@snappygirls02 के सास ससुर के घर और स्त्रीधन के कानूनी अधिकार


(सपना चौधरी के सास ससुर के घर और स्त्रीधन के कानूनी अधिकार shalini kaushik law classes - link) 

      आज यू ट्यूब के फॅमिली व्लॉग ऑनलाइन व्यूवर्स की पहली पसंद बने हुए हैं। कई मिलियन Subscribers  के साथ व्यूवर्स की विशेष पसंद बने @TheRott और @snappygirls02 के ओनर सूरज चौधरी थे. सूरज चौधरी की धर्मपत्नी सपना चौधरी की इन व्लॉग को कामयाबी तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही। कोरोना काल में दुर्भाग्यवश सूरज चौधरी का कोरोना संक्रमण के कारण आकस्मिक निधन हो गया तब सपना व सूरज की नवजात पुत्री आरू मात्र कुछ माह की थी। पारिवारिक दबाव में सपना को बच्ची के भविष्य को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से सूरज चौधरी के छोटे भाई राजवीर चौधरी से विवाह स्वीकार करना पड़ा। सपना के जीवन में पुनः खुशियां आई। राजवीर व सपना के एक और प्यारी सी बच्ची आरोही हुई। विधाता पर कुछ और ही खेल खेल रहा था। सपना मायके गई हुई थी और इधर राजवीर चौधरी को एक तेज रफ्तार गाड़ी ने कुचल डाला जिसके कारण उसकी भी मृत्य हो गई। अब परिवार में बचे केवल सास-ससुर, सपना, दोनों बच्चियां और सास द्वारा गोद ली गई(अनौपचारिक रूप से) अपने सगे भाई की बेटी अंशु। जैसा कहा जाता है कि पति के बाद ससुराल बहू का नहीं का रह जाता है, ऐसा ही यहां हुआ। सपना को सास-ससुर ने परेशान करना आरंभ कर दिया। सपना की तबीयत खराब होने पर केवल अंशु उसका ख्याल रखती। आखिरकार सास को अंशु की सपना के प्रति सहृदयता भी पसंद नहीं आई और अंशु को उसके पापा को बुलाकर वापस उसके असली घर भेज दिया गया और सपना को भी इतना मानसिक रूप से प्रताड़ित किया कि उसे अपनी व अपनी पुत्रियों के प्राणों की रक्षा हेतु घर छोड़ना पड़ा। सास-ससुर ने न केवल बहू सपना व दोनों पोतियों को घर से निकाल दिया बल्कि सपना को उसका स्त्री धन व ग्वालियर में स्थित प्रापर्टी में हक देने से भी इंकार कर दिया।

 अब जहां तक ये सब बातें हैं, ये हमारे समाज की असलियत दिखाती हैं अगर हम इनमें सपना चौधरी के पक्ष में खाली खाली बात करते हैं तो वे महज मानवतावादी बातें होगीं, जिनसे किसी को कुछ नहीं मिलता. हम यहां बताने जा रहे हैं सपना चौधरी के कानूनी अधिकारों के बारे में, आज हम केवल सपना चौधरी के कानूनी अधिकारों की बात करेंगे, जिन्हें देखते हुए सपना अगर कानून का दरवाजा खटखटाती हैं तो वे जान सकती हैं कि उन्हें क्या क्या मिल सकता है -

     सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2020 में बहू के पक्ष में एक ऐतिहासिक फैसला दिया . सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि बहू को उसके पति के माता-पिता के घर में रहने का अधिकार है .जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने तरुण बत्रा मामले में दो न्यायाधीशों की पीठ के फैसले को पलट दिया है.कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि घरेलू हिंसा की शिकार पत्नी को पति के माता-पिता के मकान में रहने का हक मिलेगा. सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत दिए अपने फैसले में साफ कहा है कि पीड़ित पत्नी को ससुराल में सास-ससुर के मकान में केवल रहने का कानूनी अधिकार होगा. पति की अर्जित की हुई संपत्ति यानि पति द्वारा अलग से बनाए हुए घर पर तो पत्नि का अधिकार होगा ही.सुप्रीम कोर्ट ने अपने डेढ़ सौ पेज के फैसले में घरेलू हिंसा कानून 2005 का हवाला देते हुए कई बातें स्पष्ट की है.तरुण बत्रा मामले में दो जजों की बेंच ने कहा था कि कानून में बेटियां, अपने पति के माता-पिता के स्वामित्व वाली संपत्ति में नहीं रह सकती हैं. अब तीन सदस्यीय पीठ ने तरुण बत्रा के फैसले को पलटते हुए 6-7 सवालों के जवाब दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि पति की अलग-अलग संपत्ति में ही नहीं, बल्कि साझा घर में भी बहू का अधिकार है.

     इसके साथ ही हम बता रहे हैं स्त्रीधन के बारे में, जिसके बारे में कानून कहता है कि - "स्त्रीधन का बंटवारा नहीं हो सकता है. हिंदू विवाह कानून के तहत स्त्रीधन पर बहू का एकाधिकार होता है। इसका बंटवारा नहीं हो सकता। स्त्रीधन पति, सास-ससुर समेत किसी के भी निगरानी में रखा गया हो, उस पर सिर्फ बहू का अधिकार होता है।

इसके साथ ही यह भी जान लीजिए कि स्त्रीधन कहते किसे हैं? वैवाहिक रीति-रिवाजों और समारोहों के दौरान महिला को मिलने वाले तोहफे स्त्रीधन होते हैं. जैसे, जेवरात सहित चल-अचल संपत्ति या फिर किसी भी तरह का उपहार और नकदी जो मुंह दिखाई एवं अन्य रस्मों के दौरान मिलता है। ये सभी स्त्रीधन के दायरे में आते हैं।

        ऐसे में, पहले तो सपना चौधरी की सास उसे घर से निकाल ही नहीं सकती थी, भले ही घर सास या ससुर किसी के भी नाम मे हो, दूसरे, सपना चौधरी के स्त्रीधन पर कोई भी हक सपना की सास का नहीं बैठता है, वह तो सास को सपना के हवाले करना ही होगा और यही नहीं अभी सपना के पास इन कठोर सास ससुर के दोनों बेटों की सन्तान दो बेटियां आरू और आरोही भी हैं और उनके भी अपने पिता के घर में काफी अधिकार बैठते हैं जो सास ससुर को अपनी पोतियों को देने ही होंगे. इसलिए सपना चौधरी को चाहिए कि अन्याय के आगे झुकना छोड़कर अपना और अपनी बच्चियों का हक कानून की राह पर आगे बढ़ कर प्राप्त करें. 

द्वारा 

शालिनी कौशिक 

एडवोकेट 

कैराना (शामली) 



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