तिरंगे का कानून के अनुसार सम्मान करें सभी भारतीय


 उत्तर प्रदेश सरकार ने इस साल भी 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान चलाये जाने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं । इस दौरान जनता को निजी व सरकारी प्रतिष्ठानों पर झंडा फहराने के लिए प्रेरित किया जाएगा .        आजादी के अमृत महोत्सव के तहत वर्ष 2022 में आरम्भ हर घर तिरंगा अभियान में इस बार भी स्मृति चिह्न के रूप में सुरक्षित रखे गए तिरंगे झंडों का प्रयोग होगा। 11 से 17 अगस्त 2024 तक स्वतंत्रता सप्ताह के रूप में और 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान मनाये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा जारी किए गए हैं. हर घर तिरंगा अभियान की सफलता के लिए जिलों में भाजपा के कार्यालयों के साथ ही डाकघरों से भी तिरंगे झंडों की बिक्री की जा रही है। रविवार को भी हर जगह झंडा बिक्री के लिए पोस्ट आफिस खुले रखने के आदेश किए गए हैं। देश के साथ प्रदेश में भी आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत हर घर तिरंगा अभियान की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। हर घर तिरंगा अभियान के तहत राष्ट्रीय ध्वज की तेजी से बिक्री की सुविधा के लिए सरकार अपनी तरफ से लगी हुई है। हर घर तिरंगा अभियान के तहत सभी डाकघर स्वतंत्रता दिवस से पहले छुट्टी के दिनों में भी खुले रहेंगे। 

      राष्ट्रीय ध्वज फहराने के अमृत महोत्सव के अंतर्गत भारतीय सरकार द्वारा 2022 में हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत की गई. घर घर पर भारतीय जनता द्वारा पूरे उत्साह से तिरंगे फहराए गए किन्तु कहीं पर भी न तो तिरंगा फहराने के नियमों का प्रचार प्रसार किया गया और न ही पालन किया गया और ऐसे में हाल यह रहा कि कहीं तिरंगा उल्टा फहराता नजर आया तो कहीं भगवा रंग के झंडे से नीचे लगाया गया दिखाई दिया. कहीं कपड़ों की गठरी पर बँधा हुआ दिखाई दिया तो कहीं सड़कों पर फटकर उड़ता हुआ नजर आया, यही नहीं कितने ही घरों पर अभी भी फटा हुआ तिरंगा लहरा रहा है जबकि राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम 1971 के अंतर्गत तिरंगे की इन सभी दशाओं को दंडित किया गया है. 

   विकिपीडिया बताता है कि राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 भारत की संसद का एक अधिनियम है जो राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय प्रतीक, राष्ट्रगान , राष्ट्रीय आदर्श वाक्य, संविधान और भारत के मानचित्र सहित देश के राष्ट्रीय प्रतीकों के अपमान या अपवित्रता पर रोक लगाता है ।

राष्ट्रीय ध्वज और संविधान

जो कोई किसी सार्वजनिक स्थान पर या सार्वजनिक दृश्य में किसी अन्य स्थान पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज या भारत के संविधान या उसके किसी भाग को जलाएगा, विकृत करेगा, विरूपित करेगा, अपवित्र करेगा, विकृत करेगा, नष्ट करेगा, कुचलेगा या अन्यथा अनादर प्रदर्शित करेगा या अवमानना ​​करेगा (चाहे मौखिक या लिखित शब्दों द्वारा या कृत्यों द्वारा), उसे तीन वर्ष तक के कारावास या जुर्माने या दोनों से दंडित किया जाएगा ।

स्पष्टीकरण 5 - भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के प्रति अनादर का अर्थ है और इसमें शामिल है -

(क) भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का घोर अपमान या अपमान किया गया हो; या

(ख) किसी व्यक्ति या वस्तु को सलामी देने के लिए भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को झुकाना; या

(ग) भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग करना:-

(i) किसी भी प्रकार की पोशाक, वर्दी या सहायक वस्तु के भाग के रूप में जिसे किसी व्यक्ति द्वारा कमर के नीचे पहना जाता है; या

(ii) कुशन, रूमाल, नैपकिन, अंडरगारमेंट्स या किसी ड्रेस सामग्री पर कढ़ाई या मुद्रण करके; या

(च) भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर किसी भी प्रकार का अभिलेख लगाना; या

(छ) गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस सहित विशेष अवसरों पर समारोहों के भाग के रूप में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराए जाने से पहले फूलों की पंखुड़ियों के अलावा किसी अन्य वस्तु को प्राप्त करने, वितरित करने या ले जाने के लिए एक पात्र के रूप में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग करना ; या

(ज) किसी प्रतिमा या स्मारक या वक्ता की मेज या वक्ता के मंच को ढकने के लिए भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग करना; या

(i) भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को जानबूझकर ज़मीन या फर्श पर छूने देना या पानी में छोड़ देना; या

(जे) भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को हुड, शीर्ष, पार्श्व या पीछे या किसी वाहन, रेलगाड़ी, नाव या वायुयान या किसी अन्य समान वस्तु पर लपेटना; या

(ट) किसी भवन को ढकने के लिए भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग करना; या

(ठ) जानबूझकर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को केसरिया रंग से नीचे फहराना।

       यह बात गौर करने लायक है कि तिरंगे को भारतीय संविधान द्वारा राष्ट्रीय ध्वज घोषित किया गया है और हमारी सेनाएं और सैनिक अपना पूरा जीवन तिरंगे के सम्मान में ही बलिदान कर देते हैं. आजादी से लेकर आज तक तिरंगे का सम्मान बनाए रखने के लिए हमारे फौजियों ने देश के दुश्मनों के दांत खट्टे किए हैं और अपने प्राण न्यौछावर किए हैं. पूरे विश्व में भारत की पहचान हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है और इसीलिए इसका सम्मान बनाए रखना हम भारतीयों का प्रथम कर्तव्य है. हम भारतीयों के लिए सबसे बड़ा धर्म राष्ट्र धर्म है और राष्ट्र धर्म की अगुआई हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे द्वारा की जाती है इसीलिए राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान को बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम 1971 में दंडात्मक प्रावधान किए गए हैं और जैसे ही कोई अधिनियम राजपत्र में प्रकाशित हो जाता है उसके बारे में भारतीय कानून द्वारा यह धारणा कर ली जाती है कि इस कानून का ज्ञान सभी भारतीयों को है और राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम 1971 में ही भारत में लागू हो चुका है इसीलिए सभी भारतीयों को इसकी जानकारी कानूनी रूप से हुई कही जाएगी. अतः सभी भारतीयों से विनम्र निवेदन है कि वे राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम 1971 के प्रावधानों के अंतर्गत ही राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को अपने घरों, प्रतिष्ठानों पर फहराएं और राष्ट्रीय ध्वज के साथ साथ हमारे फौजियों के, हमारी सेनाओं के और हमारे शहीदों की शहादत का सम्मान करते हुए स्वतंत्रता दिवस मनायें. 

जय हिंद - जय भारत 🇮🇳



द्वारा 

शालिनी कौशिक एडवोकेट 

अध्यक्ष 

मन्दिर महादेव मारूफ शिवाला 

कांधला धर्मार्थ ट्रस्ट (रजिस्टर्ड) 


  


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