के लिए अभिनेताओं या प्रभावशाली व्यक्तियों (influencers) का उपयोग करने के खिलाफ सख्त चेतावनी जारी की है, इसे पेशेवर दुराचार माना गया है।
✒️ पेशे की गरिमा: इन प्रतिबंधों का उद्देश्य कानूनी पेशे की गरिमा और शुचिता को बनाए रखना है, क्योंकि इसे एक "नोबल प्रोफेशन" (noble profession) माना जाता है, न कि केवल एक व्यापार या व्यवसाय।
➡️ अपवाद/छूट
✒️ सीमित वेबसाइट जानकारी: 2008 में नियमों में कुछ बदलाव किए गए, जिससे लॉ फर्मों/वकीलों को अपनी आधिकारिक वेबसाइटों पर कुछ सीमित जानकारी (जैसे नाम, पता, शैक्षणिक योग्यता, विशेषज्ञता के क्षेत्र) प्रदर्शित करने की अनुमति मिली, बशर्ते यह जानकारी तथ्यात्मक हो और प्रचार/विज्ञापन के रूप में न हो।
इन नियमों का उल्लंघन पेशेवर कदाचार माना जाता है, जिसके परिणामस्वरूप संबंधित राज्य बार काउंसिल द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
➡️ तैयारी का तरीका:
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों को कम से कम एक बार जरूर पढ़ें, यह एक छोटा दस्तावेज़ है, और प्रश्न सीधे नियमों से आते हैं। यह पूरे अंक हासिल करने के लिए एक बहुत ही आसान क्षेत्र है क्योंकि ये एक अधिवक्ता के पेशे की गरिमा से जुड़े नियम हैं, इनका जीवन में अपनाना जरुरी है न कि अन्य क़ानूनों की तरह रटना क्योंकि जब कोई नियम आदत में शुमार हो जाता है तब उससे जुड़ा कोई भी प्रश्न आपके पेन से सही उत्तर पर ही क्लिक कराता है.
हमारे सुझावों पर ध्यान केंद्रित कर पढ़ाई करें.परीक्षा नजदीक है, शेष बचा एक लॉ जल्दी लेकर आ रहे हैँ, शीघ्रता से सब्सक्राइब कीजिये व्लॉग @IndianLawSK28 को और ब्लॉग http://shalinikaushikadvocate.blogspot.com को, पोस्ट को लाइक और शेयर करना न भूलें, साथ ही पोस्ट को लेकर अपनी समस्या और अनुभव जरूर बतायें और अगर कुछ और जानकारी चाहिए तो जरूर बतायें.
धन्यवाद 🙏🙏
द्वारा
शालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली )

बहुत ज्ञानवर्धक जानकारी दी है आपने, AIBE लगता है पास कर ही लेंगे आपकी पोस्ट को पढ़ने वाले छात्र 👍
जवाब देंहटाएंउत्साहवर्धन हेतु धन्यवाद 🙏🙏
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