वक्फ संशोधन--पूरे क़ानून पर रोक लगाने से इंकार-सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने 14 सितंबर 2025 को वक्फ संशोधन याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि
"किसी भी कानून को असंवैधानिक मानना बहुत दुर्लभ मामलों में ही किया जाता है। "
मौजूदा याचिका में पूरे वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को चुनौती दी गई थी, लेकिन असली विवाद कुछ खास धाराओं पर था। याचिका की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने पूरे कानून पर रोक लगाने से इनकार किया है, लेकिन कुछ धाराओं पर रोक लगाई है जो निम्न हैं-
🌑 धारा 3(r): पाँच साल तक "इस्लाम का पालन" करने की शर्त नियम बने बिना मनमाना इस्तेमाल हो सकती है, इसलिए रोकी गई.
🌑 धारा 2(c) का प्रावधान: वक्फ संपत्ति को वक्फ संपत्ति न मानने वाला प्रावधान रोका गया।
🌑 धारा 3C: कलेक्टर को वक्फ संपत्ति के अधिकार तय करने का अधिकार देना गलत है। जब तक अदालत फैसला नहीं करती, संपत्ति के अधिकार प्रभावित नहीं होंगे और वक्फ को बेदखल नहीं किया जाएगा।
🌑 ग़ैर-मुस्लिम सदस्य: वक्फ बोर्ड में ग़ैर-मुस्लिम सदस्य 4 से ज़्यादा और राज्य स्तर पर 3 से ज़्यादा नहीं होंगे।
🌑 धारा 23: पदेन अधिकारी (Ex-officio) मुस्लिम समुदाय से ही होना चाहिए।
आभार 🙏👇
प्रस्तुतिशालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली )
विचारणीय निर्णय
जवाब देंहटाएंटिप्पणी हेतु आभार 🙏🙏
हटाएंWaqf Board में गैर मुस्लिम को रखना अनुचित कार्य है. आगे हिन्दुओं के ट्रस्ट में मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति को इसी आधार पर जोड़ने की याचिका दायर होने लगेगी.
जवाब देंहटाएंसहमत, टिप्पणी हेतु धन्यवाद 🙏🙏
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