अधिवक्ता समुदाय का गौरव - श्री मनन कुमार मिश्र

  


     बार काउंसिल ऑफ इंडिया के 7 बार से चेयरमैन बने रहने का रिकॉर्ड कायम करने वाले बिहार के गोपालगंज से अधिवक्ता श्री मनन कुमार मिश्र को बिहार से राज्यसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशी के रूप में उतारा है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन को राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया जाना अधिवक्ता समुदाय के लिए एक बड़े सम्मान के रूप में देखा जा रहा है. 

*जन्म 

     मनन कुमार मिश्रा मूल रूप से बिहार के गोपालगंज जिले के कुचायकोट प्रखंड के तिवारी खरेया गांव के मूल निवासी हैं। मनन कुमार मिश्र के पिता पंडित शिवचंद्र मिश्र गोपालगंज सिविल कोर्ट के बड़े अधिवक्ता थे. उनकी प्रारंभिक पढ़ाई गोपालगंज जिले में ही हुई है। 

*शिक्षा एवं कार्यक्षेत्र 

     मनन कुमार मिश्रा ने 1980 में पटना लॉ कॉलेज से वकालत की डिग्री हासिल कर गोपालगंज सिविल कोर्ट में वकालत शुरू की। वह अपने बैच के टापर व गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं। गोपालगंज में एक साल वकालत करने के बाद उन्होंने 1982 में पटना हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की।  पहली बार 1989 में बिहार स्टेट बार काउंसिल के सदस्य बने। इसी बीच 2007 में उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता बनाया गया। पहली बार 2010 में वह बीसीआई में स्टेट बार काउंसिल के प्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित हुए थे। वह भाजपा से जुड़ कर दल के लिए कार्य करते रहे है।

*बार काउंसिल ऑफ इंडिया में 

    2010 में स्टेट बार काउंसिल बिहार के प्रतिनिधि के रूप में मनन कुमार मिश्र बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य बने. वे पहली बार अप्रैल 2012 में बीसीआई के चेयरमैन निर्वाचित हुए और इसके बाद जीत का सिलसिला अब तक जारी है। 

*रिकार्ड 

     मनन कुमार मिश्रा के नाम सात बार बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआई) का चेयरमैन निर्वाचित होने का रिकार्ड है। वह इस समय भी  बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष हैं। सुप्रीम कोर्ट में वकालत करते हैं। मिश्रा पहली बार अप्रैल 2012 में बीसीआई के चेयरमैन निर्वाचित हुए। तब से वह लगातार चुनाव जीत रहे हैं। अभी उनका सातवां कार्यकाल चल रहा है।

     राज्यसभा देश की संसदीय प्रणाली में उच्च सदन के रूप में प्रतिष्ठित है. संविधान के अनुच्छेद 80 में राज्य सभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 निर्धारित की गई है, जिनमें से 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नामनिर्देशित किए जाते हैं और 238 सदस्य राज्यों के और संघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि होते हैं। तथापि, राज्य सभा के सदस्यों की वर्तमान संख्या 245 है, जिनमें से 233 सदस्य राज्यों और संघ राज्यक्षेत्र दिल्ली तथा पुडुचेरी के प्रतिनिधि हैं और 12 राष्ट्रपति द्वारा नामनिर्देशित हैं। राष्ट्रपति द्वारा नामनिर्देशित किए जाने वाले सदस्य ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्हें साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा जैसे विषयों के संबंध में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव है। ऐसे में देश में विद्वान समुदाय से ताल्लुक रखने वाले अधिवक्ता वर्ग को भी राष्ट्रपति द्वारा नाम निर्देशन में स्थान मिलना चाहिए किन्तु संविधान लागू होने के 75 वें वर्ष तक भी यह अधिकार अधिवक्ताओं को प्राप्त नहीं हुआ है जबकि अधिवक्ता संविधान की एक मुख्य कड़ी हैं. 

          ऐसे में, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन को राज्यसभा उप चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाकर भारतीय जनता पार्टी ने अधिवक्ता समुदाय को एक बड़ा सम्मान दिया है. श्री मनन कुमार मिश्रा जी के राज्यसभा उपचुनाव में जीत की संभावना को देखते हुए अधिवक्ताओं में हर्ष का माहौल है और पूरे देश के अधिवक्ता समुदाय को आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि अब अधिवक्ताओं की आवाज सत्ता के गलियारों में और भी मजबूत स्थान ग्रहण करेगी. बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन माननीय श्री मनन कुमार मिश्र जी को राज्यसभा सदस्य चयनित होने के लिए अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं. 

द्वारा 

शालिनी कौशिक 

एडवोकेट 

कैराना (शामली) 

   

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